आज की पोस्ट में हम भारतीय संविधान संशोधन 42nd Amendment को पढेंगे ,इसके महत्त्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे |
42वाँ संविधान संशोधन – 42nd Amendment(1976)-
तीसरे आपात काल के दौरान प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी की सरकार द्वारा किया गया यह संशोधन अब तक पारित सभी संशोधनों में सबसे व्यापक था।
इसके द्वारा संविधान में 2 नये अध्याय (4-क), (14-क) और 2 नये अनुच्छेद को जोङा गया तथा 52 अनुच्छेद में संशोधन किया गया था। इसकी व्यापकता के कारण ही इस संशोधन को लघु संविधान की संज्ञा दी जाती है।
प्रमुख परिवर्तन अधोलिखित हैं-⇒ संविधान की प्रस्तावना में ’समाजवादी पंथ निरपेक्षता और अखण्डता’ शब्दों को जोङा गया।
⇒ अनुच्छेद 31 ग में संशोधन कर सभी नीति निदेशक तत्वों को मौलिक अधिकारों पर प्राथमिकता प्रदान किया गया गया तथा राज्य के नीति निदेशक तत्वों का विस्तार करते हुए निम्न तीन निदेशक तत्वों को संविधान में शामिल किया गया है
1. समान न्याय और निशुल्क विधिक सहायता (अनुच्छेद 39 क),
2. उद्योगों के प्रबन्ध में कर्मकारों का भाग लेना (अनुच्छेद 43-क),
3. पर्यावरण की रक्षा और सुधार तथा वन और वन्य जीवों की सुरक्षा (अनुच्छेद 48-क)
42 amendment of indian constitution
⇒ संविधान में भाग-4 क व अनुच्छेद 51 क जोङकर 10 मौलिक कर्तव्यों का समावेश किया गया। ध्यातव्य है कि वर्तमान में मौलिक कर्तव्यों की संख्या 11 हैं।
⇔ इस संशोधन द्वारा अनुच्छेद 368 में दो नया खण्ड (4) और खण्ड (5) जोङा गया। खण्ड (4) यह उपबन्धित करता था कि संसद द्वारा किए संविधान संशोधनों को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकेगी तथा खण्ड (5) संदेह के निवारण के लिए यह घोषित करता था कि इस अनुच्छेद के अन्तर्गत संविधानके उपबन्धों को जोङने परिवर्तित करने या निरसित करने के लिए संसद की विधायी शक्ति पर कोई परिसीमन नहीं होगा।
⇒ इस संशोधन द्वारा वन, सम्पदा, शिक्षा, जनसंख्या नियंत्रण तथा परिवार नियोजन, बाट तथा माप, जानवर तथा पक्षियों को सुरक्षा आदि विषयों को समवर्ती सूची के अन्तर्गत कर दिया गया।
⇔ लोकसभा एवं विधासभाओं की अवधि को पाँच से बढ़ाकर छह वर्ष कर दिया गया।
⇒ सभी विधानसभाओं एवं लोकसभा की सीटों की संख्या को 2001 तक के स्थिर कर दिया गया।
⇔ आपात उपबन्ध के सम्बन्ध में निम्न दो मुख्य परिवर्तन किया गया-
1. राष्ट्रपति पूरे देश के साथ-साथ अब देश के किसी एक भाग में भी अनुच्छेद 352 के तहत आपात की घोषणा कर सकेगा।
2. अनुच्छेद 356 के तहत राज्यों में आपात घोषणा के पश्चात् संसद द्वारा अनुमोदन के बाद छः महीने लागू रह सकती थी, अब यह एक वर्ष तक लागू रह सकती है।
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⇒ इस संशोधन अधिनियम द्वारा संविधान में एक नया भाग 14-क जोङा गया।
इसमें दो अनुच्छेद (223 क और 223 ख) हैं। इसके तहत सिविल सर्वेन्ट्स के लिए न्यायाधिकरणों की स्थापना की व्यवस्था किया गया है।
⇔ केन्द्र को यह अधिकार दिया गया कि वह राज्यों मे केन्द्रीय सुरक्षा बलों को तैनात कर सकते हैं।
⇒ संसद को यह अधिकार दिया गया कि वह यह निर्णय कर सकती है कि कौन सा पद लाभ का पद है।
⇔ यह प्रावधान किया गया कि संसद तथा राज्य विधान मण्डलों के लिए गणपूर्ति आवश्यक नहीं है।
भारतीय संविधान के महत्त्वपूर्ण अनुच्छेद
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