आज की पोस्ट में हम हर परीक्षा में आने वाले टॉपिक 44 वाँ संविधान संशोधन(44th amendment) पर चर्चा करेंगे ,आप इसे अच्छे से पढ़ें
⇒44 वाँ संविधान संशोधन (1978)- यह संशोधन भी अत्यन्त व्यापक एवं महत्वपूर्ण हैं इसे जनतादल की सरकार ने 42 वें संविधान संशोधन द्वारा किये गये अवांछनीय परिवर्तनों को समाप्त करने के लिए पारित किया था। इसके द्वारा किये गये प्रमुख संशोधन निम्नलिखित है-
⇔ अनुच्छेद 352 में राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा का आधार ’आन्तरिक अशान्ति’ के स्थान पर ’सशस्त्र विद्रोह’ को रखा गया। अतः अब राष्ट्रपति आपात की उद्घोषणा ’आन्तरिक अशान्ति’ के आधार पर की जाती है।
⇒ यह भी उपबन्धित किया गया कि राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपात की उद्घोषणा तभी करेगा, जब उसे मंत्रिमण्डल द्वारा इसकी लिखित सूचना दी जाय।
⇔ सम्पति के मूलाधिकार को समाप्त करके इसे अनुच्छेद 300क, के तहत विविध अधिकार का दर्जा प्रदान किया गया। इसके लिए अनुच्छेद 31 तथा अनुच्छेद 19 को निरसित किया गया।
⇒ अनुच्छेद 74 में पुनः संशोधन कर राष्ट्रपति को यह अधिकार दिया गया कि वह मंत्रिमण्डल की सलाह, को एक बार पुनर्विचार के लिए वापस भेज सकता है किन्तु पुनः दी गई सलाह को मानने के लिए बाध्य होगा।
⇔ लोकसभा तथा राज्य विधान सभाओं की अवधि पुनः 5 वर्ष कर दी गयी।
⇒ उच्चतम न्यायालय को राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति के निर्वाचन सम्बन्धी विवाद को हल करने की अधिकारित पुनः प्रदान कर दी गई।
◊◊Read This: 42 वां संविधान संशोधन
- 44th amendment
- 44th amendment of Indian Constitution