Pocso Act in Hindi – पोक्सो एक्ट क्या है || पूरी जानकारी पढ़ें

आज के आर्टिकल में हम पोक्सो एक्ट क्या है (Pocso Act in Hindi) इसके बारे में विस्तार से जानकारी पढेंगे और महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के माध्यम से इसे समझेंगे ।

Pocso Act in Hindi

वर्तमान समाज में अपराध बढ़ते ही जा रहें है ,चाहे वह किसी भी प्रकार का अपराध हो । आज हम पोक्सो एक्ट (Pocso Act) के बारे में पढेंगे ।इस एक्ट के अनुसार 18  वर्ष  से कम किसी भी बच्चे  के साथ अगर दुराचार या कुकर्म  होता है तो वह पॉक्सो एक्ट के तहत आता है। इस एक्ट के लगने पर शीघ्र गिरफ्तारी का प्रावधान है।

Pocso Act in Hindi

बच्चों के प्रति बाल यौनाचार के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2012 में एक  कानून “पॉस्को एक्ट” बनाया। इस कानून के अनुसार दोषी/अपराधी व्यक्ति को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। पोक्सो एक्ट (Pocso Act)  कानून बच्चों को छेड़खानी, बलात्कार और कुकर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है। इसे “लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012”  भी कहते हैं।

हाल ही में वर्ष 2018 में इस कानून में संशोधन किया गया, इसके तहत  12 साल तक की बच्ची से दुष्कर्म के दोषियों को मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। इससे ‘प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस’ (Pocso Act) एक्ट को काफी मजबूती मिली है,इससे बाल यौनाचार के अपराध कम होंगे और आमजन में इसका भय भी होगा ।

Pocso Full Form ⇒ Protection of children from sexual offenses

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प्रश्न 1 पोक्सो एक्ट में पीङित कौन-कौन हो सकता है?
उत्तर – ऐसा बालक या बालिका जिसने 18 वर्ष की आयु पूर्ण नहीं की हो।

प्रश्न 2 पोक्सो एक्ट के मामलों का विचारण कैसे किया जाएगा?
उत्तर – धारा 37 पोक्सो एक्ट के अनुसार पोक्सो एक्ट के मामलों का विचारण विशेष न्यायालय, जो सेशन न्यायाधीश स्तर का होगा, के द्वारा बन्द कमरे में बालक के माता पिता या विश्वास रखने वाले व्यक्ति की मौजूदरी में किया जाएगा।

प्रश्न 3 पोक्सो एक्ट महत्त्वपूर्ण  विशेषताएँ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-

  • यह अधिनियम, हर बच्चे को जो 18 वर्ष से कम उम्र का है उसे यौन उत्पीङन, यौनाचार और अश्लीलता से सुरक्षा प्रदान करता है।
  • बच्चों के प्रति यौन अपराधों के मुद्दे को उल्लेखित करने हेतु पहली बार एक विशेष कानून पारित किया गया है।
  • इन अपराधों को स्पष्ट रूप से कानून में परिभाषित करते हुए बाल मैत्री प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है।
  • यह कानून लिंग समान है इसमें पीङित या दोषी लङका अथवा लङकी दोनो में से कोई भी हो सकता है।
  • अधिनियम के अन्तर्गत कठोर दण्ड का प्रावधान है जो कि अपराध की गम्भीरता के अनुरूप वर्णित है।

प्रश्न 4 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत लैंगिक उत्पीङन को परिभाषित बताएं ।
उत्तर – धारा 11 पोक्सो एक्ट के अनुसार लैंगिक आशय से-

  • किसी बालक को कोई शब्द, आवाज या संकेत करना
  • बालक को उसके शरीर या शरीर के अंग को दिखाने के लिए कहना
  • अश्लील साहित्य को किसी भी रुप में बालक को दिखाना
  • इलेक्टिक या अन्य किसी भी माध्यम से बालक का पीछा करना
  • लैंगिक कार्यों की वास्तविक या बनावटी तस्वीर खींचकर मीडिया में किसी रुप में उपयोग करने की धमकी
  • अश्लील प्रयोजनों के लिए बालक को प्रलोभन दिया जाना बालक का लैंगिक उत्पीङन है।

प्रश्न 5 प्रवेशन लैंगिक हमले से आप क्या समझते  है?
उत्तर – पोक्सो एक्ट की धारा 3 के अनुसार-

  • किसी बालक की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या मुंह में लिंग का प्रवेशन
  • किसी बालक की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या मुंह में लिंग के अतिरिक्त शरीर के किसी अन्य अंग या किसी वस्तु का प्रवेशन
  • किसी बालक की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या लिंग पर मुह लगाना
  • किसी बालक की योनि, गुदा, मूत्रमार्ग या लिंग का अभिचालन इस प्रकार करना की प्रवेशन हो।

प्रश्न 6 विशेष किशोर पुलिस इकाई का अर्थ समझाएं ?
उत्तर – बालकों के मामलों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 107 में विशेष किशोर पुलिस इकाई का प्रावधान किया गया है। जिला स्तर की इस इकाई में 3 सदस्य होते है जिसका अध्यक्ष जिले में कार्यरत पुलिस उपाधीक्षक स्तर का एक अधिकारी होता है। दो सदस्य राज्य सरकार द्वारा मनोनीत होते है जिन्हें बालकों के मामलों में कार्य करने का सात वर्ष का अनुभव हो। इनमें एक महिला सदस्य होती है।

प्रश्न 7 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत अपराधिक मानसिक दशा की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत किसी अपराध के अभियोजन में अभियुक्त की आपराधिक मानसिक दशा, जिसमें आशय, हेतुक या ज्ञान सम्मिलित है, की विधमानता की उपधारणा न्यायालय द्वारा की जाएगी। अभियुक्त को इस उपधारणा की प्रतिपरीक्षा करने का अवसर न्यायालय द्वारा दिया जाएगा।

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प्रश्न 8 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत मीडिया के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत मीडिया के लिए विशेष प्रावधान दिए गए है।
1. धारा 20 के अनुसार मीडिया किसी बालक के लैंगिक शोषण संबंधी किसी भी प्रकार की सामग्री जो उसके पास उपलब्ध हो, वह स्थानीय पुलिस को उपलब्ध करायएगा। ऐसा ना करने पर यह कृत्य अपराध की श्रेणी में माना जाएगा।
2. कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के मीडिया या स्टूडियों या फोटोग्राफी सुविधाओं से पूर्ण और अधिप्रमाणित सूचना के बिना किसी बालक के सम्बन्ध में कोई रिपोर्ट या उस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा, जिससे उसकी प्रतिष्ठा हनन या उसकी गोपनीयता का उल्लंघन होता हों।
3. किसी मीडिया से कोई रिपोर्ट बालक की पहचान जिसके अन्तर्गत उसका नाम, पता, फोटोचित्र परिवार के विवरणों, विधालय, पङौसी या किन्हीं अन्य विवरण को प्रकट नहीं किया जायेगा।
4. परन्तु ऐसे कारणों से जो अभिलिखित किये जाने के पश्चात सक्षम विशेष न्यायालय की अनुमति प्राप्त कर किया जा सकेगा यदि उसकी राय में ऐसा प्रकरण बालक के हित में है।
5. मीडिया स्टूडियों का प्रकाशक या मालिक संयुक्त रूप से और व्यक्तिगत रूप से अपने कर्मचारी के कार्यों के किसी कार्य के लिए उत्तरदायी होगा। इन प्रावधानों का उल्लंघन करने पर छः माह से एक वर्ष के कारावास या जुर्माने या दोनों से दण्डित किया जायेगा।

प्रश्न 9 पोक्सो एक्ट का पूरा नाम क्या है?
उत्तर – लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012(Protection of children from sexual offenses)

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प्रश्न 10 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत न्यायालय द्वारा कथन अभिलिखित करने व मामले का निपटारा करने की कितनी अवधि निर्धारित की गई है?
उत्तर – धारा 35 पोक्सो एक्ट के अनुसार न्यायालय द्वारा बालक का साक्ष्य अभिलिखित करने की अवधि अपराध का संज्ञान लिए जाने के तीस दिन के अन्दर तथा मामले का निपटारा एक वर्ष की अवधि में किया जाना निर्धारित किया गया है।

प्रश्न 11 न्यायालय बालकों के मामलों में किससे सहायता प्राप्त कर सकता है?
उत्तर – धारा 39 के अनुसार मनोविज्ञान, सामाजिक कार्य, बाल विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे व्यक्तियों, गैर सरकारी संगठनों या विशेषज्ञों से।

प्रश्न 12 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत लैंगिक हमले का परिभाषित कीजिए।
उत्तर – धारा 7 पोक्सो एक्ट के अनुसार लैंगिक आशय से-

  • बालक की योनि, गुदा, लिंग या स्तन को छूना
  • बालक को ऐसा कार्य करने के लिए तैयार करना
  • लैंगिक आशय से ऐसा कोई कार्य करना जिसमें प्रवेशन किए बिना शारीरिक संपर्क होता है, लैंगिक हमले की परिभाषा में आता है।

प्रश्न 13 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत अपराध की रिपोर्टिंग की बाध्यता को स्पष्ट करें ।
उत्तर – धारा 19 के अन्तर्गत बालकों के साथ हुए यौन अपराधों की सूचना देने की बाध्यता दी गई है। इस धारा के अनुसार कोई भी व्यक्ति जिसे यह आशंका है कि किसी बालक के साथ कोई अपराध हुआ है या अपराध होने के संभावना है या उसे जानकारी है कि ऐसा अपराध किया गया है तो वह इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को देगा। ऐसा करने में विफलता अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। किसी संस्था के प्रभारी द्वारा ऐसे मामलों में रिपोर्ट करने की विफलता में दुगुना दण्ड का प्रावधान किया गया है।

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प्रश्न 14 पोक्सो एक्ट में अपराधों के विस्तृत रुप को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – सामान्य परिस्थिति में किया जाने वाला अपराध सामान्य श्रेणी में सम्मिलित किया जाता है किन्तु यदि अपराध गंभीर परिस्थितियों में किया जाए तो वह अपराध गुरुत्तर श्रेणी का अपराध माना गया है। पोक्सो एक्ट में निम्नांकित को गुरुत्तर अपराध माना गया है:-

  • किसी पुलिस अधिकारी द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी सशस्त्र बल या सुरक्षा बल के सदस्य द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी लोक सेवक द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी जेल या प्रतिप्रेषण अधिकारी द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी चिकित्सक द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी शैक्षणिक संस्था के अधिकारी द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • बालक के साथ सामूहिक रुप से प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • घातक आयुधों के साथ बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करते हुए उसे गंभीर शारीरिक या मानसिक चोट पहुंचाना।
  • बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना जिससे वह विकलांगता की स्थिति में पहुंच जाए।
  • किसी बालिका के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला करना जिससे वह गंभीर संक्रामक रोग से ग्रसित हो जाए।
  • बालक की मानसिक या शारीरिक असक्षमता का फायदा उठा कर प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी बालक के साथ एक से अधिक बार प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • 12 वर्ष से कम आयु के बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • साम्प्रदायिक या जातीय दंगों के दौरान बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी संरक्षक द्वारा बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • किसी बालिका के साथ गर्भवती होने पर भी प्रवेशन लैंगिक हमला करना।
  • हत्या के प्रयत्न के साथ बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।
  • सार्वजनिक स्थान पर निर्वस्त्र कर बालक के साथ प्रवेशन लैंगिक हमला या लैंगिक हमला करना।

प्रश्न 15 पोक्सो एक्ट के अन्तर्गत अपराध की रिपोर्टिंग व साक्ष्य लिए जाने की प्रक्रिया का उल्लेख कीजिए।

  • किसी भी व्यक्ति को यदि इस अधिनियम के अन्तर्गत किसी अपराध के होने या होने की संभावना का पता चलता है वह इसकी सूचना तुरन्त विशेष किशोर पुलिस इकाई या स्थानीय पुलिस को देगा।
  • इस प्रकार प्राप्त सूचना को तुरन्त निर्धारित रीति से रिकार्ड किया जाएगा।
  • यदि इस प्रकार की सूचना किसी बालक द्वारा दी जाती है तो सूचना सामान्य भाषा में रिकार्ड की जाएगी ताकि वह बालक उसको समझ सके।
  • यदि बालक उसको समझ नहीं पाता है तो किसी दुभाषिये की सहायता प्राप्त की जाएगी।
  • यदि विशेष किशोर पुलिस इकाई या स्थानीय पुलिस सूचना रिकार्ड करते समय यह महसूस करती है कि बालक को देखभाल या संरक्षण की आवश्यकता है तो वह इस हेतु आवश्यक कार्यवाही करेगी।
  • रिकार्ड की गई सूचना की सूचना विशेष किशोर पुलिस इकाई या स्थानीय पुलिस स्थानीय बाल कल्याण समिति को 24 घण्टे में देगी।
  • किसी व्यक्ति के विरुद्ध सद्भावना पूर्वक दी गई सूचना पर किसी प्रकार का आपराधिक या सिविल वाद नहीं किया जाएगा।
  • पीङित बालक के बयान उसके निवास या उसकी पसंद के स्थान पर दर्ज किये जावें और जहां तक संभव हो उपनिरीक्षक स्तर की महिला पुलिस अधिकारी द्वारा अभिलेखित किया जावें।
  • बालक के कथन को अभिलिखित किये जाते समय पुलिस अधिकारी वर्दी में नहीं होवे।
  • अन्वेषण करते समय पुलिस अधिकारी यह सुनिश्चित करें आरोपी की पहचान परेङ को छोङकर आरोपी के सम्पर्क में नहीं आये।
  • किसी बालक को किसी भी कारण से रात्रि में किसी पुलिस स्टेशन में निरूद्ध नहीं किया जावें।
  • पुलिस अधिकारी तब तक यह सुनिश्चित करेगें की बालक की पहचान पब्लिक मीडिया से संरक्षित है जब तक की बालक के हित में विशेष न्यायालय द्वारा अन्यथा निर्देशित नहीं किया गया हों।
  • पुलिस अधिकारी द्वारा बालक के माता-पिता या ऐेसे किसी अन्य व्यक्ति की जिसमें बालक भरोसा या विश्वास है की उपस्थित में बालक द्वारा बोले गये अनुसार बयान दर्ज किये जाये।
  • पुलिस अधिकारी द्वारा बालक का बयान अभिलिखित करते समय किसी अनुवादक या किसी दुभाषिया की सहायता ली जावें।
  • मानसिक व शारीरिक निःशक्तता वाले बालक के मामले में किसी विशेष शिक्षक या उस क्षेत्र में किसी विशेषज्ञ की सेवायें ली जावें।
  • पुलिस अधिकारी द्वारा पीङित बालक के द्वारा दिये गये बयानो की आडियो विजुवल रिकाॅडिंग की जावें।

पोक्सो-2018 संशोधित विधेयक

पेनेट्रेटिव यौन हमला – इस एक्ट के अन्तर्गत अगर किसी व्यक्ति ने-

(1) किसी बच्चे के वेजाइना, मुँह, यूरेथ्रा या एनस में अपने पेनिस को डाला (पेनेट्रेट किया) है

(2) वह बच्चे से ऐसा करवाता है

(3) बच्चे के शरीर में कोई वस्तु डालता है

(4) अपना मुँह बच्चे के शरीर के अंगों को लगाता है, तो उसे ’पेनेट्रेटिव यौन हमला’ कहा जाता है। ऐसे अपराधों के लिए सात वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा भुगतनी पङ सकती है, साथ ही जुर्माना भी भरना पङ सकता है। इस बिल में न्यूनतम सजा को सात से दस वर्ष तक किया गया है। इसके अतिरिक्त इस बिल में हा गया है कि अगर कोई व्यक्ति 16 वर्ष से कम आयु के बच्चे पर पेनेट्रेटिव यौन हमला करता है तो उसे 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा भुगतनी पङ सकती है और जुर्माना भरना पङ सकता है।
गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमला – इसके अंतर्गत पुलिस अधिकारी, सशस्त्र सेनाओं के सदस्य या पब्लिक सर्वेंट बच्चे पर यदि पेनेट्रेटिव यौन हमला करते हैं तो उसे ’गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमला’ माना जाएगा। साथ ही इसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं जहाँ अपराधी बच्चे का संबंधी हो, या हमले से बच्चे के सेक्सुअल ऑर्गन्स घायल जो जाएँ या बच्ची गर्भवती हो जाए इत्यादि। बिल गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमले की परिभाषा में दो आधार और जोङता है। इनमें (क) हमले के कारण बच्चे की मौत और (ख) प्राकृतिक आपदा के दौरान किया गया यौन हमला शामिल है।

वर्तमान में गंभीर पेनेट्रेटिव यौन हमले में 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा भुगतनी पङ सकती है और जुर्माना भरना पङ सकता है। इस बिल में न्यूनतम सजा को दस वर्ष से 20 वर्ष और अधिकतम सजा को मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
गंभीर यौन हमला – यदि कोई व्यक्ति पेनेट्रेशन के बिना किसी बच्चे के वेजाइना, पेनिस, एनस या बेस्ट को छूता है तो ’गंभीर यौन हमले’ में शामिल माना जाएगा, जिनमें अपराधी बच्चे का संबंधी होता है या जिनमें बच्चे के सेक्सुअल आॅर्गन्स घायल हो जाते हैं, इत्यादि। इस बिल में गंभीर यौन हमले में दो स्थितियों को और शामिल किया गया है। इनमें

(1) प्राकृतिक आपदा के दौरान किया गया हमला

(2) जल्दी यौन परिपक्वता लाने के लिए बच्चे को हार्मोन या कोई दूसरा रासायनिक पदार्थ देना या दिलवाना शामिल है।

पोर्नोग्राफिक उद्देश्य –

इस एक्ट के अन्तर्गत अगर कोई व्यक्ति यौन सुख पाने के लिए किसी प्रकार के मीडिया में बच्चे का इस्तेमाल करता है तो वह पोर्नोग्राफिक उद्देश्य के लिए बच्चे का इस्तेमाल करने का देाषी पाया जाएगा। इस एक्ट में उन लोगों को भी सजा देने का प्रावधान किया गया है, जो पार्नोग्राफिक उद्देश्यों के लिए बच्चों का इस्तेमाल करने के दौरान उन पर यौन हमला करते हैं।
पोर्नोग्राफिक सामग्री का स्टोरेज – इस एक्ट में काॅमर्शियल उद्देश्य के लिए पोर्नोग्राफिक सामग्री का स्टोरेज करने पर सजा का प्रावधान किया गया है। इस अपराध के लिए तीन वर्ष तक के कारावास या जुर्माने या दोनों की सजा हो सकती है। यह बिल इस प्रावधान में संशोधन करता है। इस बिल के अनुसार इस अपराध के लिए तीन से पाँच वर्ष तक की सजा हो सकती है या जुर्माना भरना पङ सकता है या दोनों भुगतने पङ सकते हैं। इसके अतिरिक्त बिल में बच्चों से संबंधित पोर्नोग्राफिक सामग्री के स्टोरेज और अपराधों को जोङा गया है। इनमें (1) बच्चों से संबंधित पोर्नोग्राफिक सामग्री को नष्ट, डिलीट या रिपोर्ट करने में असफलता और (2) ऐसीे किसी सामग्री को ट्रांसमिंट, प्रचारित या प्रबंधित करना।

Watershed Management in Hindi – जल प्रबंधन

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