सिवाना दुर्ग | संपूर्ण जानकारी | Siwana Durg

इस आर्टिकल में हम सिवाना दुर्ग(Siwana Durg) के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेंगे , इस दुर्ग से जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्यों को हम जानेंगे।

सिवाना दुर्ग (Siwana Durg)

यह गिरी दुर्ग की श्रेणी में आता है। इस दुर्ग को वीर नारायण पंवार द्वारा 946 ईस्वी में बनाया गया था। इस दुर्ग में अजीत सिंह का दरवाजा है। इस दुर्ग में दो शाके हुए है। यहाँ भांडेलाव तालाब स्थित है। यह किला बालोतरा में हल्देश्वरपहाड़ी पर स्थित है । इस दुर्ग को मारवाड़ की संकटकालीन राजधानी कहा जाता है।

बालोतरा में स्थित छप्पन का पहाड़ नामक पर्वतीय क्षेत्र में स्थित सिवाना का दुर्ग(Siwana ka Kila) इतिहास प्रसिद्ध है। इसे ‘अणखलों सिवाणों’ दुर्ग भी कहते हैं। यह सिवाना तहसील में स्थित है। यह एक ऊंची हल्देश्वर की पहाड़ी पर बसा हुआ है। इसका प्रारम्भिक नाम कुम्थान था। यह राजस्थान के दुर्गों में वर्तमान में सबसे पुराना दुर्ग है। इस पर कूमट नामक झाड़ी बहुतायत में मिलती थी जिससे इसे ‘कूमट दुर्ग’ भी कहते हैं। प्राचीन काल में इस तक पहुँचने का मार्ग अत्यंत दुर्गम था। अल्लाउद्दीन खिलजी के काल में यह दुर्ग जालौर के राजा कान्हड़दे के भतीजे सातलदेव के अधिकार में था।

जब अल्लाउद्दीन जालौर पर आक्रमण करने के लिये रवाना हुआ तो सातलदेव ने उसका मार्ग रोका और कहलवाया कि जालौर पर आक्रमण बाद में करना, पहले सिवाणा से निपट। इस पर विवश होकर अलाउद्दीन खिलजी ने सिवाना का रुख किया। काफी परिश्रम एवं विपुल समय की बरबादी के बाद ही अलाउद्दीन खिलजी इस दुर्ग पर अधिकार कर पाया। राव मालदेव ने गिरि सुमेल युद्ध (1544 ई.) के बाद शेरशाह की सेना द्वारा पीछा किए जाने पर सिवाणा दुर्ग में आश्रय लिया था। चन्द्रसेन ने मुगलों (अकबर) से युद्ध भी सिवाणा को केन्द्र बनाकर किया।

जोधपुर के राठौड़ नरेशों के लिये भी यह दुर्ग विपत्ति काल में शरण स्थली के रूप में काम आता था। दुर्ग में कल्ला रायमलोत का थड़ा, महाराजा अजीतसिंह का दरवाजा, कोट, हलदेश्वर महादेव का मंदिर आदि दर्शनीय हैं। 1308 ई. में अलाउद्दीन खिलजी ने सिवाना दुर्ग को जीतकर उसका नाम ‘खैराबाद’ रख दिया। इसमें दो शाके हुए- प्रथम साका 1308 ई. में सातलदेव व अलाउद्दीन के संघर्ष के दौरान एवं द्वितीय साका वीर कल्ला रायमलोत व अकबर के संघर्ष के दौरान हुआ।

FAQ – Siwana Durg

1. सिवाना दुर्ग में कितने साके हुए?

उत्तर  – सिवाना दुर्ग में दो शाके हुए-

  • प्रथम साका 1308 ई. में सातलदेव व अलाउद्दीन के संघर्ष के दौरान
  • द्वितीय साका वीर कल्ला रायमलोत व अकबर के संघर्ष के दौरान हुआ।

2. सिवाना दुर्ग कौन से जिले में स्थित है?

उत्तर  –  यह किला बालोतरा जिला में हल्देश्वरपहाड़ी पर स्थित है । इससे पहले यह दुर्ग बाड़मेर जिले में था।

3. सिवाना दुर्ग का निर्माण कब और किसने करवाया?

उत्तर  – इस दुर्ग को वीर नारायण पंवार द्वारा 946 ईस्वी में बनाया गया था।

4. ‘ जालोर दुर्ग की कुंजी ‘ किस किले को कहा जाता है ?

उत्तर  – राजस्थान में स्थित सिवाना दुर्ग को जालौर दुर्ग की कुंजी कहा जाता है

5. राजस्थान में स्थित सिवाना दुर्ग का प्राचीन नाम क्या है?

उत्तर  – सिवाना दुर्ग का प्राचीन नाम कुम्थान है।

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