आज के आर्टिकल में हम पितृ पर्वत हनुमान मंदिर (Pitra Parvat) के बारे में विस्तार से चर्चा करने वाले है। [ Pitreshwar Hanuman Mandir Indore,Pitreshwar Hanuman ]
पितृ पर्वत हनुमान मंदिर – Pitra Parvat
पितृ पर्वत हनुमान मंदिर इंदौर शहर के हातोद रोङ में स्थित है। यह मंदिर हातोद रोङ से थोङा अंदर की तरफ स्थित है। यहाँ पर लोगों को हनुमान जी की विशाल प्रतिमा हातोद मुख्य सङक से ही दिख जाती है, क्योंकि हनुमान मंदिर एक ऊंची पहाङी पर बना हुआ है। यह मंदिर इंदौर में गोमटगिरी से कुछ दूरी पर ही स्थित है। यह एक धार्मिक स्थल है।
यह हनुमानजी का मंदिर है। यहांँ पर हनुमान जी की बहुत विशाल प्रतिमा है, जो बहुत ही आकर्षक है। यहां पर हनुमान जी का मंदिर बना हुआ है, इस मंदिर में हनुमानजी की मूर्ति बहुत ही सुंदर है। यह प्रतिमा मध्यप्रदेश की सबसे बङी प्रतिमाओं से एक है। इस प्रतिमा की ऊंचाई 76 फीट है। यह प्रतिमा अष्ट धातुओं से बनी हुई है।
यहां पर शनिवार और मंगलवार के दिन बहुत सारे लोग हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। हनुमान जी का यह मंदिर पहाङी के ऊपर बना हुआ है। इस पर्वत को पितृ पर्वत कहते हैं। इस पर्वत के चारों ओर बहुत सारे पेङ पौधे लगे हुए हैं। यहाँ पर बहुत हरियाली है। मुख्य हनुमान मंदिर तक जाने के लिए सङक बनी हुई है।
हनुमान जी की प्रतिमा गोल्डन कलर की है। इस प्रतिमा में हनुमान जी की बैठी हुई अवस्था है और इस प्रतिमा में हनुमान जी भजन कर रहे है। हनुमान जी का मंदिर बहुत ही सुंदरता से बनाया गया है।
पितेश्वर हनुमान मंदिर – Hanuman Mandir Indore
मंदिर की दीवारों और खंभों में नक्काशी की गई है। यहां पर शनिवार, रविवार और मंगलवार के दिन लेजर शो का आयोजन होता है। यहां पर बहुत सारे लोग शनिवार, मंगलवार और रविवार के दिन भगवान हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आते हैं। यहां से चारों तरफ का सुंदर दृश्य देखने के लिए मिलता है। यहां का शांति भरा माहौल बहुत ही अच्छा लगता है। इस मंदिर को पितेश्वर हनुमान जी मंदिर के नाम से जाना जाता है।
पितृश्वेर हनुमान जी की मूर्ति का वजन 108 टन है। इसकी ऊँचाई 72 फीट है। हनुमानजी की मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था।
हनुमानजी के चारों ओर 5 हाइमास्ट लगे हुए हैं। इससे रात में भी दिन जैसा प्रकाश होता है। यहां पर विशेष दिनों में लाइट एंड साउंड शो का आयोजन होता है। इसके लिए जर्मनी से विशेष दो करोङ की लेजर लाइट मंगवाई गई थी। पितरेश्वर धाम के व्यवस्थापक बताते हैं कि लेजर लाइट के जरिए हनुमान जी के प्रतिमा के सीने पर 7 रंगों में हनुमान चालीसा का चित्रमय वर्णन दिखाई देता है।
ऐसी मान्यता है कि पितरेश्वर हनुमान के पूजन से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। यहां पर जलने वाली ज्योत को अयोध्या से लाया गया था। हनुमानजी पितृ पर्वत पर ध्यानमुद्रा में विराजमान हैं और भगवान श्री राम की भक्ति कर रहे हैं।
पितृ पर्वत क्यों है खास?
पितृ पर्वत पूरे भारत देश में मशहूर है। पितेश्वर मंदिर में दक्षिण-पश्चिम दिशा की ओर मुंह कर विराजे हनुमान की विशाल प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव में दर्शन के लिए भक्तों की भीङ लग रही है। प्रतिमा का निर्माण ग्वालियर में 125 कारीगरों ने 7 साल की मेहनत के बाद किया है। प्रतिमा 265 हिस्से में तैयार हुई। सभी हिस्सों को जोङने में इन्हें लगभग दो साल लगे।
इसमें 9 टन की गदा और 3 टन की उनकी छतरी है। इस छतरी पर 9 इंच आकार में 108 बार राम नाम गुदा हुआ है। हनुमानजी के हाथ में जो मंजीरे हैं, उनकी लंबाई 11 फीट है। भगवान राम की भक्ति में बैठे हनुमान की इस प्रतिमा के साथ 15 बाय 12 फीट की रामकथा भी तैयार की गई है।
मध्यप्रदेश की यह सबसे ऊँची प्रतिमा है। यह दुनिया की सबसे बङी धातु की प्रतिमा है। हनुमानजी की मूर्ति की ऊँचाई 72 फुट है और चौङाई 72 फुट है। हनुमानजी की मूर्ति का वजन 90 टन है। इस पर लागत करीब 10 करोङ रुपए आई। अष्ठधातु की यह मूर्ति दुनिया की सबसे बङी हनुमानजी की मूर्ति है।पितृ पर्वत पर 28 फरवरी को अष्ठधातु से निर्मित हनुमान जी की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 18 साल बाद भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय जी के द्वारा की गई।
यहाँ पर अष्ठधातु से बनी दुनिया की सबसे बङी हनुमानजी की मूर्ति है। हनुमानजी की गदा का वजन 21 टन और इसकी लंबाई 45 फुट है।
पितृ पर्वत कहां पर है ?
यह पर्वत इंदौर शहर का एक प्रसिद्ध स्थल है। यह इंदौर में गोमटगिरी जैन मंदिर के थोङा आगे स्थित है। यह मंदिर हातोद मार्ग में स्थित है। यहां पर यात्री कार या बाइक से आ सकते है। यहां पर पार्किंग के लिए भी बहुत जगह है और पार्किंग के लिए बहुत बङी जगह उपलब्ध है और यहां पर पार्किंग का चार्ज भी लिया जाता है।
इस मंदिर के बाहर 2 वीलर और 4 वीलर की पार्किंग अलग-अलग है। मंदिर तक जाने के लिए सीढ़ियाँ भी बनी हुई है। इस मंदिर तक आने के लिए पक्की सङक भी उपलब्ध है। मंदिर तक पहुंचने के लिए यात्री को ट्रैकिंग करके जाना पङता है।
Pitreshwar Hanuman Mandir Indore Location
पितृ पर्वत नाम का महत्त्व क्या है ?
पितृ पर्वत पर लोग अपने पितरों के नाम के पेङ पौधे लगाते है। यहां पर कोई भी अपने पितरों के नाम से पेङ पौधे लगा सकते है। यहां पर लगे हुए पेङ-पौधों को कोई नहीं तोङता और इसकी देखरेख नगर निगम द्वारा की जाती है।
रविवार और नेशनल हाॅलिडे के दिन बहुत से लोग हनुमान जी के दर्शन करने आते है। यहाँ पर एक बहुत अच्छा पिकनिक स्पाॅट भी है जहाँ लोग पिकनिक बनाने के लिए आते है। यहाँ चारों तरफ शानदार हरियाली है और यहां पर पीने के पानी और बैठने की भी अच्छी व्यवस्था हैं।
मंदिर के बाहर बहुत बङी चाट चौपाटी है तथा यहां बच्चों के खेलने के खिलौने भी मिलते है।
रणजीत हनुमान
मध्यप्रदेश के पश्चिम क्षेत्र में रणजीत हनुमान मंदिर स्थित है। यहां पर हनुमानजी की ढाल और तलवार के लिये हुए मूर्ति विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि भगवान भक्तों को जीत का आशीर्वाद देते है। एक समय ऐसा था जब राजा युद्ध में जाने से पहले रणजीत हनुमानजी के दर्शन करके युद्ध में जाते थे।
मंदिर में भक्त हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, सुंदरकांड का पाठ करते है। वैसे तो आठ दिन भक्त आते है, लेकिन मंगलवार और शनिवार को भक्तों की ज्यादा भीङ लगती है। मंदिर के पुजारी बताते है कि मंदिर की स्थापना 125 साल पहले हुई थी। रणजीत अष्टमी में प्रभातफेरी निकलती है उसमें एक लाख श्रद्धालु आते हैं। हनुमान जयंती पर आरती सुबह 6 बजे होती है।
हनुमानजी को भांग का भोग लगता है
पंचकुईया क्षेत्र में वीर आलीजा हनुमान मंदिर हनुमानजी की स्वयंभू 700 साल पुरानी प्रतिमा है। भगवान यहाँ पर वीर स्वरूप में विराजित है। उनकी प्रतिमा की ऊँचाई 5 फीट है, इस प्रतिमा में उनके दोनों हाथ में गदा है। भगवान को चोला चढ़ाने में आधा किलो सिंदूर, 200 ग्राम तेल, 200 चांदी के वर्क और इत्र की बोतल का उपयोग होता है। भगवान शिव को प्रसाद चढ़ाया जाता है, लेकिन वीर आलीजा मंदिर में रोज भांग का भोग लगाया जाता है।
उल्टे हनुमान के मंदिर में मनोकामना पूरी होती है
हनुमानजी की सीधी प्रतिमा में तो कई मंदिर है, लेकिन इंदौर के समीप सांवेर में उल्टे हनुमान का मंदिर है। यहां पर सिर के बल खङे हनुमानजी की पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर मान्यता यह है कि इस स्थान से भगवान राम आर और लक्ष्मण की रक्षा के लिए हनुमानजी ने पाताल लोक में प्रवेश किया था, इसलिए उनकी मूर्ति उल्टी है।
मंदिर के परिसर में राम-सीता, लक्षमण, शिव-पार्वती की प्रतिमाएं स्थापित है। यह मान्यता है कि उल्टे हनुमान की मंगलवार और शनिवार को आराधना करने से मनोकामना पूरी होती है।
FAQ
1. पितृ पर्वत हनुमान मंदिर कहाँ पर है ?
उत्तर – पितृ पर्वत हनुमान मंदिर मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में है।
2. पितृश्वेर मंदिर किसकी मूर्ति है ?
उत्तर – हनुमानजी की मूर्ति।
3. पितृश्वेर हनुमान जी की मूर्ति का वजन कितना है ?
उत्तर – पितृश्वेर हनुमान जी की मूर्ति का वजन 108 टन है।
4. पितृश्वेर हनुमान की मूर्ति की ऊँचाई कितनी है ?
उत्तर – पितृश्वेर हनुमान की मूर्ति ऊँचाई 72 फीट है।
5. हनुमान जी की मूर्ति का निर्माण कितने समय में हुआ था ?
उत्तर – हनुमानजी की मूर्ति का निर्माण ग्वालियर के 125 कारीगरों ने 7 साल में किया था।