राजस्थान के प्रतीक चिह्न – Rajasthan Ke Pratik Chinh

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के प्रतीक चिह्न (Rajasthan Ke Pratik Chinh) को विस्तार से पढेंगे ,हम उन्हीं तथ्यों को पढेंगे जो परीक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है।

राजस्थान के प्रतीक चिह्न – Rajasthan Ke Pratik Chinh

राजस्थान के प्रतीक चिह्न

राजकीय चिह्न

राजकीय पक्षीगोडावण
राजकीय पशुऊंट / चिंकारा
राजकीय खेलबास्केटबॉल
राजकीय लोक नृत्यघूमर
राजकीय मिठाईघेवर
राजकीय पुष्परोहिड़ा
राजकीय गीतकेसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश
राजकीय वृक्षखेजड़ी

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राज्य पक्षी गोडावण

  • गोडावण को राज्य पक्षी की मान्यता 21 मई, 1981 में मिली।
  • इसका वैज्ञानिक नाम क्रायोटिस नाइग्रीसेप्स है।
  • गोडावण को अंग्रेजी में ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड बर्ड कहा जाता है।
  • गोडावण को स्थानीय भाषा में सोहन चिड़ी, शर्मिला पक्षी कहा जाता है।
  • गोडावण के अन्य उपनाम- सारंग, हुकना, तुकदर व गुधनमेर है।

राजस्थान का राज्य पक्षी कौन सा है

  • गोडावण को हाड़ौती क्षेत्र में मालमोरड़ी कहा जाता है।
  • राजस्थान में गोडावण सर्वाधिक पाया जाता है- सोरसन (बारां), सोंकलिया (अजमेर), मरूद्यान (जैसलमेर, बाड़मेर)।
  • गोडावण के प्रजनन हेतु जोधपुर जन्तुआलय प्रसिद्ध है।
  • गोडावण मुख्यतः अफ्रीका का पक्षी है।
  • 2011 में की IUCN की रेड डाटा लिस्ट में इसे संकटग्रस्त प्रजाति में शामिल किया गया था।
  • गोडावण के संरक्षण हेतु राज्य सरकार ने विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2013 को राष्ट्रीय मरू उद्यान, जैसलमेर में प्रोजेक्ट ग्रेट इंडियन बस्टर्ड प्रारंभ किया। यह प्रोजेक्ट प्रारंभ करने वाला राजस्थान, भारत का प्रथम राज्य है।

राज्य पशु – चिंकारा

  • चिंकारे को राज्य पशु की मान्यता 22 मई, 1981 में मिली।
  • इसका वैज्ञानिक नाम गजेला-गजेला है।
  • चिंकारा एण्टीलोप प्रजाति का जीव है।

राजस्थान का राज्य पशु कौन सा है

  • चिंकारों के लिए नाहरगढ़ अभयारण्य (जयपुर) प्रसिद्ध है।
  • राज्य में सर्वाधिक चिंकारे जोधपुर में देखे जा सकते हे।
  • चिकांरा श्रीगंगानगर जिले का शुभंकर है।

राज्य पुष्ष – रोहिड़ा

  • रोहिड़े को राज्य पुष्प की मान्यता 31 अक्टूबर 1983 में मिली।
  • इसका वैज्ञानिक नाम टिकोमेला अंडूलेटा है।
  • रोहिड़े को राजस्थान का सागवान कहा जाता है।

राजस्थान का राज्य पुष्ष कौन सा है

  • पुष्प खिलने का समय – चैत्र माह(मार्च – अप्रेल)
  • रोहिड़ा पश्चिमी क्षेत्र में सर्वाधिक देखने को मिलता है।
  • जोधपुर के रोहिड़े के पुष्प को मारवाड़ टीक कहा जाता है।

राज्य वृक्ष – खेजड़ी

  • खेजड़ी को राज्य वृक्ष की मान्यता 31 अक्टूबर, 1983 में मिली।
  • 5 जून 1988 को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर खेजड़ी वृक्ष पर 60 पैसे का डाक टिकट जारी किया गया।
  • खेजड़ी का वनस्पतिक नाम प्रोसेपिस सिनरेरिया है।
  • अन्य नाम राजस्थान का वंडर ट्री,किसान का अकाल मित्र

राजस्थान का राज्य वृक्ष कौन सा है

  • खेजड़ी को राजस्थान का कल्प वृक्ष, थार का कल्प वृक्ष, रेगिस्तान का गौरव आदि नामों से जाना जाता है।
  • खेजड़ी को वंडर ट्री व भारतीय मरूस्थल का सुनहरा वृक्ष भी कहा जाता है।
  • खेजड़ी के सर्वाधिक वृक्ष शेखावटी क्षेत्र में देखे जा सकते है।
  • खेजड़ी के सर्वाधिक वृक्ष नागौर जिले में देखे जाते है।
  • खेजड़ी के वृक्ष की पूजा विजया दशमी के अवसर पर की जाता है।
  • खेजड़ी के वृक्ष के नीचे गोगाजी का मंदिर होता है।

खेजड़ी को अलग- अलग नाम से जाना जाता है –

हरियाणवी व पंजाबी भाषाजांटी
स्थानीय भाषासीमलो
सिंधी भाषाछोकड़ा
बिश्नोई संप्रदायशमी
  • खेजड़ी की हरी फलियां सांगरी कहलाती है।
  • खेजड़ी का पुष्प मींझर कहलाता है।
  • खेजड़ी की सूखी फलियां खोखा कहलाती है।
  • खेजड़ी की पत्तियों से बना चारा लूम कहलाता है।
  • मांगलियावास गांव में हरियाली अमावस्या को वृक्ष मेला लगता है।
  • ऑपरेशन खेजड़ा नामक अभियान 1991 में चलाया गया।
  • खेजड़ी के लिए प्रथम बलिदान अमृता देवी बिश्नोई ने 1730 में 363 लोगों के साथ जोधपुर के खेजड़ली ग्राम या गुढा बिश्नोई गांव में भाद्रपद शुक्ल दशमी को दिया।
  • भाद्रपद शुक्ल दशमी को विश्व का एकमात्र वृक्ष मेला खेजड़ली गांव में लगता है।
  • खेजड़ली दिवस प्रत्येक वर्ष 12 सितम्बर को मनाया जाता है।

राज्य नृत्य – घूमर

  • राजस्थान का परम्परागत लोकनृत्य
  • घूमर को राज्य की आत्मा के उपनाम से जाना जाता है।
  • घूूमर नृत्य मांगलिक अवसरों, तीज, त्योहारों पर आयोजित होता है।
  • स्त्रियाँ एक गोल घेरे में चक्कर लगाते हुए नृत्य करती है।

राजस्थान का राज्य नृत्य कौन सा है

  • इस नृत्य को राजस्थान लोक नृत्यों का सिरमौर, राजस्थान के नृत्यों की आत्मा, सामंतशाही लोक नृत्य कहा जाता है।
  • घूंम- घूमर नृत्य के दौरान लहंगे के घेर को घूंम कहते है।
  • सवाई- घूमर के साथ लगाया जानेवाला अष्टताल कहरवा सवाई कहलाता है।

राज्य खेल – बास्केटबाल

  • बास्केट बाल को राज्य खेल के रूप में मान्यता 1948 में मिली।

राज्य गीत – केसरिया बालम

  • इस गीत को सर्वप्रथम मांगीबाई(उदयपुर) द्वारा गाया गया।
  • इसे अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति दिलाने का श्रेय बीकानेर की अल्लाजिल्ला बाई को है।
  • अल्लाजिल्ला बाई को राजस्थान की मरू कोकिला कहा जाता है।
  • यह गीत माण्ड गायिकी शैली में गाया जाता है।

राज्य का शास्त्रीय नृत्य – कत्थक

राजस्थान का शास्त्रीय नृत्य कौन सा है

  • कत्थक का राजस्थान में प्रमुख घराना जयपुर है।
  • कत्थक के जन्मदाता भानू जी महाराज को माना जाता है।

राज्य पशु – ऊँट

  • ऊँट को राज्य पशु के रूप में मान्यता 19 सितम्बर 2014 में दी गयी।
  • ऊँट वध रोक अधिनियम दिसम्बर 2014 में बनाया गया।
  • ऊँट को स्थानीय भाषा में रेगिस्तान का जहाज के नाम से जाना जाता है।
  • ऊँटों की संख्या की दृष्टि से राजस्थाान का भारत में एकाधिकार है।
  • ऊँट अनुसंधान केंद्र जोहड़बीड (बीकानेर) में स्थित है।
  • कैमल मिल्क डेयरी बीकानेर में स्थित है।

राजस्थान का राज्य पशु क्या है

  • भारतीय सेना के नौजवान थार मरूस्थल में नाचना ऊँट का उपयोग करते है।
  • गोमठ- फलौदी (जोधपुर) का ऊँट सवारी की दृष्टि से प्रसिद्ध है।
  • बीकानेरी ऊँट बोझा ढोने की दृष्टि से प्रसिद्ध है।
  • नाचना जैसलमेर का ऊँट सुंदरता की दृष्टि से प्रसिद्ध है।
  • बीकानेरी ऊँट सबसे भारी नस्ल का ऊँट है। राज्य में लगभग 50 प्रतिशत इसी नस्ल के पाले जाते है।
  • ऊँटों के देवता के रूप में पाबूजी की पूजा की जाती है।
  • राजस्थान में ऊँटों को लाने का श्रेय पाबूजी को है।
  • ऊँटों के गले का आभूषण गोरबंद कहलाता है।
  • ऊँटों में पाया जाने वाला रोग सर्रा रोग है।
  • ऊँटों का पालन-पोषण करने वाली जाति राईका अथवा रेवारी है।

राजस्थान के जिले और उनके शुभंकर

राजस्थान राज्य के वन विभाग ने हाल ही में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में लोगों में जागरूकता का संदेश देने के उद्देश्य से हर जिले के लिए एक वन्यजीव को शुभंकर घोषित किया है।

वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह अच्छी खबर है। राज्य के 33 जिलों को 33 प्रजातियों को बचाने के लिए जिम्मेदारी दी गयी है।अब हर जिले को निर्धारित वन्यजीव (पशु या पक्षी) के नाम से जाना जाएगा।

जिलाशुभंकर
अलवरसांभर
अजमेरखड़मौर
बाड़मेरमरू लोमड़ी
बांसवाड़ाजलपीपी
बांरामगर
बीकानेरभट्टतीतर
भरतपुरसारस
भीलवाड़ामोर
धौलपुरपंछीरा
बूंदीसुर्खाब
जयपुरचीतल
चुरूकाला हिरण
चित्तौड़गढ़चौसिंगा
दौंसाखरगोश
श्री गंगानगरचिंकारा
डुंगरपुरजंगील धोक
हनुमानगढ़छोटा किलकिला
झुंझुनूंकाला तीतर
उदयपुरबिज्जू
जैसलमेरगोडावन
जालौरभालू
झालावाड़गगरोरनी तोता
जोधपुरकुरजां
करौलीघड़ियाल
सवाईमाधोरपुरबाघ
पालीतेंदुआ
राजसमंदभेडि़या
प्रतापगढ़उड़न गिलहरी
सिरोहीजंगली मुर्गी
सीकरशाहीन
नागौरराजहंस
टोंकहंस
कोटाउदबिलाव

FAQ-

1.ग्रेट इण्डियन बस्टर्ड बर्ड किसको कहा जाता है?

उत्तर – गोडावण

2. राजस्थान का सागवान किसे कहा जाता है?

उत्तर – रोहिड़ा

3. राजस्थान का कल्प वृक्ष किसे कहा जाता है?

उत्तर – खेजड़ी

4. ऑपरेशन खेजड़ा नामक अभियान कब चलाया गया?

उत्तर – 1991 में

5. राजस्थान की मरू कोकिला किसे कहा जाता है?

उत्तर – अल्लाजिल्ला बाई को

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