आज के आर्टिकल में हम भारत का नक्शा (Bharat ka Naksha) के बारे में महत्वपूर्ण फैक्ट्स जानेंगे। हमारे आर्टिकल में आपको भारत का मानचित्र (Bharat ka Manchitra) अच्छे से समझाया जाएगा , तो आर्टिकल को पूरा पढ़ें और सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करें। (Bharat ka map, India ka map, Bharat ka naksha, India map in hindi, India ka naksha, Bharat manchitra, India Map Outline,India map with States and Capitals)
भारत का नक्शा – India ka Map
भारत की भौगोलिक स्थिति – Bharat ka Naksha
सबसे पहले हमें भारत की अक्षांशीय और देशांतरीय स्थिति को जानना होगा, इसलिए हम अक्षांशीय और देशांतरीय स्थिति को जान लेते है।
भारत की अक्षांशीय स्थिति
- भारत की अक्षांशीय स्थिति 804’ उत्तरी अक्षांश से 3706’ उत्तरी अक्षांश है।
- भारत का दक्षिणतम विस्तार तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक है।
- अक्षांशीय विस्तार का अन्तर – 2902’
भारत की देशांतरीय स्थिति
- भारत की देशातंरीय स्थिति 6807’ पूर्वी देशान्तर से 97025’ पूर्वी देशान्तर है।
- देशांतरीय विस्तार का अन्तर – 29018’
- देशांतरीय विस्तार का प्रभाव भारत के समय पर पङता है। समय की दृष्टि से 10 की दूरी पर 4 मिनट का अंतर आता है और 150 की दूरी पर 60 मिनट यानी एक घंटे का अंतर आता है।
विश्व मानचित्र पर भारत की स्थिति
- भारत भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित है और भूमध्य रेखा से भारत 876 किलोमीटर दूर उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
- भारत ग्रीनविच से पूर्व में है। जहाँ पर भूमध्य रेखा और ग्रीनविच रेखा मिलती है वहाँ से भारत उत्तर-पूर्व दिशा में है।
- विश्व मानचित्र पर भारत उत्तर-पूर्व गोलार्द्ध में स्थित है।
एशिया में भारत की स्थिति
- भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है।
कटिबन्धीय स्थिति
भूमध्य रेखा से कर्क रेखा के बीच में भारत में उष्ण कटिबन्ध होता है। कर्क रेखा से 66.50 तक शीतोष्ण कटिबन्ध है। अतः भारत उष्ण व शीतोष्ण कटिबन्ध में स्थित है।
भारत के साथ अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाने वाले देश – India Political Map
भारत की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा 7 देशों से लगती है।
- पाकिस्तान (3323 किमी.)
- अफगानिस्तान (106 किमी.)
- चीन (3488 किमी.)
- नेपाल (1751 किमी.)
- भूटान (639 किमी.)
- म्यामांर (1643 किमी.)
- बांग्लादेश (4096.7 किमी.)
पाकिस्तान से सीमा बनाने वाले राज्य – राजस्थान, गुजरात, पंजाब, लद्दाख (केन्द्रशासित प्रदेश), जम्मू कश्मीर (केन्द्रशासित प्रदेश)।
भारत और पाकिस्तान के बीच रेडक्लिफ रेखा (3323 किमी.) अन्तर्राष्ट्रीय सीमा का निर्धारण करती है।
पाकिस्तान, लद्दाख और जम्मू कश्मीर के बीच में बनने वाले सीमा को एलओसी (LOC) कहते है।
Note –
अफगानिस्तान से सीमा बनाने वाले राज्य – लद्दाख और जम्मू-कश्मीर (केन्द्रशासित प्रदेश)
सबसे छोटी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा अफगानिस्तान बनाता है।
चीन से सीमा बनाने वाले राज्य – लद्दाख, हिमालय प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश।
भारत और चीन के बीच की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा को ’मैकमोहन रेखा’ कहा जाता है। 1914 में सर हेनरी मैकमोहन ने इस सीमा का निर्धारण किया था।
नेपाल से सीमा बनाने वाले राज्य – उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, सिक्किम, पश्चिम बंगाल।
भारत और नेपाल के बीच ’कालापानी-लिपुलेख विवाद’ है।
भूटान से सीमा बनाने वाले राज्य – अरूणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, पश्चिम बंगाल।
म्यांमार से सीमा बनाने वाले राज्य – अरूणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम।
बांग्लादेश से सीमा बनाने वाले राज्य – असम, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम।
उत्तरप्रदेश के साथ 8 राज्यों तथा एक केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली की सीमा लगती है।
- हिमाचल प्रदेश
- उत्तराखंड
- हरियाणा
- मध्यप्रदेश
- राजस्थान
- छत्तीसगढ़
- झारखण्ड
- बिहार।
5 राज्य जो न तो अन्तर्राष्ट्रीय सीमा और ना ही समुद्रीय सीमा बनाते हैं – हरियाणा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना।
सबसे लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा राजस्थान की है और सबसे छोटी सीमा नागालैण्ड की है।
भारत का विस्तार – Bharat ka Naksha
- भारत का उत्तर-दक्षिण विस्तार 3214 किलोमीटर और पूर्व-पश्चिम विस्तार 2933 किलोमीटर है।
- भारत का आकार चतुष्कोणीय है।
- भारत की स्थलीय सीमा 15200 किलोमीटर है।
- भारत की सबसे लंबी स्थलीय सीमा बांग्लादेश बनाता है।
- भारत का क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किमी. है, यह विश्व के क्षेत्रफल का 2.42 प्रतिशत है। इसकी जनसंख्या विश्व की जनसंख्या की 17.5 प्रतिशत है।
विश्व का सातवां बङा देश भारत है। - भारत के पूर्वी छोर और पश्चिमी छोर में समय का अन्तर 117 मिनट है।
- अरुणाचल प्रदेश, नागालैण्ड, मणिपुर, मिजोरम, असम, मेघालय, त्रिपुरा इन राज्यों को ’सात बहनों का राज्य’ कहते है।
भारत का उत्तरत्तम बिन्दु इन्दिरा काॅल (लद्दाख), दक्षिणतम बिन्दु इंदिरा प्वाइंट (ग्रेट निकोबार) पिग्मेलियर या पारसन बिंदु, पूर्वत्तम बिन्दु वलांगू किब्यतू (अरुणाचल प्रदेश), पश्चितम बिन्दु गौहर माता (सरक्रीक) (गुजरात)।
कर्क रेखा – Kark Rekha in India
कर्क रेखा भारत के कितने राज्यों से गुजरती हैं?
कर्क रेखा भारत के लगभग मध्य से गुजरती है।
कर्क रेखा 8 राज्यों से गुजरती है –
- गुजरात
- राजस्थान
- मध्यप्रदेश
- छत्तीसगढ़
- झारखण्ड
- प. बंगाल
- त्रिपुरा
- मिजोरम।
ध्यान देवें : कर्क रेखा की सबसे अधिक लम्बाई मध्यप्रदेश और कम लम्बाई राजस्थान में है।
मानक समय रेखा
- भारतीय मानक समय रेखा – 82030’ पूर्वी देशांतर (इलाहाबाद के नैनी)।
- यह देशांतर रेखा उत्तरप्रदेश इलाहाबाद के नैनी से होकर गुजरती है।
- मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से भारतीय मानक समय रेखा और कर्क रेखा दोनों गुजरती है।
भारतीय मानक समय रेखा 5 राज्यों से गुजरती है –
- उत्तरप्रदेश
- मध्यप्रदेश
- छत्तीसगढ़
- उङीसा
- आंध्रप्रदेश।
भारत के राज्य और उनका गठन वर्ष
राज्य | गठन |
---|---|
हिमाचल प्रदेश | 25 जनवरी 1971 |
हरियाणा | 1 नवम्बर 1966 |
गुजरात | 1 मई 1960 |
गोवा | 30 मई 1987 |
छत्तीसगढ़ | 1 नवम्बर 2000 |
बिहार | 26 जनवरी 1950 |
असम | 26 जनवरी 1950 |
पश्चिम बंगाल | 26 जनवरी 1950 |
उत्तराखंड | 9 नवम्बर 2000 |
उत्तर प्रदेश | 24 जनवरी 1950 |
त्रिपुरा | 21 जनवरी 1972 |
तेलंगाना | 2 जून 2014 |
तमिलनाडु | 26 जनवरी 1950 |
सिक्किम | 16 मई 1975 |
राजस्थान | 1 नवम्बर 1956 |
पंजाब | 1 नवम्बर 1966 |
अरुणाचल प्रदेश | 20 फ़रवरी 1987 |
ओडिशा | 26 जनवरी 1950 |
नागालैंड | 1 दिसम्बर 1963 |
मिजोरम | 20 फ़रवरी 1987 |
मेघालय | 21 जनवरी 1972 |
मणिपुर | 21 जनवरी 1972 |
महाराष्ट्र | 1 मई 1960 |
मध्य प्रदेश | 1 नवम्बर 1956 |
केरल | 1 नवम्बर 1956 |
कर्नाटक | 1 नवम्बर 1956 |
झारखंड | 15 नवम्बर 2000 |
आंध्र प्रदेश | 1 अक्टूबर 1953 |
भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश – India ka Naksha
वर्तमान में भारत में 28 राज्य है।
भारत के 28 राज्य | |
1. राजस्थान | 15. पंजाब |
2. महाराष्ट्र | 16. कर्नाटक |
3. नागालैंड | 17. मेघालय |
4. मणिपुर | 18. उत्तराखंड |
5. पश्चिम बंगाल | 19. गोवा |
6. तेलंगाना | 20. हरियाणा |
7. असम | 21. मिजोरम |
8. त्रिपुरा | 22. अरुणाचल प्रदेश |
9. मध्यप्रदेश | 23. हिमाचल प्रदेश |
10. तमिलनाडु | 24. केरल |
11. गुजरात | 25. छत्तीसगढ़ |
12. सिक्कम | 26. बिहार |
13. आंध्रप्रदेश | 27. झारखंड |
14. उत्तरप्रदेश | 28. उङीसा |
वर्तमान में भारत में 8 केन्द्रशासित प्रदेश है।
भारत के 8 केन्द्रशासित प्रदेश | |
केन्द्रशासित प्रदेश | राजधानी |
(1) लद्दाख | लेह (सर्दी), कारगिल (गर्मी) |
(2) जम्मू कश्मीर | श्रीनगर (गर्मी), जम्मू (सर्दी) |
(3) चण्डीगढ़ | चण्डीगढ़ |
(4) दिल्ली | दिल्ली |
(5) दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव | दमन |
(6) पुडुचेरी | पुडुचेरी |
(7) लक्षद्वीप | कावारत्ती |
(8) अण्डमान निकोबार | पोर्ट ब्लेयर |
भारत की तटीय रेखा
भारत के 9 राज्य समुद्रीय सीमा बनाते है। भारत की समुद्रीय सीमा की लम्बाई 6100 किलोमीटर है। द्वीपों सहित कुल समुद्रीय सीमा की लम्बाई 7516.6 किलोमीटर है।
समुद्री सीमा बनाने वाले राज्य –
- गुजरात
- महाराष्ट्र
- गोवा
- कर्नाटक
- केरल
- तमिलनाडु
- आंध्रप्रदेश
- उङीसा
- पश्चिम बंगाल।
सबसे लम्बी तटीय सीमा गुजरात राज्य की है जबकि दूसरी सबसे लम्बी तट रेखा आंध्रप्रदेश के पास है एवं तीसरे तमिलनाडु की है। सबसे छोटी तटीय सीमा गोवा राज्य की है।
भारत की भौगोलिक स्थिति – Bharat ka Naksha
- भारत में क्षेत्रफल के आधार पर सबसे बङा राज्य राजस्थान और सबसे छोटा राज्य गोवा है।
- जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बङा राज्य उत्तरप्रदेश है। जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य गोआ है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बङा केन्द्रशासित प्रदेश अंडमान-निकोबार द्वीप समूह तथा सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप है।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बङा केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली है और सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप है।
- भारत के 16 राज्य और 2 केन्द्रशासित प्रदेश स्थलीय सीमा/अन्तर्राष्ट्रीय सीमा बनाते है।
- भारत के दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी के निकट बंगाल की खाङी, अरब सागर और हिन्द महासागर का संगम है।
- अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात के बीच सूर्योदय में 2 घंटे का अंतर होता है।
- भारत का पूर्व-पश्चिम सर्वाधिक विस्तार 220 उत्तरी अक्षांश पर मिलता है।
- भारत और श्रीलंका के बीच स्थित द्वीपीय शृंखला को ’एडम ब्रिज’ कहा जाता है।
- केरल और तमिलनाडु में विषुवतरेखा के निकट होने के चलते हमेशा तापमान अधिक रहता है।
- विषुवतीय रेखा से दूर और अधिक ऊँचाई पर स्थित होने के कारण जम्मू-कश्मीर का तापमान बहुत कम होता है। अक्षांशीय दूरी बढ़ने से दिन-रात की अवधि में अंतर आता है।
- केरल और तमिलनाडु में सबसे छोटे और सबसे बङे दिन में 45 मिनिट का अंतर होता है जबकि लेह में यह 5 घंटे का होता है।
- दक्षिण में श्रीलंका भारत से पाक जलराधि तथा मन्नार की खाङी द्वारा अलग होता है।
- भारत के कुल 17 राज्य पङौसी देश की सीमा से जुङते है।
- भारत का सबसे बङा पठारी राज्य मध्यप्रदेश है।
- भारत का सबसे बङा मरुस्थलीय राज्य राजस्थान है।
- भारत का सबसे बङा मैदानी राज्य उत्तरप्रदेश है।
- भारत में दो द्वीपीय प्रदेश है – (1) अंडमान निकोबार द्वीपसमूह (बंगाल की खाङी), (2) लक्षद्वीप (अरब सागर)
- भारत में कुल 247 द्वीप है।
- भारत का सबसे बङा मैदानी राज्य उत्तरप्रदेश है।
- भारत का सर्वाधिक जनसंख्या-घनत्व वाला केन्द्रशासित प्रदेश दिल्ली है।
- सबसे कम जनसंख्या-घनत्व वाला केन्द्रशासित प्रदेश अंडमान निकोबार द्वीप समूह है।
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोङ है।
- जनसंख्या की दृष्टि से भारत का विश्व में दूसरा स्थान है।
- भारत का जनसंख्या घनत्व 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- भारत का सबसे बङा जिला लद्दाख है और सबसे छोटा जिला मणिपुर है।
- भारत की राजधानी नई दिल्ली है।
भारत के प्रमुख राज्यों के तटों के नाम – Bharat Naksha
राज्य | तट |
तमिलनाडु | कोरोमंडल तट |
कर्नाटक | कन्नङ तट |
आंध्रप्रदेश | उत्तरी सरकार |
उङीसा | उत्कल तट |
कोलकाता | बंगाल तट |
महाराष्ट्र + गोवा | कोंकङ तट |
केरल | मालाबार तट |
भारत के महत्त्वपूर्ण चैनल
- 8 चैनल – मालदीव व मिनिकाय
- 9 चैनल – लक्षद्वीप व मिनिकाय
- 10 चैनल – अंडमान व निकोबार
- ग्रेट या महान चैनल – सुमात्रा (इंडोनेशिया या निकोबार)
- पाक जलडमरुमध्य – भारत और श्रीलंका
- कोको जलडमरुमध्य – कोको द्वीप (म्यांमार) व उत्तरी अंडमान।
- सर क्रीक – भारत व पाकिस्तान के मध्य विवादित
- डंकन पा – दक्षिण अंडमान व लघु अंडमान
- मन्नार की खाङी – दक्षिण पश्चिम व श्रीलंका
भारत के पर्वत एवं पहाङियाँ
पर्वत/पहाङियाँ | स्थिति |
कैमूर पर्वत | मध्यप्रदेश |
मैकाल पर्वत | मध्यप्रदेश |
विन्ध्याचल | मध्यप्रदेश |
अमरकंटक | मध्यप्रदेश |
सतपुङा | महाराष्ट्र |
राजमहल पहाङियाँ | बिहार |
गारो, खासी, जयन्तिया | मेघालय |
पटकोई पहाङियाँ | अरुणाचल प्रदेश |
अरावली पर्वतमाला | राजस्थान |
अनईमुदी | तमिलनाडु |
नीलगिरि पहाङियाँ | तमिलनाडु, कर्नाटक |
इलायची की पहाङियाँ | केरल |
लौह अयस्क क्या है ?
ऐसे अयस्क जिनके द्वारा लोहा प्राप्त किया जाये और पृथ्वी पर ये खनिज अवस्था में प्राप्त हो, उन्हें लौह अयस्क कहते है। लौह अयस्क को खदानों के माध्यम से निकाला जाता है और यह पृथ्वी में भारी मात्रा में उपलब्ध होता है। लौह अयस्क जब धरती से निकाला जाता है तब उसमें कई अशुद्धियाँ होती है। इन अशुद्धियों का अलग करके शुद्ध लोहा प्राप्त किया जाता है। लौह अयस्क में जो अशुद्धियाँ होती है, उनको ’आसार या गैंग’ कहा जाता है। लौह अयस्क में यदि गैंग की मात्रा अधिक होगी तो उस अयस्क में लोहे मात्रा कम होगी।
लौह अयस्क उत्पादन वाले देश
लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में सर्वाधिक उत्पादन वाले चार देश हैं-
- चीन
- आस्ट्रेलिया
- ब्राजील
- भारत।
भारत का लौह अयस्क के उत्पादन में विश्व में चौथा स्थान है। जबकि संचित भंडार सर्वाधिक भारत में ही है। विश्व में लौह अयस्क के उत्पादन की दृष्टि से कर्नाटक एव उङीसा राज्य प्रथम स्थान पर है। दूसरा स्थान झारखंड का है। भारत में लौह अयस्क प्रायद्वीपीय भारत की धारवाङ क्रम की चट्टानों में पाया जाता है।
लौह अयस्क के प्रकार
धातु अंश के आधार पर लोहा मुख्यतः चार प्रकार का होता है –
- हेमेटाइट
- मैग्नेटाइट
- लिमोनाइट
- सिटेराइट
(1) हेमेटाइट – इस लोहे में धातु का अंश 60 प्रतिशत से 70 प्रतिशत तक पाया जाता है। इसका रंग लाल और भूरा होता है। यह जलज शैलों में पाया जाता है।
(2) मैग्नेटाइट – इस लोहे में धातु का अंश 72 प्रतिशत तक होता है। इसका रंग काला होता है। यह आग्नेय शैलों में पाया जाता है।
(3) लिमोनाइट – इसमें धातु का अंश 40 प्रतिशत से 60 प्रतिशत होता है। इसका रंग पीला होता है। यह अवसादी शैलों में पाया जाता है।
(4) सिडेराइट – इसमें धातु का अंश 10 प्रतिशत से 48 प्रतिशत तक होता है। इस लोहे को आयरन कार्बोनेट कहते है। इसका रंग भूरा होता है।
प्रमुख लौह अयस्कों के नाम
- मेग्नेटाइट
- हैमेटाइट
- सिडेराइट
- पाइराइट
- क्रोमाइट
- गोएथाइट
- टैकोनाइट
- लिमोनाइट
- इल्मेनाइट।
सूती वस्त्र उद्योग
सूती वस्त्र उद्योग क्या है ?
सूती एक प्राकृतिक रेशे वाली फसल है। सूती वस्त्र उद्योग वह उद्योग है जिसमें रेशे से कपङे बनाये जाते है। यह विश्व के सबसे पुराने उद्योगों में से एक प्रमुख उद्योग है। सूती वस्त्र कपास से बनाये जाते है और यह पूरे विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण फाइबर फसल है। कपास की फसल सूती कपङा उद्योग को कच्चा माल प्रदान करती है। कपास चीन, भारत और मध्य एशिया के लिए सूती वस्त्र उद्योग में उपयोगी रहा है। 18 वीं शताब्दी तक यूरोप में सूती वस्त्र का प्रचलन रहा था, उस समय कपास की मशीनों के माध्यम से कताई और बुनाई होती थी इसलिए इसका सस्ते में और बङे पैमाने पर उत्पादन होने लग गया था। 19 वीं शताब्दी मे सूती वस्त्र उद्योग की शुरूआत हुई और ये यूरोप और दुनिया के अन्य देशों में बहुत तीव्रता से विकसित हुआ। इसके परिणामस्वरूप विश्व के विभिन्न हिस्सों में कपास की खेती जबरदस्त वृद्धि हुई थी।
विश्व में सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केन्द्र
- चीन
- भारत
- रूस
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- जापान
- यूरोप।
भारत में सूती वस्त्र उद्योग
- सूती वस्त्र उद्योग भारत का सबसे प्राचीन एवं बङा उद्योग है।
- भारत में जनसंख्या अधिक है तथा यहाँ कि उष्ण एवं उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु के कारण यहाँ सूती वस्त्रों का बहुत बङा बाजार स्थापित है।
- इससे भारत की लगभग 5 करोङ जनसंख्या को रोजगार प्राप्त हुआ है।
- भारत के सभी राज्यों में सूती वस्त्र उद्योग की मिलें स्थापित हैं।
भारत में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना
- भारत में सूती वस्त्र की पहली मिल 1818 ई. में कोलकाता के समीप फोर्ट ग्लास्टर में स्थापित की गई, जो कि असफल रही।
- भारत का पहला सफल सूती वस्त्र कारखाना 1854 ई. में बंबई में कावसजी नानाभाई डाबर द्वारा स्थापित किया गया, इसमें 1856 ई. में उत्पादन प्रारम्भ हुआ।
- भारत में सूती वस्त्र उद्योग का विकास होता गया और वर्ष 1988 तक भारत में सूती वस्त्र उद्योग की 1227 मिलों की स्थापना हो चुकी थी।
भारत में सूती वस्त्र उद्योग के प्रमुख केन्द्र
भारत में सर्वाधिक कपास का उत्पादन महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में होता है। सूती वस्त्र उद्योग का सर्वाधिक केन्द्रीकरण महाराष्ट्र और गुजरात में है। सूती वस्त्र उद्योग के सर्वाधिक कारखाने महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं गुजरात राज्य में स्थित है। वर्तमान में तमिलनाडु भारत में सर्वाधिक सूती वस़्त्र उद्योग केंद्र है। कोयंबटूर में भारत का सबसे अधिक सूती वस्त्र उद्योग केंद्र है। भारत सरकार द्वारा सूती वस्त्र उद्योग के विकास एव आधुनिकीकरण के लिए ’राष्ट्रीय वस्त्र निगम’ का गठन किया गया है।
- महाराष्ट्र
- गुजरात
- पश्चिम बंगाल
- तमिलनाडु
- आन्ध्रप्रदेश
- उत्तरप्रदेश
- मध्यप्रदेश
- कर्नाटक
- केरल।
महाराष्ट्र में सूती वस्त्र उद्योग
भारत में महाराष्ट्र सूती वस्त्र उद्योग में सबसे प्रथम एवं आगे है। महाराष्ट्र भारत का 38 प्रतिशत सूत तैयार करता है। मुंबई को ’’भारत का काॅटनोपोलिस’’ कहा जाता है। महाराष्ट्र राज्य के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – मुंबई, शोलापुर, पुणे, नागपुर, जलगाँव, वर्धा, अकोला, कोल्हापुर, सांगली, सतारा।
गुजरात में सूती वस्त्र उद्योग –
भारत में गुजरात सूती वस्त्र उद्योग में दूसरा सबसे बङा राज्य है। यह देश का 7.5 प्रतिशत सूती धागा तथा 26 प्रतिशत कारखाना निर्मित वस्त्र तैयार करता है। राज्य में सूती वस्त्र उद्योग का सबसे बङा केंद्र अहमदाबाद है तथा मुम्बई के बाद अहमदाबाद देश का सबसे बङा केंद्र है। अहमदाबाद को ’भारत का मैनचेस्टर एवं पूर्व का बोस्टन’ कहा जाता है।
गुजरात राज्य के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – बङोदरा, सूरत, भरूच, राजकोट, भावनगर, पोरबंदर, कलोल, अहमदाबाद, नादियाड, मोरवी, वीरमगाँव।
तमिलनाडु –
तमिलनाडु देश का 42.2 प्रतिशत कारखाना निर्मित सूती धागे का उत्पादन होता है। वस्त्र उत्पादन (9.5 प्रतिशत) में इसका देश में तृतीय स्थान है। यहाँ कच्चे माल, दक्ष श्रम, सस्ती जल विद्युत तथा बाजार की सुविधायें प्राप्त हैं। इस राज्य में कोयम्बटूर सबसे बङा केेंद्र है। कोयंबटूर ’दक्षिण भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाता है।
तमिलनाडु राज्य के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – कोयंबटूर, सेलम, चेन्नई, मदुरै, तिरूनलवेली, तूथूकुडि, सेलम, तंजावरि, रामनाथपुरम, विरूधनगर, उदुमलपेट, पोल्लाची, तूतीकूरिन।
उत्तरप्रदेश – उत्तरप्रदेश में सूत्री वस्त्र उद्योग का अधिक विकास पश्चिमी भाग में हुआ है। इस राज्य का सबसे बङा केंद्र कानपुर है, जिसे ’उत्तर भारत का मैनचेस्टर’ कहा जाता है।
उत्तरप्रदेश के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – मोदीनगर, कानपुर, हाथरस, अलीगढ़, सहारनपुर, आगरा, रामपुर, इटावा, मुरादाबाद, गाजियाबाद, मेरठ, वाराणसी।
पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल का सबसे बङा सूती वस्त्र निर्माण केंद्र कोलकाता है। कोलकाता को आर्द्र जलवायु, रानीगंज से कोयला, घनी जनसंख्या से श्रमिक, रसायन उद्योग से धोने एवं रंगने की सुविधा उपलब्ध है। परिवहन सुविधा में कोलकाता एक बंदरगाह भी है जिससे यहां आयात निर्यात की सुविधा रहती है।
पश्चिम बंगाल के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – कोलकाता, हावङा, सोदेपुर, सेरामपुर, श्यामनगर, मुर्शिदाबाद, घुसुरी, सैकिया, पानीहाटी, मौरीग्राम, फुलेश्वर।
मध्यप्रदेश – मध्यप्रदेश में कपास पर्याप्त मात्रा में उगाया जाता है। साथ ही यहाँ कोयला भी बहुत है। आर्थिक पिछङापन होने के कारण श्रमिक भी आसानी से मिल जाते है।
मध्यप्रदेश के अन्य प्रमुख वस्त्र उत्पादक केंद्र – ग्वालियर, उज्जैन, नागदा, देवास, भोपाल, जबलपुर, बुरहानपुर, राजनन्दगाँव, रतलाम तथा मन्दसौर।
कर्नाटक – कर्नाटक राज्य में सूती वस्त्र के अन्य प्रमुख केंद्र – बैंगलोर, बेलगाम, मैसूर, मंगलौर, चित्रदुर्ग, गलबर्गा।
आंध्रप्रदेश – आंध्रप्रदेश में सूती वस्त्र उद्योग की 53 मिलें है।
आंध्रप्रदेश में अन्य प्रमुख सूती वस्त्र के केंद्र – हैदराबाद, पूर्वी गोदावरी, सिकन्दराबाद, गुंटुर, वारंगल, तादेपल्ली।
केरल – केरल में सूती वस्त्र उद्योग की 26 मिलें है।
सूती वस्त्र उद्योग | |
भारत का काॅटनोपोलिस | मुंबई |
भारत का मैनचेस्टर | अहमदाबाद |
पूर्व का बोस्टन | अहमदाबाद |
दक्षिण भारत का मैनचेस्टर | कोयंबटूर |
उत्तर भारत का मैनचेस्टर | कानपुर |
कोयला क्षेत्र
विश्व में कोयले के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र
विश्व में कोयले के प्रमुख उत्पादक क्षेत्र | |
चीन | शांसी, मंचूरिया, शांटुंग, बीजिंग |
अमेरिका | अपलेसियन क्षेत्र, मिसौरी, ओकलाहोमा, आरकेंसास |
यूक्रेन | डोनट्स या डोनबास क्षेत्र |
रूस | माॅस्को टुला क्षेत्र, कुजबास, सखालीन, कुजनेट्स, कारागंडा (Kz) पिचैरा बेसिन |
जर्मनी | रुर घाटी, सार क्षेत्र, सेकसोनी, बेवेरिया, सालीशिया, वेस्फेलिया |
ब्रिटेन | नाॅटिंघम, यार्कशायर, डर्बीशायर, लंकाशायर, स्वानसी |
फ्रांस | नोर्ड, पास-डी-सिलास, लोरेन, ली-क्रिसोट, सेंट ऐटनी |
ऑस्ट्रेलिया | न्यू साउथ वेल्स |
भारत | राज्य – झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, उङीसा खानें – झरिया, बोकारो, रानीगंज, बेतूल, उमरिया, सुहागपुर, सिंगरौली, कोरेबा, सुरगुजा |
कोयला उत्पादन के प्रमुख क्षेत्र
- अप्लेशियन कोयला क्षेत्र
- उत्तरी अप्लेशियन कोयला क्षेत्र
- मध्य अप्लेशियन कोयला क्षेत्र
- दक्षिणी अप्लेशियनस कोयला क्षेत्र
- राॅकी पर्वतीय क्षेत्र
- प्रशांत तटीय कोयला क्षेत्र
- अन्तर्रदेशीय कोयला क्षेत्र
- खाङी तटीय कोयला क्षेत्र
- उत्तरी मैदान का कोयला क्षेत्र।
विश्व के प्रमुख कोयला उत्पादक देश
(1) संयुक्त राज्य अमेरिका
विश्व में संयुक्त राज्य अमेरिका कोयले के वार्षिक उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। कोयले की संचि राशि के दृष्टिकोण से तीसरे स्थान पर है। संयुक्त राज्य अमेरिका में विश्व का 28.5 प्रतिशत कोयले का उत्पादन होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कोयले के प्रमुख भण्डार अप्लेशियन के पश्चिम में और झीलों के दक्षिण में स्थित है, जो कि औद्योगिक निर्माण केन्द्रों के नजदीक पङते है।
(2) चीन
विश्व में चीन का कोयला-उत्पादन में तीसरा स्थान है और यहाँ कोयले के विशाल भण्डार स्थित है। चीन लगभग विश्व का 27.5 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करता है। चीन के मुख्य कोयला क्षेत्र उत्तरी भाग में है। चीन में मुख्य क्षेत्र शान्सी शेन्सी और जेचवान है।
- शांसी क्षेत्र या लोयस उच्च प्रदेश
- जेचवान क्षेत्र
- शाटुंग प्रायद्वीपीय क्षेत्र
- होनान प्रान्त
- कांसू क्षेत्र
- मंचूरिया को आन्हेई प्रान्त
- होपे क्षेत्र।
(3) रूस
विश्व में रूस का कोयला उत्पादन में छठा स्थान है। रूस विश्व के 4.4 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करता है। रूस के कोयला भण्डारों का लगभग 90 प्रतिशत भाग एशियाई रूस में स्थित है। यहाँ लगभग 80 स्थानों से कोयले का खनन किया जाता है।
- डोनबास
- कुजबास
- बुर्रिस्क
- इटस्क या बैकाल झील
- कारागण्डा
- मध्य एशिया या फरगना बेसिन
- बुरेइन्स्क या आमूर बेसिन
- कान्स्क
- यूराल
- मास्को-तुला
- कोलिमा
- पैचोरा
- नीना या याकूतिया
- काकेशस
- टुंगस्का या टुंगस
(4) यूक्रेन
डोनवास बेसिन जिसे ’डोनेट्स बेसिन’ भी कहते है।
(5) ब्रिटेन
यूरोप में कोयले का खनन सबसे पहले ब्रिटेन में ही किया गया था। ग्रेट ब्रिटेन का विश्व के कोयला उत्पादकों में बारहवाँ स्थान है। ब्रिटेन में उन्नीसवीं शताब्दी का औद्योगिक आधार कोयला था। यहाँ पर उत्तम किस्म का बिटुमिनस कोयला निकाला जाता है। यहाँ विश्व का 1.1 प्रतिशत कोयले का उत्पादन होता है। इनमें से बहुत सी खानों में उच्च कोटि का बिटुमिनस कोयला मिलता है।
ब्रिटेन की प्रमुख खानें –
- डरहम
- न्यू कासिल नाॅर्थ अम्बरलैंड
- यार्कशायर
- नोटिंघमशायर
- डर्बीशायर
- लंकाशीयर
- करबरलैंड
- कार्डिफ
- स्काॅटलैण्ड की घाटी
- ब्रिस्टल
- मिडलैण्ड्स
- डरहम।
(6) जर्मनी
जर्मनी का सबसे महत्त्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र रूर बेसिन है। यहाँ उच्च कोटि का बिटुमिनस कोयला मिलता है। अन्य महत्त्वपूर्ण कोयला उत्पादक क्षेत्र वेस्फेलिया, सेकसोनी, सालीशिया और बेवरिया है। इस क्षेत्र में 20 करोङ टन वार्षिक से भी अधिक कोयला उत्पन्न किया जाता है।
(7) फ्रांस
फ्रांस के मुख्य कोयला क्षेत्र नोर्ड, पास डी सीलास, लोरेन तथा ली क्रिसोट एवं सेण्ट एण्टीनी है।
(8) बेल्जियम और नीदरलैण्ड
साम्ब्रे म्यूज कोयला क्षेत्र फ्रांस से बेल्जियम तथा नीदरलैण्डस तक फैला हुआ है।
(9) दक्षिण अफ्रीका
इस देश में नेटाल तथा ट्रांसवाल में कोयला क्षेत्र पाए जाते है। नेटाल में उत्तम जाति का कोयला मिलता है।
(10) ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र निम्न है –
- न्यू साउथ वेल्स
- क्वींसलैंड
- विक्टोरिया प्रान्त।
(11) यूरोपीय देश
यूरोप महाद्वीप में कोयला उत्पादक अन्य देश निम्न है –
- यूगोस्लाविया
- रोमानिया
- उत्तरी स्पेन
- चेक एवं स्लोवाकिया
- बुल्गारिया।
भारत के कोयला क्षेत्र
- कोयला उत्पादन में भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। वर्तमान में भारत में कोयले का भण्डार 285 अरब टन है।
- कोयले का मुख्य रूप से उपयोग विद्युत उत्पादन में होता है। ताप विद्यृत गृहों में 67 प्रतिशत कोयले का प्रयोग होता है।
- वर्ष 1975 में स्थापित Coal India Ltd. द्वारा भारत में कोयले का निष्कर्षण किया जाता है। आधुनिक तकनीक से कोयला निकालने का सर्वप्रथम प्रयोग रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में किया गया था।
- सबसे महत्त्वपूर्ण कोयला क्षेत्र भी रानीगंज (पश्चिम बंगाल) में है।
- भारत में कोयले का सर्वाधिक भंडार झारखण्ड (29 प्रतिशत), उङीसा, छत्तीसमढ़, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल में है।
- भारत में कोयले का सर्वाधिक उत्पादन छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उङीसा, मध्यप्रदेश, आंध्रप्रदेश में है।
भारत के प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र
1. छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ भारत का सबसे ज्यादा कोयला निकालने वाला राज्य है। छत्तीसगढ़ भारत का लगभग 21 प्रतिशत कोयला उत्पादित करता है। कोयले के सुरक्षित भंडारों की दृष्टि से इसका भारत में तीसरा स्थान है। यहां भारत के 17 प्रतिशत कोयला भंडार सुरक्षित है। सोनहार, कोरबा, विश्रामपुर, लखनपुर, झिलमिली, चिरमिरी और मांङ-रायगढ़ छत्तीसगढ़ के प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं। राज्य में उत्पादित ज्यादातर कोयले का उपयोग बिजली बनाने के लिए किया जाता है।
2. झारखंड
झारखंड दूसरे स्थान पर भारत का सबसे ज्यादा कोयला निकालने वाला राज्य है जो हर साल भारत के कुल कोयला उत्पादन में लगभग 20 प्रतिशत योगदान देता है। कोयले के सुरक्षित भंडारों की दृष्टि से इसका भारत में पहला स्थान है। यहां भारत के 30 प्रतिशत से ज्यादा कोयले के भंडार सुरक्षित है। डरला, झरिया, बोकारो, गिरिडीह, करनपुरा और रामगढ़ झारखंड के प्रमुख कोयला निकालने वाले क्षेत्र है।
3. उङीसा
उङीसा भारत के कुल कोयला उत्पादन में हर साल लगभग 19 प्रतिशत का योगदान देता है जिसकी वजह से ये भारत का कोयला निकालने वाला तीसरा सबसे बङा राज्य है। यहाँ भारत के 25 प्रतिशत कोयले के भंडार सुरक्षित हैं।
’तल्चर’ ओडिशा का कोयला निकालने वाला प्रमुख क्षेत्र है। तल्चर की जमीन में राज्य का कुल 75 प्रतिशत कोयला सुरक्षित है। यहाँ मिलने वाला कोयला घटिया किस्म का है जिसकी वजह से उसका उपयोग भाप और गैस बनाने के लिए किया जाता है।
4. मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश हर साल भारत के 13 प्रतिशत कोयले का उत्पादन करता है जबकि यहां देश का मात्र 7 प्रतिशत कोयले का भंडार है। पहले मध्यप्रदेश कोयला उत्पादन करने वाला दूसरा सबसे बङा राज्य हुआ करता था लेकिन जब से छत्तीसगढ़ इससे अलग हुआ है तब से कोयला उत्पादन में पीछे रह गया है। यहाँ के मुख्य कोयला उत्पादक क्षेत्र सिंगरौली, सोहागपुर, जोहिल्ला और अमरिया हैं।
5. महाराष्ट्र
महाराष्ट्र भारत का तेजी से विकसित हो रहा राज्य है। यहाँ पर हर साल भारत का 9 प्रतिशत कोयला निकाला जाता है जबकि यहाँ पूरे देश के मात्र 3 प्रतिशत सुरक्षित कोयले के भंडार हैं। नागपुर, वर्धा, बलरपुर और बंदेर यहाँ के प्रमुख कोयला क्षेत्र हैं।
6. पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल भारत का 7 वां सबसे बङा कोयला उत्पादक क्षेत्र है। यहाँ कोयले के बङे भंडार सुरक्षित है। रानीगंज इस राज्य का सबसे प्रमुख कोयला क्षेत्र है, जिसका कुछ भाग झारखंड में भी पङता है। यहां आसनसोल शहर के पास कोयले की खानें बहुत मशहूर हैं। बांकुरा जिले के मेजिया में भी कोयला निकाला जाता है।
भारत में नदी घाटी कोयला क्षेत्र
भारत में कोयले की प्राप्ति दक्षिण पूर्व राज्यों की नदी घाटियों में होती है।
- दामोदर नदी घाटी कोयला क्षेत्र
- महानदी घाटी कोयला क्षेत्र
- सोन नदी घाटी कोयला क्षेत्र
- गोदावरी नदी घाटी कोयल क्षेत्र
- ब्राह्मणी नदी घाटी कोयला क्षेत्र।
भारत के प्रमुख कोयला क्षेत्र | |
राज्य | कोयला-क्षेत्र |
पश्चिम बंगाल | रानीगंज |
झारखंड | झरिया, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, करणपुरा, रामगढ़, डाल्टनगंज |
मध्यप्रदेश | सिंगरौली, सुहागपुर, जौहला, उमरिया, सतपुरा कोयला फील्ड |
ओडिशा | तालचेर, हिमगिरी, रामपुर |
आंध्रप्रदेश | कंटापल्ली, सिंगरेनी |
छत्तीसगढ़ | कोरबा, बिसरमपुर, सोनहट, झिलमिल, हस्दो-अरंड |
असम | मकुम, नजीरा, जानजी, जयपुर |
मेघालय | उमरलोंग, डांरगीगिरी, चेरपूंजी, मावलोंग, लैंग्रिन |
अरुणाचल प्रदेश | नाक्मचिक-नामफुक |
भारत के प्रमुख पठार – Bharat ka Naksha
पठार किसे कहते है ?
पृथ्वी के धरातल का वह विशिष्ट स्थल रूप होता है जो अपने आसपास के स्थल से काफी ऊँचा होता है तथा इसका शीर्ष भाग चौड़ा एवं सपाट होता है, वह पठार कहलाता है। पठार का क्षेत्रफल 16 लाख वर्ग किमी. है तथा इसका क्षेत्र 27.7 प्रतिशत है। भूपटल पर लगभग 33 प्रतिशत भाग पर पठार का विस्तार है, जो कि द्वितीय श्रेणी के उच्चावच होते है। पठार देश का का सबसे बङा भौतिक प्रदेश है। इनका आकार त्रिभुजाकार होता हैै। यह गोंडवाना लैण्ड का अवशेष है तथा आग्नैय शैलों द्वारा निर्मित है। भारत का प्रायद्वीपीय पठार एक मेज की आकृति वाला स्थल है। इस पठारी भाग में चौङी तथा छिछली घाटियाँ एवं गोलाकार पहाङियाँ है।
भारत के प्रमुख पठार | |
पठार | राज्य |
मालवा का पठार | पश्चिमी मध्यप्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और गुजरात |
बुुंदेलखण्ड का पठार | उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश |
बघेलखण्ड का पठार | छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश |
मेघालय/शिलांग का पठार | मेघालय |
छोटा नागपुर का पठार | झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल |
दक्कन का पठार | महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, तेलंगाना |
सतपुङा श्रेणी | पूर्वी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ |
महाराष्ट्र का पठार | महाराष्ट्र |
तेलंगाना का पठार | आन्ध्रप्रदेश के पश्चिमी भाग में |
पूर्वी घाट | पश्चिम बंगाल, उङीसा, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु |
पश्चिम घाट | गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु |
कर्नाटक का पठार | कर्नाटक, केरल |
मैकल का पठार | छत्तीसगढ़ |
छोटा नागपुर का पठार | झारखण्ड, छत्तीसगढ़, बिहार, उङीसा, पश्चिम बंगाल |
धारवाङ का पठार | कर्नाटक |
विध्यांचल का पठार | उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड |
दण्यकारण्य का पठार | उङीसा, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ |
लद्दाख का पठार | लद्दाख (केन्द्रशासित प्रदेश) |
भारत के पठारों का विभाजन
भारत में पठारों को दो भागों में विभाजित किया गया है।
- मध्यवर्ती उच्च भूमि
- दक्कन का पठार
(1) मध्यवर्ती उच्च भूमि
प्रायद्वीपीय पठार का वह भाग जो कि नर्मदा नदी के उत्तर में स्थित है तथा मालवा के पठार के अधिकतर भागों पर फैला है यह मध्य उच्चभूमि कहलाता है। विंध्य शृंखला भी दक्षिण में मध्य उच्चभूमि तथा उत्तर-पश्चिम में अरावली से घिरी हुई है। मध्य उच्चभूमि पश्चिम में तो चौङी है तथा पूर्व में संकीर्ण है। पश्चिम में तो यह धीरे-धीरे राजस्थान के बलुई तथा पथरीले मरुस्थल से मिलता है। इस क्षेत्र में चंबल, बेतवा, केन और सिंध नदियाँ बहती है, जो कि दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती है, ये नदियाँ ही इस क्षेत्र के ढाल को दर्शाती है। इस पठार के पूर्वी विस्तार को ’बुंदेलखंड तथा बघेलखंड’ के नाम से जाना जाता है।
- अरावली
- मालवा का पठार
- बुदेलखंड का पठार
- बघेलखण्ड का पठार
- छोटा नागपुर का पठार
- मेघालय का पठार
1. अरावली
अरावली पर्वत राजस्थान का एक विशिष्ट भौगोलिक प्रदेश है। अरावली विश्व की प्राचीनतम पर्वत श्रेणी है। यह राजस्थान के उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक फैली हुई है। अरावली पर्वत श्रेणी उत्तर में देहली से प्रारम्भ होकर गुजरात में पालनपुर तक लगभग 692 किमी. की लम्बाई में विस्तृत है। यह राजस्थान के 7 जिलों में विस्तरित हैं – उदयपुर, राजसमंद, अजमेर, जयपुर, सिरोही, अलवर तथा दौसा।
2. मालवा का पठार
मालवा का पठार पश्चिमी मध्यप्रदेश, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और गुजरात में अवस्थित है। यह काली मिट्टी और कपास की कृषि के लिए प्रसिद्ध है। यह ग्रेनाइट चट्टानों से बना हुआ है। इस पठार पर बेतवा, पार्वती, कालीसिंध, चंबल व माही नदियां प्रवाहित होती है। यह चम्बल के बीहङ में विस्तृत है। इसकी औसत ऊँचाई 500 मीटर है। इसका ढाल उत्तर की ओर है। यह लावा से निर्मित है।
3. बुन्देलखण्ड/बघेलखण्ड का पठार
यह पठार मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश में अवस्थित है। बघेलखण्ड का पठार विंध्याचल और सतपुङा का संक्रमण क्षेत्र है। मालवा पठार के उत्तरी पूर्वी भाग, चम्बल और संघ नदियों ने बीहङ खड्डों का निर्माण किया गया है, जिससे यहाँ की भूमि असमतल और अनुपजाऊ हो गयी है। यहाँ सिंगरौली तथा दुधी जैसी द्रोणियाँ अवस्थित है। इसके पूर्वी भाग में ग्रेनाइट चट्टानें मिलती है। बुंदेलखण्ड का पठार नीस चट्टानों से निर्मित है। यहाँ पर सोपानी वेदिकाएँ मिलती है। यहाँ पश्चिमी भाग में बालुका पत्थर व चूने का पत्थर मिलता है।
4. छोटा नागपुर का पठार
दक्कन के पठार का पूर्वोत्तर में विस्तार है। इसका कुल क्षेत्रफल 65000 वर्ग किमी. है। यह पठार झारखण्ड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार एवं छत्तीसगढ़ तक विस्तारित एक महाद्वीपीय पठार है। यह पाटभूमि है। यह अंग्रगंभीर पठार है। यह खनिज भण्डार की दृष्टि से सबसे सम्पन्न पठार है, इसलिए इसे भारत का रूर कहा जाता है। यहाँ रांची का पठार, कोडरमा पठार भी अवस्थित है। इसकी सबसे ऊँची चोटी हजारीबाग पठार में पारसनाथ है और यहाँ सोन, दामोदर तथा सर्व रेखा नदियाँ बहती है।
5. मेघालय का पठार
मेघालय पठार मेघालय राज्य में अवस्थित है। यह दक्कन के पठार का एक भाग है। यह गारो, खासी तथा जयंतिया पहाङियों से बना है। इस पठार की सबसे ऊँची चोटी नोकरेक (1421 मी.) है।
(2) दक्कन का पठार
दक्कन का पठार भारत का सबसे बङा पठार है। यह पठार त्रिभुजाकार है। इस पठार का महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना आदि राज्यों में विस्तार है। यह मध्य एवं दक्षिण भारत के राज्यों में विस्तारित विभिन्न भागों में भिन्न-भिन्न नामों से संबोधित है, जैसे – आंध्रप्रदेश में तेलंगाना पठार, पूर्वोत्तर भाग में छोटा नागपुर पठार उपस्थित है। दक्कन का पठार को विशाल प्रायद्वीपीय पठार के नाम से भी जाना जाता है। इसका निर्माण ज्वालामुखी क्रिया के लावा से निर्मित है। यहाँ काली मिट्टी सर्वाधिक है, जिसे ’दक्कन ट्रैप’ के नाम से जाना जाता है। यहाँ कपास की सबसे ज्यादा खेती होती है। यह सतपुङा श्रेणी के दक्षिण में है। इस पठार का एक भाग उत्तर-पूर्व में स्थित है जिसे स्थानीय रूप से ’मेघालय या शिलांग का पठार’ तथा ’उत्तर कचार पहाङी’ के नाम से जाना जाता है। इसके पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता है। यह सर्वाधिक क्षेत्र में फैला हुआ पठार है। इसके पश्चिम से पूर्व की ओर तीन प्रमुख शृंखलाएँ – गारो, खासी तथा जयंतिया है। दक्कन के पठार को ’पुराना गोंडवानालैण्ड’ कहते है।
- सतपुङा श्रेणी
- महाराष्ट्र का पठार
- तेलंगाना का पठार
- पूर्वी घाट
- पश्चिमी घाट
- तमिलनाडु पठार
- कर्नाटक का पठार
1. सतपुङा श्रेणी
सतपुङा श्रेणी उत्तर में तो नर्मदा की घाटियों और दक्षिण में तापी की घाटियों के बीच विंध्य के समानान्तर स्थित है। सतपुङा श्रेणी नर्मदा घाटी के दक्षिण में पूर्व से पश्चिम तक फैली हुई है। पूर्व में इसकी सीमा मैकल पर्वत बनाता है। यह 1350 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। मध्यप्रदेश में इसका विस्तार 270 से 230 उत्तर अक्षांशों तथा 74030’ से 810 पूर्वी देशांतरों के मध्य में फैला है। यह श्रेणी नर्मदा और गोदावरी नदियों के बीच का जल का विभाजन करती है। साथ ही यह नर्मदा और ताप्ती बेसिनों को अलग भी करती है।
2. महाराष्ट्र का पठार
महाराष्ट्र का पठार कोंकण तट और सहयाद्रि को छोङकर सम्पूर्ण महाराष्ट्र राज्य में विस्तारित है। इसमें दक्कन ट्रैप की बेसाल्ट शैलों की प्रधानता है।
3. तेलंगाना का पठार
तेलंगाना का पठार आन्ध्रप्रदेश के पश्चिमी भाग में अवस्थित है। यह पठार दक्कन के पठार का उत्तर पूर्वी भाग है। यह दक्षिण-पश्चिम मानसून का वृष्टिछाया प्रदेश है। इसके निचले समतल भाग में बङे-बङे शहर हैं – हैदराबाद, सिकन्दराबाद। रायलसीमा की उच्च भूमि इसके अन्तर्गत आती है।
4. पूर्वी घाट
पूर्वी घाट पश्चिम बंगाल, उङीसा, आंध्रप्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में विस्तारित है। इसका विस्तार उत्तर-पूर्व में महानदी की घाटी से लेकर दक्षिण में बंगाल की खाङी के समानान्तर नीलगिरी की पहाङियों तक फैला है। इसकी चौड़ाई उत्तर में तो 200 किलोमीटर है तथा दक्षिण में 100 किलोमीटर है।
5. पश्चिमी घाट
पश्चिमी घाट को सह्याद्री पहाङियों के नाम से जाना जाता है। पश्चिम घाट उत्तर में सतपुङा रेंज से गोवा के दक्षिण में, कर्नाटक के मध्य और केरल व तमिलनाडु से होते हुए कन्याकुमारी में हिंद महासागर तक फैला हुआ है। इस श्रेणी को उत्तरी महाराष्ट्र में तो सह्याद्री के नाम से तथा केरल में सह्या पर्वतम के नाम से जाना जाता है। दक्षिण या तमिलनाडु में इस श्रेणी को नीलगिरि मलाई के नाम से जाना जाता है। इसे यूनेस्को के विश्व धरोहर में मान्यता प्राप्त है।
6. कर्नाटक का पठार
कर्नाटक का पठार कर्नाटक राज्य में अवस्थित है। इसका दक्षिण भाग मैसूर पठार नाम से प्रचलित है। इसी पर कृृृष्णा और कावेरी नदी का प्रवाह तंत्र स्थित है। इसको कई इकाईयों में बँटा गया है – मलनाद उत्तरी उच्च भूमि, दक्षिण उच्च भूमि। यहाँ बाबा वूदन की पहाङियाँ स्थित है। यहाँ कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा नदियाँ है।
भारत के अन्य प्रमुख पठार
1. कार्बी आंग्लांग पठार – कार्बी आंग्लांग पठार पूर्वोत्तर राज्यों में विस्तारित है। इसकी औसत ऊँचाई 30 मीटर है।
2. शिलांग का पठार – शिलांग का पठार पूर्वोत्तर राज्य मेघालय के पूर्वी भाग में अवस्थित है। यह प्रायद्वीपीय पठार का एक भाग है। यह सबसे अधिक वर्षा वाला पठार है। यह सबसे गीला पठार है। यहाँ शिलांग शिखर, गारो, खाँसी जयन्तियाँ पहाङी अवस्थित है।
3. भांदेर का पठार – भांदेर का पठार मध्यप्रदेश में अवस्थित है। यह विंध्य शृंखला का एक भाग है।
4. मेवाङ का पठार – मेवाङ का पठार अरावली शृंखला और मालवा के पठार के बीच में विस्तारित है। यह पठार राजस्थान राज्य में अवस्थित है।
5. दंडकारण्य का पठार – दंडकारण्य का पठार उङीसा, छत्तीसगढ़ एवं आन्ध्रप्रदेश राज्यों में अवस्थित है। इसी पठार पर बैलाडिला लोहे की खदान स्थित है। यह पठार दक्षिण-पश्चिमी भाग का मलकान गिरि पठार के नाम से जाना जाता है।
6. धारवाङ का पठार – धारवाङ का पठार कर्नाटक राज्य में है। यह पठार परिवर्तित चट्टानों से बना हुआ है। इस पठार के पश्चिम भाग में बाबाबुदन की पहाङी तथा ब्रह्मगिरि की पहाङी है।
7. लद्दाख का पठार – लद्दाख का पठार लद्दाख (केन्द्रशासित प्रदेश) में अवस्थित है। यह भारत का सबसे ऊँचा पठार है। यह सबसे सूखा पठार है। यह सबसे कम वर्षा वाला पठार है।
भारत की प्रमुख नदियाँ – Bhart ka Map
नदी किसे कहते है ?
नदी भूतल पर प्रवाहित एक जलधारा है जिसका स्रोत कोइ झील, हिमनद, झरना या बारिश का पानी होता है तथा यह किसी सागर या झील में गिरती है।
भारत की प्रमुख नदियाँ | |
नदी | स्थान |
सिन्धु | तिब्बत |
ब्रह्मपुत्र | चीन, भारत और बांग्लादेश |
दामोदर | झारखंड |
स्वर्णरेखा | झारखंड |
वैतरणी | उङीसा |
ब्राह्मणी | उङीसा |
गोदावरी | महाराष्ट्र |
कृष्णा | महाराष्ट्र |
पेन्नार | कर्नाटक |
कावेरी | कर्नाटक |
वैगई | तमिलनाडु |
ताम्रपर्णी | तमिलनाडु |
लूनी | अजमेर (राजस्थान) |
साबरमती | उदयपुर (राजस्थान |
माही | मध्यप्रदेश |
नर्मदा | मध्यप्रदेश |
भारत की नदियाँ
सिन्धु नदी
- सिन्धु नदी को पंचनद भी कहा जाता है। सिन्धु नदी और पंचनद मिलकर सिन्धु नदी तंत्र बनाते है ये पाँच नदियाँ हैं जो उत्तर से दक्षिण की ओर बहती है – झेलम नदी, चिनाब नदी, रावी नदी, व्यास नदी तथा सतलज नदी (सहायक नदियाँ)।
- सिन्धु नदी को इण्डस नदी भी कहा जाता है।
- सिन्धु नदी का उद्गम बोखर चू हिमनद, मानसरोवर झील (राक्षसताल झील) तिब्बत से होता है।
- सिन्धु नदी 3 देशों में से होकर बहती है – चीन, भारत, पाकिस्तान
- सिन्धु नदी चीन के तिब्बत में मानसरोवर झील से निकलकर भारत के लद्दाख में प्रवेश करती है फिर यहां से पाकिस्तान होते हुए अरब सागर में गिर जाती है।
- सिन्धु नदी के दाएं तट पर भारत का लेह शहर स्थित है।
- सिन्धु नदी तंत्र के जल को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ था।
ब्रह्मपुत्र नदी
- ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के मानसरोवर झील के पास से निकलती है।
- यह नदी तीन देशों में चीन, भारत और बांग्लादेश में से होकर बहती है।
- ब्रह्मपुत्र की कुल लंबाई 2900 किमी. है किन्तु भारत में इसकी लंबाई मात्र 916 किमी. है।
- ब्रह्मपुत्र भारत की सबसे चैङी नदी है।
- दुनिया का सबसे बङा नदी द्वीप माजुली ब्रह्मपुत्र नदी पर है जो असम में है।
- ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ – तिस्ता, संकोश, मानस, सुबनसिरी, दिबांग, लोहित, धनसिरी, कांपिली नदी
ब्रह्मपुत्र नदी के अन्य नाम | |
देश | उपनाम |
तिब्बत | यारलुंग सांगपो |
अरुणाचल प्रदेश | दिहांग |
असम | ब्रह्मपुत्र |
बांग्लादेश | जमुना |
दामोदर नदी
- दामोदर नदी का उद्गम छोटा नागुपर पठार (झारखंड) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र झारखंड, पश्चिम बंगाल तथा बंगाल की खाङी में है।
- दामोदर नदी की लम्बाई 592 किमी. है।
- दामोदर नदी झारखंड से निकलकर पश्चिम बंगाल में हुगली नदी में जाकर मिल जाती है।
स्वर्णरेखा नदी
- स्वणरेखा नदी का उद्गम रांची के पठार (झारखंड) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र झारखंड, उङीसा, पश्चिम बंगाल, बंगाल की खाङी में है।
- स्वर्णरेखा नदी की लम्बाई 474 किमी. है तथा ऊँचाई 610 मी. है।
वैतरणी नदी
- वैतरणी नदी का उद्गम क्योंझर पठार (उङीसा) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र उङीसा व बंगाल की खाङी में है।
- वैतरणी नदी की लम्बाई 360 किमी. है।
ब्राह्मणी नदी
- झारखंड से आने वाली 2 नदियाँ शंख और कोयल नदी उङीसा के राउरकेला में मिल जाती हैं वहीं से यह ब्राह्मणी नदी कहलाती है। अन्त में जाकर यह वैतरणी नदी के पास बंगाल की खाङी में मिल जाती है।
- ब्राह्मणी नदी की लम्बाई 799 किमी. है।
गोदावरी नदी
- गोदावरी नदी का उद्गम त्र्यंबकेश्वर, नासिक (महाराष्ट्र) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, बंगाल की खाङी में है।
- गोदावरी नदी की लंबाई 1465 किमी. है।
- यह दक्षिण भारत की सबसे लंबी नदी है।
- नासिक, गोदावरी के तट पर है।
- भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है।
- गोदावरी की सहायक नदियाँ – त्र्यम्बकेश्वर, पूर्णा, पेनगंगा, वर्धा, वेनगंगा, इन्द्रावती, सबरी, प्राणहिता तथा मंजिरा है।
- इसे वृद्ध गंगा, बूढ़ी गंगा, दक्षिणी गंगा भी कहते है।
कृष्णा नदी
- कृष्णा नदी का उद्गम महाबलेश्वर, पश्चिमी घाट (महाराष्ट्र) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, बंगाल की खाङी में है।
- हैदराबाद, मूसी नदी के तट पर है।
- कृष्णा नदी की लम्बाई 1400 किमी. है।
- यह प्रायद्वीपीय भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है
- आंध्रप्रदेश में विजयवाङा के पास डेल्टा बनाती है।
- कृष्णा नदी की सहायक नदियाँ – महाबलेश्वर, भीमा, कोयना, घाटप्रभा, महाप्रभा, तुंग, भद्रा, मूसी, तुंगभद्रा।
- कोयना नदी को महाराष्ट्र की जीवन धारा कहा जाता है।
पेन्नार नदी
- पेन्नार नदी का उद्गम कर्नाटक के कोलार से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, बंगाल की खाङी में है।
- पेन्नार नदी की लम्बाई 597 किमी. है।
कावेरी नदी
- कावेरी नदी का उद्गम ब्रह्मगिरि पहाङी (कर्नाटक) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र कर्नाटक, तमिलनाडु और बंगाल की खाङी में है।
- इसे भारत की गंगा भी कहते है।
- कावेरी नदी की लम्बाई 805 किमी. है।
- यह दक्षिण भारत की एकमात्र सदाबहार नदी है क्योंकि पूरे वर्ष इसमें पानी रहता है।
वैगई नदी
- वैगई नदी तमिलनाडु राज्य से निकलती है तथा पाक की खाङी में जाकर गिर जाती है।
- वैगई नदी के तट पर 258 किमी. है।
- मदुरै शहर, वैगई नदी के तट पर है।
ताम्रपर्णी नदी
- ताम्रपर्णी नदी का उद्गम तमिलनाडु से होता है तथा यह मन्नार की खाङी में जाकर गिर जाती है।
- ताम्रपर्णी नदी की लम्बाई 128 किमी. है।
लूनी नदी
- लूनी नदी का उद्गम अरावली पहाङी, अजमेर (राजस्थान) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र राजस्थान, गुजरात, कच्छ के रण में है।
- लूणी नदी की लम्बाई 495 किमी. है।
- मरुस्थलीय क्षेत्र में बहने के कारण इसे मरुस्थलीय नदी भी कहते हैं।
- यह नदी गुजरात के कच्छ के रण में विलुप्त हो जाती है।
साबरमती नदी
- साबरमती नदी का उद्गम उदयपुर जिले में अरावली पर्वत शृंखला (राजस्थान) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र राजस्थान, गुजरात, खंभात की खाङी में है।
- साबरमती नदी की लम्बाई 371 किमी. है।
- अहमदाबाद और गांधीनगर साबरमती नदी के तट पर है।
माही नदी
- माही नदी का उद्गम विंध्याचल पर्वत श्रेणी (मध्यप्रदेश) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और खंभात की खाङी में होता है।
- माही नदी की लम्बाई 583 किमी. है।
- माही नदी कर्क रेखा को दो बार काटती है।
नर्मदा नदी
- नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक की पहाङी की पश्चिम ढाल (मध्यप्रदेश) से होता है।
- इसका बहाव क्षेत्र मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, खंभात की खाङी में है।
- मध्यप्रदेश की जीवनधारा कहा जाता है।
- नर्मदा नदी की लम्बाई 1,312 किमी. है।
- विंध्य और सतपुङा पर्वत श्रेणियों के मध्य बहती है।
- यह नदी भ्रंश घाटी से होकर बहती है।
- नर्मदा और सोन ऐसी नदियाँ है जो एक ही स्थान अमरकंटक से निकलती है और विपरीत दिशा में बहती है।
- मध्यप्रदेश का जबलपुर शहर इसी नदी के तट पर है।
भारत के प्रमुख बंदरगाह – Bharat Map in Hindi
बंदरगाह किसे कहते है ?
प्राचीन काल से ही भारत पङौसी राज्यों के साथ व्यापार करता था यह व्यापार वह जल मार्ग तथा स्थल मार्ग से करता था। नावों के माध्यम से जल मार्ग द्वारा व्यापार होता था। वर्तमान समय में भी व्यापार जलयानों के माध्यम से किया जाता है। क्योकि जलयानों से व्यापार वायुयान की अपेक्षा सस्ता होता है। नदी या समुद्र के तटों पर कई सुविधाएँ भी होती है ताकि व्यापार आसानी से हो सके। इससे जलयानों का आवागमन भी आसानी से किया जाता है, इसे ही बंदरगाह कहते है।
- भारत में 13 बङे और 200 छोटे बंदरगाह है।
- 13 बङे बंदरगाहों में से सर्वाधिक 3 तमिलनाडु में है।
- 200 छोटे बंदरगाहों में से सर्वाधिक 53 महाराष्ट्र में है।
- भारत का सबसे बङा प्राकृतिक बंदरगाह मुंबई बंदरगाह है।
- भारत का सबसे बङा कृत्रिम बंदरगाह न्हावा शेवा बंदरगाह है।
- भारत का सबसे छोटा बंदरगाह पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह है।
- भारत देश की कुल तट रेखा 7516 किमी. लम्बी है। यह तट रेखा देश के 13 राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों को स्पर्श करती है।
भारत के प्रमुख बंदरगाह | |
बंदरगाह | राज्य |
विशाखापट्टनम पोर्ट | आंध्रप्रदेश |
कोलकाता पोर्ट | पश्चिम बंगाल |
पारादीप पोर्ट | ओडिशा |
चेन्नई पोर्ट | तमिलनाडु |
मुंबई पोर्ट | महाराष्ट्र |
न्हावा शेवा | महाराष्ट्र |
जवाहरलाल नेहरू पोर्ट | महाराष्ट्र |
तूतीकोरिन पोर्ट | तमिलनाडु |
कामराजार पोर्ट | तमिलनाडु |
कोचीन पोर्ट | केरल |
पोर्ट ब्लेयर पोर्ट | अंडमान व निकोबार द्वीप समूह |
न्यू मैंगलोर पोर्ट | कर्नाटक |
मेरमुगाओ पोर्ट | गोवा |
कांडला पोर्ट | गुजरात |
एन्नौर पोर्ट | तमिलनाडु |
हल्दिया पोर्ट | पश्चिम बंगाल |
बंदरगाह के प्रकार
बंदरगाह दो प्रकार के होते है।
- प्राकृतिक बंदरगाह
- कृत्रिम बंदरगाह
भारत के मुख्य बंदरगाह
कांडला बंदरगाह
- यह गुजरात राज्य में स्थित है।
- कांडला बंदरगाह का नाम बदल कर अब दीनदयाल बंदरगाह कर दिया गया है।
- यह बंदरगाह भारत विभाजन के बाद विकसित किया गया।
- स्वतंत्रता से पूर्व पश्चिमी देशों से व्यापार करने के लिए कराची बंदरगाह का प्रयोग किया जाता था। स्वतंत्रता के बाद उसके विकल्प में कांडला बंदरगाह विकसित किया गया।
- यह एक ज्वारीय बंदरगाह है।
- कांडला का बंदरगाह भारत के सबसे अधिक कमाई वाले बंदरगाहों में से एक है।
- उत्तर भारत की आवश्यकताओं की सर्वाधिक पूर्ति इसी बंदरगाह से की जाती है।
- गुजरात का दूसरा बंदरगाह मुंद्रा बंदरगाह है, जो कि भारत का सबसे बङा निजी बंदरगाह है।
- यह मुक्त व्यापार बंदरगाह है।
मुंबई बंदरगाह
- यह महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
- भारत का सबसे बङा बंदरगाह है।
- भारत का सर्वाधिक व्यापार इसी बंदरगाह से होता है।
- यह पश्चिमी तट का सबसे बङा प्राकृतिक बंदरगाह है।
- इस बंदरगाह को भारत का प्रवेश द्वार कहा जाता है। यह अन्य बंदरगाहों की अपेक्षा अधिक विस्तृत है।
न्हावा शेवा बंदरगाह
- यह महाराष्ट्र राज्य में स्थित है।
- यह कृत्रिम बंदरगाह है।
- इसका अन्य नाम जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह भी है।
- यह भारत का सबसे बङा कंटेनर बंदरगाह है।
- न्हावा शेवा बंदरगाह देश का सबसे आधुनिक एवं सर्व सुविधायुक्त बंदरगाह है।
- यह मुंबई के निकट ही स्थित है इसका निर्माण मुंबई बंदरगाह का दबाव कम करने के लिए किया गया।
- शुष्क सामग्री के व्यापार हेतु प्रसिद्ध है।
मार्मागाओ बंदरगाह
- मार्मागाओ बंदरगाह गोवा राज्य में जुआरी नदी पर स्थित है।
- यह बंदरगाह जुवारी नदी के मुहाने पर स्थित है।
- यह नौसेना का प्रमुख बंदरगाह है।
- ईरान को लौह अयस्क का निर्यात इसी बंदरगाह से किया जाता है।
न्यू मंगलौर बंदरगाह
- न्यू मंगलौर बंदरगाह कर्नाटक राज्य के समुद्र तट पर स्थित है।
- इस बंदरगाह से कद्रमुख की खान से निकला लौह अयस्क निर्यात किया जाता है।
कोच्चि बंदरगाह
- यह केरल राज्य में स्थित है।
- यह एक प्राकृतिक बंदरगाह है जिसमें बङे जहाज भी ठहर सकते हैं।
- कोच्चि बंदरगाह भारत के पश्चिमी तट का सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह माना गया है।
- यह सबसे बङा शिपयार्ड बंदरगाह है।
- चाय, काॅफी व मसालों के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है।
कोलकाता-हल्दिया बंदरगाह
- यह पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है।
- कोलकाता बंदरगाह हुगली नदी के तट पर स्थित है।
- हल्दिया बंदरगाह समुद्र तट पर स्थित है।
- यह पूर्वी तट का सबसे बङा तथा भारत का दूसरा बङा बंदरगाह है।
- हल्दिया बंदरगाह कोलकाता का सहायक बंदरगाह है।
- कोलकाता बंदरगाह के दक्षिण में हल्दिया बंदरगाह को विकसित किया गया है।
पाराद्वीप बंदरगाह
- यह भारत के पूर्वी तट के किनारे उङीसा राज्य में स्थित है।
- यह कोलकाता तथा विशाखापत्तनम बंदरगाह के लगभग बीच में स्थित प्राकृतिक संरचना का बंदरगाह है।
- इस बंदरगाह से उङीसा एवं बिहार के खनिजों का निर्यात किया जाता है तथा मशीनें, उर्वरक, गंधक, इंजीनियरिंग सामान आयात किए जाते हैं।
- झारखंड और उङीसा राज्य का लौह अयस्क यहीं से जापान को निर्यात किया जाता है।
विशाखापट्टनम बन्दरगाह
- यह बंदरगाह देश के पूर्वी तट पर आंध्रप्रदेश के महानगर विशाखापत्तनम में स्थित है।
- यह भारत का सबसे गहरा बंदरगाह है।
- इस बंदरगाह के निकट ’डाॅल्फिन नोज’ नामक पहाङी होने के कारण यह तेज समुद्री हवाओं से सुरक्षित रहता है।
एन्नौर बंदरगाह
- यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
- यह कृत्रिम बंदरगाह है।
- यह चेन्नई बंदरगाह का सहायक बंदरगाह है।
चेन्नई बंदरगाह
- यह तमिलनाडु राज्य में स्थित है।
- यह भारत का सबसे पुराना कृत्रिम बंदरगाह है।
- भारत का दूसरा सबसे बङा यातायात घनत्व वाला बंदरगाह और भारत का सबसे पुराना कृत्रिम बंदरगाह है।
- एन्नौर बंदरगाह को चेन्नई बंदरगाह का दबाव कम करने के लिए विकसित किया गया है।
- चेन्नई बंदरगाह मुख्य रूप से उर्वरक, सामान्य कार्गो, लौह अयस्क और पेट्रोलियम उत्पादों को संभालता है।
तूतीकोरिन बंदरगाह
- यह बंदरगाह तमिलनाडु राज्य के दक्षिणी छोर पर स्थित है।
- इसे ’चिदम्बरनार बंदरगाह’ भी कहते है।
- यहां से नमक, मछली, सीमेंट, लिग्नाइट, तम्बाकू, चावल आदि निर्यात किया जाता है एवं मशीनें, उर्वरक, सूती वस्त्र इत्यादि वस्तुओं का आयात होता है।
- यह मन्नार की खाङी में स्थित है।
पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह
- पोर्टब्लेयर बंदरगाह अंडमान और निकोबार द्वीप पर स्थित है।
- सबसे छोटा बंदरगाह पोर्ट ब्लेयर बंदरगाह है।
- यह बंगाल की खाङी के किनारे है।
- इसे हाल ही में भारत के 13 वें प्रमुख बंदरगाह के रूप में शामिल किया है।
हल्दिया बंदरगाह
- हल्दिया बंदरगाह कोलकाता में हुगली नदी के डेल्टा में स्थित है।
- कलकत्ता बंदरगाह के दक्षिण में हुगली नदी पर कलकत्ता के भार को कम करने हेतु बनाया गया।
- यहाँ तेलशोधन कारखाना भी है।
- इसे ’पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार’ भी कहा जाता है।
भारत के प्रमुख खनिज – Indian map Hindi
खनिज किसे कहते है ?
पृथ्वी के भूगर्भ से खुदाई करके प्राकृतिक रुप से पाए जाने वाले तत्वों या यौगिक को खनिज कहते है जैसे – कोयला, अभ्रक, जस्ता आदि। खनिज में न तो धात्विक गुण होते है और ना ही इससे धातु प्राप्त होती है।
भारत के शीर्ष तीन खनिज उत्पादक राज्य है।
- राजस्थान
- उङीसा
- आंध्रप्रदेश
भारत में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज
तांबा
- मानव सभ्यता द्वारा सबसे पहले प्रयोग की जाने वाली धातु है, तांबा विद्युत का सुचालक है इसलिए विद्युत तार बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- भारत में तांबे का सबसे अधिक उत्पादन मध्यप्रदेश (64 प्रतिशत), राजस्थान (28 प्रतिशत) में होता है।
- भारत में तांबे का सबसे अधिक भण्डार राजस्थान में है।
- दुनिया में सबसे अधिक तांबे का उत्पादन चिली में होता है।
- तांबे की प्रमुख खानें –
- राजस्थान – खेतङी, झुंझनू, अलवर
- मध्यप्रदेश – बालाघाट
हीरा
- हीरा सबसे कठोर धातु है और कार्बन का सबसे शुद्ध रूप होता है।
- भारत में हीरे का सबसे अधिक उत्पादन मध्यप्रदेश में होता है।
- भारत में हीरे का सबसे अधिक भण्डार मध्यप्रदेश में है।
- दुनिया में सबसे अधिक हीरे का उत्पादन रूस में होता है।
- दुनिया में हीरे का सबसे अधिक भंडार किम्बरले (दक्षिण अफ्रीका) में है।
- विश्व प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा तेलंगाना की गोलकुंडा खान से निकाला गया था।
- हीरे की प्रमुख खानें – मध्यप्रदेश का पन्ना जिला।
सोना
- सोना एक बहुमूल्य धातु है इसका उपयोग आभूषण बनाने सिक्के बनाने में किया जाता है भारत का लगभग 99 प्रतिशत सोना कर्नाटक से ही मिलता है।
- भारत में सोने का सबसे अधिक उत्पादन कर्नाटक में होता है।
- भारत में सोने का सबसे अधिक भण्डार कर्नाटक में है।
- दुनिया में सबसे अधिक सोने का उत्पादन चीन में होता है।
- सोने की प्रमुख खानें – कर्नाटक की – कोलार की खान, हट्टी की खान।
चाँदी
- भारत में चांदी की स्वतंत्र खाने नहीं पाई जाती। यह प्रायः जस्ता और सीसा के साथ मिश्रित रूप में पाई जाती है।
- भारत में चाँदी का सबसे अधिक उत्पादन राजस्थान में 99 प्रतिशत होता है।
- भारत में चांदी का सबसे अधिक भण्डार राजस्थान में है।
- दुनिया में सबसे अधिक चाँदी का उत्पादन मेक्सिको में होता है।
- चाँदी की प्रमुख खानें – राजस्थान की जवार खान।
सीसा-जस्ता
- सीसा और जस्ता को जुङवा खनिज भी कहा जाता है क्योंकि यह साथ-साथ पाए जाते हैं। भारत में सीसा और जस्ते का सबसे अधिक उत्पादन और भंडार राजस्थान में है।
- सीसे-जस्ते की प्रमुख खानें – राजस्थान की जवार खान।
जिप्सम
- प्लास्टर ऑफ़ पेरिस में इसका उपयोग होता है और क्षारीय मृदा को उदासीन करने में भी जिप्सम का उपयोग किया जाता है।
- भारत में जिप्सम का सबसे अधिक उत्पादन और भंडार राजस्थान में है।
- जिप्सम की प्रमुख खानें – राजस्थान का हनुमानगढ़ जिला।
टिन
- टिन का उपयोग धातु की चादर बनाने में किया जाता है और भारत में लगभग इसका संपूर्ण भंडार व उत्पादन छत्तीसगढ़ में ही होता है।
- भारत में टिन का सबसे अधिक उत्पादन और भंडार छत्तीसगढ़ में है।
- टिन की प्रमुख खानें – छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला।
अभ्रक
- अभ्रक विद्युत का कुचालक होता है इसीलिए इसका उपयोग विद्युत उपकरण बनाने में किया जाता है।
- भारत में अभ्रक का सबसे अधिक उत्पादन आंध्रप्रदेश में है।
- अभ्रक की प्रमुख खानें – आंध्रप्रदेश का नेल्लौर जिला।
लौह अयस्क
- लौह अयस्क भारत का महत्त्वपूर्ण खनिज संसाधन है भारत का लौह अयस्क उत्पादन में विश्व में चौथा स्थान है।
- भारत में लौह अयस्क का सबसे अधिक उत्पादन उङीसा में होता है।
- लौह अयस्क की प्रमुख खानें – कर्नाटक का कुद्रेमुख, छत्तीसगढ़ का बैलाडीला, उङीसा का क्योंझर।
कोयला
- कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग में लाया जाता है।
- भारत में कोयले का सबसे अधिक उत्पादन छत्तीसगढ़ में होता है।
- भारत में कोयले का सबसे अधिक भंडार झारखंड में है।
- कोयले की प्रमुख खानें – झारखंड का झरिया, धनबाद पश्चिम बंगाल का रानीगंज, आसनसोल तेलंगाना का सिंगरेनी।
- कार्बन की मात्रा के आधार पर कोयला 4 प्रकार का होता है।
1. ऐन्थ्रेसाइट – यह सबसे अच्छी किस्म का कोयला है। इसमें कार्बन की मात्रा 85-90 प्रतिशत से अधिक होती है।
2. बिटुमिनस – इस कोयले में कार्बन की मात्रा 65-75 प्रतिशत होती है, भारत में सबसे ज्यादा बिटुमिनस कोयला ही पाया जाता है।
3. लिग्नाइट – इसमें कार्बन की मात्रा 45-55 प्रतिशत होती है इसे भूरा कोयला भी कहा जाता है।
4. पीट – इसमें कार्बन की मात्रा 45 प्रतिशत से भी कम होती है और यह सबसे निम्न श्रेणी का कोयला होता है।
बाॅक्साइट
- बाॅक्साइट एक धात्विक खनिज है यह एल्युमीनियम का अयस्क है भारत में उङीसा बाॅक्साइट का उत्पादन और भंडारण में प्रथम स्थान पर है।
- भारत में बाॅक्साइट का सबसे अधिक उत्पादन उङीसा में होता है।
- भारत में उङीसा बाॅक्साइट का उत्पादन और भंडारण में प्रथम स्थान पर है।
क्रोमाइट
- क्रोमाइट एक धात्विक खनिज है। क्रोमाइट से ही क्रोमियस प्राप्त किया जाता है। इसका उपयोग स्टेनलेस स्टील बनाने में किया जाता है।
- भारत में क्रोमाइट का सबसे अधिक उत्पादन उङीसा में है।
थोरियम
- भारत थोरियम का विश्व में सबसे बङा उत्पादक देश है और विश्व का सबसे बङा थोरियम का भंडार केरल में है, थोरियम केरल तट पर मोनाजाइट बालू से प्राप्त किया जाता है।
- भारत में थोरियम का सबसे अधिक उत्पादन केरल में होता है।
यूरेनियम
- यूरेनियम का उपयोग परमाणु संयंत्रों में ईंधन के रूप में किया जाता है, यूरेनियम का उपयोग परमाणु बम बनाने में किया जाता है।
- भारत मे यूरेनियम के सबसे महत्त्वपूर्ण खान ’झारखंड की जादूगोङा’ है।
- भारत में यूरेनियम का सबसे अधिक उत्पादन आंध्रप्रदेश में होता है।
पेट्रोलियम
- भारत में पेट्रोलियम उत्पादन में सबसे प्रमुख योगदान अपतटीय क्षेत्रों का है देश में अपतटीय क्षेत्रों का कुल योगदान लगभग 66 प्रतिशत है।
- मुंबई से लगभग 176 किलोमीटर दूर खंभात की खाङी में मुंबई हाई की खोज 1973 में हुई और देश का सर्वाधिक तेल उत्पादन यहीं से होता है।
- असम के डिगबोई को तेल नगरी के रूप में जाना जाता है। डिगबोई में एशिया में पहली बार तेल कुएँ का खनन हुआ था। 1901 में यहाँ एशिया की पहली रिफाइनरी को शुरू किया गया था।
भारत के प्रमुख हवाई अड्डे
भारत का सबसे अधिक ऊँचाई पर स्थित हवाई अड्डा लेह (लद्दाख) में है।
भारत के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे | |
अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे | स्थान |
इन्दिरा गांधी | नई दिल्ली |
छत्रपति शिवाजी महाराज | मुम्बई |
नेताजी सुभाष चन्द्र बोस | कोलकाता |
अन्ना | चेन्नई |
बाबा साहेब अम्बेडकर | नागपुर |
सरदार वल्लभभाई पटेल | अहमदाबाद |
गोपीनाथ | बारडौली गुवाहाटी |
चौधरी चरण सिंह | लखनऊ |
श्री गुरू रामदास जी | तिरुवन्तपुरम |
त्रिवेन्द्रम | कोझीकोङ |
कालीकट | श्रीनगर |
शेख अलआलम | हैदराबाद |
वीर सावरकर | गोवा |
डाबोलिग | बंगलुरू |
कैम्पेगोङा | इंदौर |
कोचीन | कोच्चि |
देवी अहिल्याबाई होलकर | इंदौर |
लाल बहादुर शास्त्री | वाराणसी |
राष्ट्रीय हवाई अड्डे स्थान | |
जयप्रकाश नारायण | पटना, बिहार |
बिरसा मुंडा | राँची, झारखंड |
जम्मू | जम्मू, जम्मू एवं कश्मीर |
कुल्लू-मनाली भुुतर, कुल्लू, | हिमाचल प्रदेश |
गग्गल | काँगङा, हिमाचल प्रदेश |
जाॅलग्राण्ट | देहरादून, उत्तरांचल |
पंतनगर | पंतनगर, उत्तरांचल |
कानपुर | कानपुर |
सांगाणेर | जयपुर, राजस्थान |
देवी अहिल्याबाई होल्कर | इंदौर, मध्यप्रदेश |
इंफाल | इंफाल, मणिपुर |
सोनेगाँव | नागपुर, मध्यप्रदेश |
शिमला | शिमला, हिमाचल प्रदेश |
चंडीगढ़ | चंडीगढ़ |
भावनगर | भावनगर, गुजरात |
बीजू पटनायक | भुवनेश्वर |
कोयम्बटूर | कोयंबटूर, तमिलनाडु |
कालीकट | कालीकट, केरल |
जोधपुर | जोधपुर, राजस्थान |
महाराणा प्रताप | उदयपुर, राजस्थान |
तेजू | तेजू, अरूणाचल प्रदेश |
जोरहाट | जोरहाट |
तेजपुर | तेजपुर, असम |
बागडोगरा | सिलीगुङी, पश्चिम बंगाल |
ग्वालियर | ग्वालियर, मध्यप्रदेश |
श्रीनगर | श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर |
लेह | लेह, जम्मू एवं कश्मीर |
पुणे | पुणे, महाराष्ट्र |
जैसलमेर | जैसलमेर, राजस्थान |
जामनगर | जामनगर, गुजरात |
वीर सावरकर | पोट ब्लेयर अंडमान एवं निकोबार |
सम्राट पृथ्वीराज चौहान | अजमेर, राजस्थान |
निष्कर्ष :
आज के आर्टिकल में हमनें भारत का मानचित्र (Bharat ka Manchitra) नक्शों के माध्यम से देखा और महत्वपूर्ण तथ्यों को भी पढ़ा हम आशा करतें है कि आपको इस आर्टिकल से अच्छी जानकारी मिली होगी …धन्यवाद
FAQ – Bharat ka Naksha
1. भारत का अक्षांक्षीय विस्तार क्या है ?
उत्तर – 804’ उत्तरी अक्षांश से 3706’ उत्तरी अक्षांश।
2. भारत का देशांतरीय विस्तार क्या है ?
उत्तर – 6807’ पूर्वी देशांतर से 97025’ पूर्वी देशांतर।
3. भारत का क्षेत्रफल कितना है ?
उत्तर – 32, 87, 263 वर्ग किमी.
4. क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व में भारत का कौन-सा स्थान है ?
उत्तर – सातवाँ स्थान
5. भारत में कितने राज्य है ?
उत्तर – 29
6. भारत में कितने केन्द्रशासित प्रदेश है ?
उत्तर – 7 केन्द्रशासित प्रदेश
7. कौन-सी रेखा भारत के बीचो-बीच गुजरती है ?
उत्तर – कर्क रेखा।
8. भारत का मानक समय किस देशांतर पर लिया गया है ?
उत्तर – 82030’ पूर्वी देशांतर
9. भारत की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर – 876 किमी.
10. भारत की जनसंख्या कितनी है ?
उत्तर – 2011 की जनगणना के अनुसार 121 करोङ है।
11. भारत की चौङाई कितनी है ?
उत्तर – 2933 किमी.
12. भारत की स्थलीय सीमा की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर – 15,200 किमी.
13. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश कौन-सा है ?
उत्तर – लक्षद्वीप
14. जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बङा केन्द्रशासित प्रदेश कौन-सा है ?
उत्तर – दिल्ली
15. भारत की समुद्री सीमा की लम्बाई कितनी है ?
उत्तर – 6100 किलोमीटर
16. द्वीपों सहित समुद्री सीमा की कुल लम्बाई कितनी है ?
उत्तर – 7516.5 किमी.
17. भारत का जनसंख्या घनत्व कितना है ?
उत्तर – 324 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर
18. भारत की राजधानी कौनसी है ?
उत्तर – नई दिल्ली
19. भारत का आकार कैसा है ?
उत्तर – त्रिभुजाकार
20. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बङा राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – राजस्थान
21. क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे छोटा राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – गोआ
22. भारत का सबसे बङा मरुस्थलीय राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – राजस्थान
23. भारत का सबसे बङा मैदानी राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – उत्तरप्रदेश
24. भारत में कुल कितने द्वीप है ?
उत्तर – 247 द्वीप
25. क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बङा केन्द्रशासित प्रदेश कौन-सा है ?
उत्तर – अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
26. जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटा केन्द्रशासित प्रदेश कौन-सा है ?
उत्तर – लक्षद्वीप
27. भारत के किन-किन राज्यों से होकर कर्क रेखा गुजरती है ?
उत्तर – गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मिजोरम।
28. भारत का सबसे बङा पठारी राज्य कौन-सा है ?
उत्तर – मध्यप्रदेश
29. भारत का सबसे दक्षिण छोर कहाँ है ?
उत्तर – इन्दिरा प्वाइंट, अंडमान निकोबार द्वीप समूह
30. भारत के साथ सबसे छोटी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा कौन-सा देश बनाता है ?
उत्तर – सबसे छोटी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा अफगानिस्तान बनाता है।
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जानकारी बहुत ही सटीकता सेहम इससे बहुत कुछ सीखेंगे thank gk hub ♥️♥️♥️
Nice sir
thnx