आज के आर्टिकल में हम उदयपुर जिले से नवसृजित सलूम्बर (Salumbar) जिला के बारे में विस्तार से जानेंगे, इस जिले से जुडी हर नई जानकारी पढेंगे। सलूम्बर जिले का क्षेत्रफल,भौगोलिक स्थिति,विधानसभा क्षेत्र, सलूम्बर जिले का मानचित्र, सलूम्बर जिले की सीमा, Salumbar jila ka Naksha, Salumbar jila Map, Salumbar jile ka Manchitra, Salumbar district tehsil list, Salumbar jila number, Rajasthan ka New Jila।
सलूम्बर जिले का नक्शा – Salumbar District Map
राजस्थान में नए जिलों की कड़ी में उदयपुर से अलग होकर बना सलूम्बर जिला। सलूम्बर जिले में 5 तहसील व 4 उपखंड है। इस जिले में 268 राजस्व गाँव है। इसका मुख्यालय सलुम्बर है। यह मेवाड़ रियासत में प्रथम ठिकाना था ।
सलूम्बर जिले का इतिहास –
हजारों वर्ष पहले सलूम्बर भीलों का गुलाम था। यहाँ का अंतिम राजा सोनारा था। सलूम्बर चुण्डावत शाखा के भी अधीन रहा। यह प्रथम श्रेणी का ठिकाना था। सलूम्बर के ठाकुर मेवाड़ सेना के हरावल दस्ते का नेतृत्त्व करते थे। रावत भीमसिंह चुण्डावत ने सलूम्बर को जयपुर के नक़्शे के आधार पर बसाया था। महाराणा राजसिंह के समय सलूम्बर के सामंत रावत रत्न सिंह थे । यहाँ का अंतिम भील राजा सोनार था।
सलूम्बर जिला भौगोलिक स्थिति- Geography of Salumbar District
जिला नाम | सलूम्बर |
राज्य | राजस्थान |
संभाग | उदयपुर |
क्षेत्रफल | 840 KM2 |
जनसंख्या (2011) | 8,48000 |
भाषा | राजस्थानी , हिंदी |
पिनकोड | 313027 |
राजस्व गाँव | 268 |
परिवहन कोड | RJ – 58 |
सलूम्बर जिले में कौन -कौन सी तहसीलें शामिल होगी?
क्रम संख्या | तहसील नाम |
1. | सराड़ा |
2. | लसाड़िया |
3. | सेमारी |
4. | सलूम्बर |
5. | झल्लारा |
सलूम्बर जिला विशेष: Salumbar Jila
- सीमावर्ती जिले(4) – उदयपुर, डूंगरपुर प्रतापगढ़ चित्तोड़गढ़
- उपनाम – हाड़ी रानी की नगरी,सोनार भील की नगरी
- सलूम्बर जिला एक अन्तवर्ती जिला है
- लसाड़िया का पठार – सलूम्बर
- लसाड़िया आन्दोलन – संत माव जी द्वारा(भीलों में धार्मिक आस्था पैदा करने के लिए)
- कथौडी जनजाति – सराड़ा(सलूम्बर)
- जयसमंद झील (ढेबर झील) – सलूम्बर जिला
- जयसमंद अभ्यारण्य(जलचरों की बस्ती) – सलूम्बर
- हाड़ी रानी का स्मारक(सहल कंवर) – सलूम्बर
- गोसण बाबा जी का मंदिर – सलूम्बर
- सराड़ा जेल(मेवाड़ का काला पानी) – सलूम्बर
- महाराणा प्रताप ने राजधानी बनाया – चावंड (सलूम्बर)
- सराड़ा किला – सलूम्बर (सराड़ा किला को मेवाड़ का काला पानी कहते है)
- हाड़ी रानी का महल – सलूम्बर
- चावंड – महाराणा प्रताप ने 1585 ई में इसे राजधानी बनाया
- बाडोली – महाराणा प्रताप की छतरी
- चामुण्डा माता का मंदिर(निर्माण महाराणा प्रताप द्वारा) – चावंड
- रूठी रानी का महल – जयसमंद अभयारण्य में
लसाड़िया का पठार – सलूम्बर
लसाड़िया आन्दोलन – सत मावजी ने चलाया (वागड क्षेत्र)
- उद्देश्य :- भीलों में धार्मिक आस्था पैदा करना
लसाड़िया जेल – सलूम्बर
- मेवाड प्रजामण्डल के प्रथम सत्याग्राही रमेश चन्द्र को यही रखा गया था।
दर्शनीय स्थल :
जयसमंद झील
जयसमंद झील राजस्थान के सलूम्बर जिलें में स्थित है। यह विश्व में दूसरा एवं एशिया में प्रथम स्थान रखने वाली मीठे पानी की कृत्रिम झील है। इस झील का निर्माण महाराणा जयसिंह ने 1691 ई के लगभग करवाया था। एशिया की मीठे पानी की सबसे बड़ी कृत्रिम झील जयसमन्द झील को ढेबर झील भी कहते है।
जयसमंद झील की स्थिति-
- राज्य के अरावली पर्वतमाला के दक्षिण पूर्व में स्थित (सलूम्बर जिला)
- गहराई- 31मीटर (102फीट लगभग)
- तट रेखा-30मील (48किमी लगभग)
- लम्बाई – चौड़ाई — 14 हजार 400 मीटर लंबी एवं 9 हजार 500 मीटर चौड़ी।
उदयपुर के तत्कालीन महाराणा जयसिंह द्वारा निर्मित यह कृत्रिम झील एशिया की सबसे बड़ी मीठे पानी का स्वरूप मानी जाती है। जयसमन्द झील का मुल नाम ढेबर है और महाराणा जयसिंह के नाम पर इसे ‘जयसमन्द’ कहा जाने लगा। जयसमन्द में पानी की आवक के लिए गौमती व झामरी नदी और वगुरवा नाला प्रमुख हैं।
जयसमंद झील को स्थानीय लोग ढेबर झील (Dhebar Jheel) के नाम से भी जानते हैं। यह खूबसूरत झील का निर्माण महाराजा जय सिंह ने लगभग 17वीं शताब्दी में किया था। जयसमंद झील उदयपुर शहर के सबसे खास ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। जयसमन्द झील पर्यटकों के आकर्षण का सबसे बड़ा केन्द्र बन गई है। झील के अंदर बांध के सम्मुख एक टापू पर पर्यटकों की सुविधा के लिए ‘आइसलैंड रिसोर्ट ’ का निर्माण एक निजी फर्म द्वारा कराया गया है।
झील में सात टापु प्रमुख है। सबसे बड़े टापु को बाबा का भांगड़ा और सबसे छोटे टापु को प्यारी कहते है ।
यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए अच्छे सुविधायुक्त वातानुकूलित कमरे, रेस्टोरेन्ट, तरणताल एवं विविध मनोरंजन के साधन उपलब्ध हैं। यहाँ तक पर्यटक नावों द्वारा पहुँचते है। नावों से झील में घूमना पर्यटकों के लिए सुखदायी होता है। जयसमन्द झील के निकट वन एवं वन्यजीव प्रेमियों के लिए वन विभाग द्वारा वन्यजीव अभयारण्य भी बनाया गया है।
लसाडिया का पठार :
जयसमंद झील के पूर्व में स्थित है यह कटा -फटा और ऊबड़-खाबड पठार है
धार्मिक स्थल :
ईडाणा माता का मन्दिर(अग्नि की देवी) – सलुम्बर (ईडाणा गांव)
- अग्नि में स्नान करती है। यहाँ लकवा रोगी ठीक होते है।
- उपनाम – मेवल की महारानी
FAQ – Salumbar
1. सलूम्बर जिले को मान्यता कब मिली?
उत्तर – 7 अगस्त 2023,इस जिले का स्थापना दिवस 7 अगस्त को मनाया जाएगा।
2. सलूम्बर जिले में कितनी तहसील है?
उत्तर – पाँच (05 ), सलूम्बर जिले में 5 तहसील व 4 उपखंड है।
- सराड़ा
- लसाड़िया
- सेमारी
- सलूम्बर
- झल्लारा
3. सलूम्बर से उदयपुर की दुरी कितनी है ?
उत्तर – 71 किमी
4. सलूम्बर जिले के जिला कलेक्टर कौन है?
उत्तर – सलूम्बर जिले के जिला कलेक्टर प्रताप सिंह है।
5. सलूम्बर जिले का स्थापना दिवस कब मनाया जाएगा?
उत्तर – सभी नए जिलों का नोटिफिकेशन 6 अगस्त 2023 को जारी हो गया था। सलूम्बर जिले का स्थापना दिवस 7 अगस्त को मनाया गया।
6. सलूम्बर पिन कोड क्या है?
उत्तर – सलूम्बर पिन कोड 313027 है ।
7. सलूम्बर की जनसंख्या कितनी है?
उत्तर – पता नहीं
8. सलूम्बर जिले की सीमा कितनी है?
उत्तर – ज्ञात नहीं
9. सलूम्बर जिले की अधिसूचना कब जारी हुईं?
उत्तर – सलूम्बर जिले की अधिसूचना 6 अगस्त 2023 को जारी हुई।
10. जयसमंद झील कहाँ स्थित है?
उत्तर – सलूम्बर जिले में
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