एडवोकेट गोवर्धन सिंह कौन है – टाइगर ऑफ़ राजस्थान | Goverdhan Singh

आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के एक उभरते हुए महान व्यक्तित्व गोवर्धन सिंह(Biography of Advocate Goverdhan Singh in Hindi) की चर्चा करेंगे ,जिनके बारे में हर किसी को जानना बेहद जरुरी है।

एडवोकेट गोवर्धन सिंह – Biography of Advocate Goverdhan Singh in Hindi

एडवोकेट गोवर्धन सिंह

वकील गोवर्धन सिंह

दोस्तो क्या आपने यह नाम सुना है ? पहली बात तो यह है कि राजस्थान की अगर बात करें तो लगभग हर नागरिक इनके बारे में जानता है, एक ऐसा वकील जो अपने व्यवसाय को पैसा नही मानकर ,एक सच्ची मानवता के नाते हर पीड़ित की सहायता करने को तत्पर रहते है।

वक्त के साथ चलना कोई ज़रूरी नही,
सच के साथ चलिए,
एक दिन वक्त आपके साथ चलेगा ।…………गोवर्धन सिंह

ये गाँधीवादी विचारों पर चलने वाले है। इनका लक्ष्य देश की जय करना है। आज के समय में हर विभाग या राजनीति के हर गलियारे में भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नही है। उस गलत सिस्टम के खिलाफ लड़ने का जज्बा रखते है गोवेर्धन सिंह(Goverdhan Singh) ,आइए आज हम इनके बारे में अच्छे से जानते है।

चर्चित नारा – हिंद की जय

इनमें जज्बा ऐसा है कि इनको अगर बड़े से बड़ा अधिकारी अगर भ्रष्टाचार में लिप्त दिखाई देता है तो शेर की तरह उसका सामना करते है ,ऐसी बात नही है कि किसी मुद्दे पर हार मान ले इन्होने सच के साथ लड़ना सीखा है। राजस्थान में लाखों ऐसे ईमानदार लोगो की फोज तैयार कर दी है जो इनके आदर्शों पर चल कर हिन्द की जय करने को तत्पर रहते है। हम चाहते है जिस राह पर इन्होने कदम बढ़ाये है उस रास्ते पर उन्हें कामयाबी ही मिले।

नामगोवर्धन सिंह
नागरिकताभारत
निवासीजयपुर ,राजस्थान ,C Scheme, Jaipur, India, 302001
सेवावकील
शिक्षावकालत में डिग्री
जातिपरिहार
सम्पर्कgoverdhan.rti@gmail.com
ऑफिसियल वेबसाइटhttp://goverdhansingh.com/
कांटेक्ट नंबर098280 90666

भ्रष्टाचारियों के लिए काल का रूप धारण कर जनता की रक्षा के लिए सदैव तत्परता से खडें रहने वाले और विष्णुदत बिश्रोई सहित कई ईमानदार,कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों के लिए सरकार,प्रशासन और गुंडे टाइप के लोगों से हर समय कलम और कागज के दम पर मुकाबला करने वाले आरटीआई स्पेशलिस्ट,राजस्थान हाईकोर्ट के अधिवक्ता गोवर्धन सिंह के नाम से आज राजस्थान ही नही पुरे भारत के लाखों लोग इनके फेन बन चुके है।

“क़ानून मकड़ी का वो जाल है जहाँ छोटे मोटे कीड़े मकोड़े आने पर फँस जाते हैं लेकिन छिपकली या कोई बड़ा जानवर उस जाल में नहीं फँसता है और जाल को फाड़कर निकल जाता है…”…..गोवर्धन सिंह 

गिरा ना पाओगे लाख चाहकर भी मेरी शख्सियत को, मेरा कारवाँ मेरे चाहने वालो से चलता हैं।

इनके फेन इन्हें टाईगर आफ द राजस्थान के नाम से पुकारते है। आज सोशल मीडिया में इनके लाखों चाहने वाले है।

हाल ही में राजस्थान में चर्चित लाल डायरी पर क्या बोले वकील गोवर्धन सिंह ?

गोवर्धन जी लाल डायरी के बारे में कहते है कि ये लाल डायरी वगेरह में नेताओं के काले चिट्ठे होते है , इनका खुलासा जल्द होगा और बड़े – बड़े नेता जेल में होंगे ।

लाल डायरी की पहली किश्त होगी जारी …

वकील गोवर्धन सिंह की कहानी उन्हीं के शब्दों में …..

1. अभावों में बीता बचपन…
2. पढ़ाई बीच में छूटी…
3. सैंकड़ों कर्मचारियों के साथ राजस्थान और पंजाब में व्यवसाय…
4. RTI के उपयोग से कैसे-कैसे की देशभक्ति
5. पढ़ाई फिर से शुरू…
6. फिर चला नेताओं और पुलिस अफसरों का दमन चक्र…
7. ईनामी हिस्ट्रीशीटर बनने की कहानी…
8. राजस्थान विधानसभा में मचा घण्टों शोर, फिर भी चली 8 महीने की फरारी…
9. बैंक खाते सीज और उनके खुलने की कहानी…
10. हाईकोर्ट ने माना 100% निर्दोष…

11. LL.B.(वकालत की पढ़ाई)…
12. वकील बनने के बाद कभी जजों से संघर्ष, तो कभी नेताओं से संघर्ष…
13. हाईकोर्ट ने कई बार जारी किए अवमानना के नोटिस…
14. किन-किन ईमानदार लोगों द्वारा प्रोत्साहित…
15. न्यायमूर्ति श्री विष्णुदत्त बिश्नोई का बेदाग कार्यकाल और CBI जाँच…
16. भ्रष्टाचारियों में भय और ईमानदारों में विश्वास…

17. अनेकों भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कैसे ACB में दर्ज कराई अनेकों FIR…
18. अन्ना आन्दोलन, Get Well Soon PBM, जागरूकता अभियान और नागरिक क्रान्ति सहित अनेक आन्दोलन…
19. आदर्श वकालत करने वालों को जोड़कर, हाईकोर्ट को कानूनों की पालना के लिए किया मज़बूर…
20. ईमानदार और अच्छे IAS-IPS, जजों, वकीलों, डॉक्टरों, समाजसेवियों, व्यवसायियों और पुलिसकर्मियों सहित हिन्द की जय करने वाले नागरिकों(मालिकों) को एक माला में कैसे पिरोया…?
21. 2022 में सरकार ने झूठे केस में 9 महीने जेल में रखा.

गोवर्धन सिंह वकील जी ने अपनी 9 महीने की जेल यात्रा के कुछ अंश उन्हीं के जुबानी पढ़ें …….यातनाएं ……आह …..सत्य का गला घोंटा …..जयहिंद

“जयपुर सेण्ट्रल जेल में मेरा पहला दिन…”

पुलिस के लोग मुझे 11 दिन पुलिस रिमांड पर रखने के बाद 07.05.2022 को जयपुर की सेंट्रल जेल में ले गए, कैदी के रूप में पहली बार मेरा सामना किसी जेल से हुआ था…दोपहर बाद का समय था… कैमरे के सामने ले जाया गया और फोटो खींची गई…जेल की महिला सिपाही ने रूखे लहजे में कहा ‘नाम बोल’ मेरा नाम कंप्यूटर में डालने के बाद और अधिक रूखे एवं भारी लहजे में “बाप का नाम बोल” कहा…औपचारिकताएँ पूरी करते वक़्त पुलिस के द्वारा इस्तेमाल किए गये अपशब्दों से सुन्न हो चुके मेरे कान व पत्थर हो चुकी थी

मेरी आँखों के सामजस्य से मैंने देखा कि जेल के सिपाही मेरी तरफ अंगुलियां करते हुए आपस में कह रहे थे कि यही वो वकील है जो CM से लड़कर आया है… मैं केवल इन सबके चेहरों की तरफ देख रहा था…मुझसे अंगूठे और अंगुलियों के निशान लिए गए…सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी करने के बाद

पुलिस, मुझे जेल के अंदरूनी बड़े दरवाजे में प्रवेश करवाकर चली गई…

अंदर सफेद कपड़ों वाले कई कैदी थे जो इधर उधर घूम रहे थे, मेरे सामान और कपड़ों की चैकिंग की गई और मुझे अन्य स्थान पर ले जाया गया जिसको ‘चीफ़ जाली’ कहा जाता था…मुझे पूछा गया चोटें हैं क्या तो मैंने कहा बहुत चोटें हैं शरीर पर भी और मन पर भी…

अस्पताल में डॉक्टर के पास ले जाया गया तो डॉक्टर ने मेरी उधड़ी हुई चमड़ी देखकर कहा कि वकील साहब आपके साथ बहुत बुरा हुआ है, माफ करना मैं चोटों का विवरण नहीं लिख पाऊंगा क्योंकि मुझे भी मेरी नौकरी करनी है, आपके पीछे तो खुद CM पड़ा हुआ है लेकिन आप हिम्मत मत हारना, एक दिन सब ठीक हो जाएगा…

मैं असहाय डॉक्टर की तरफ देखता रह गया क्योंकि सहानुभूति जताई गई थी लेकिन चोटों का विवरण नहीं लिखा गया…अब फिर से चीफ जाली ले जाया गया…चीफ जाली पर जेलर उपाध्यायजी मिले और बोले वकील साहब आपकी लड़ाई बड़ी है इसलिए आपको विशेष बंदोबस्त में रखने के आदेश हैं… मैं चुपचाप सुनता रहा…

शरीर के प्रत्येक हिस्से में दर्द हो रहा था, खड़े रहने की हिम्मत नहीं थी लेकिन इंतजार करना था…फिर तय हुआ कि मुझे वार्ड 10 की एक कोठरी में रखना है… दो जेल सिपाही और दो सजायाफ्ता कैदी मुझे वार्ड 10 में ले गए…वार्ड 10 जेल का सबसे पाबंद और खतरनाक वार्ड था जिसमें आतंकवादी, फांसीबंदी, पासाबंदी, पाकिस्तानी और जासूस रखे जाते थे….

भयंकर गर्मी का दिन था…अंदर घुसते ही अन्य कैदी मुझे बड़े अचरज से देख रहे थे क्योंकि उनको पता था कि उस वकील को लाया गया है जिसकी फोटो गिरफ्तारी के दिन 27.04.2022 के बाद से रोजाना अखबार में छापी जाती रही है… जीतू नाम का नंबरदार मिला और मुझे 57 नंबर की कोठरी की तरफ ले गया…रास्ते में कुछ युवा कैदियों को मैने सिर हिलाकर नमस्ते किया…उन्होंने भी वापिस नमस्ते कर दिया…

अब कोठरी नंबर 57 में जेल का मेरा पहला दिन शुरू हुआ, मुझे नंबरदार ने हिदायत दी कि आप कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे और यह भी बताया कि आगे वाली कोठरियों में जयपुर बम विस्फोट के आरोपी क़ैदी सहित अन्य ख़तरनाक क़ैदी बंद हैं इसलिए आपको अपनी कोठरी से आगे नहीं जाने देने के आदेश हैं…

भोजन आ चुका था तो एक युवा कैदी ने मुझे भोजन करने के लिए कहा तो मैंने कह दिया कि मुझे भूख नहीं है तो एक-दो अन्य कैदियों ने हिम्मत देते हुए कहा कि वकील साहब भोजन से क्या दुश्मनी है, सब चलता रहता है, यह कहते हुए एक कैदी पानी की प्लास्टिक पीपी लेकर आया और बोला कि पानी पी लो… मैंने पानी पीकर धन्यवाद दिया और थोड़ा बहुत भोजन कर लिया फिर कुछ लोग पूरी कहानी पूछने लगे मैं बुरी तरह थका हुआ था इसलिए कुछ बातें बताकर कल बात करने के लिए निवेदन किया…थोड़ी देर बाद मुझे कोठरी 57 में बंद कर ताले लगा दिए गए…

गश्त करते सिपाहियों के जूतों की आवाज मैं भली भाँति सुन पा रहा था, गर्मी बहुत ज्यादा थी इसलिए पसीने से लथपथ हो रहा था…साथ ही मन ही मन सोच रहा था कि क्या हमारा देश सच में आजाद हो चुका है? मेरा अपराध यह था कि मैंने एक गैंगरेप, अपहरण और डकैती की शिकार एक पीड़िता के लिए वकील के रूप में न्यायालय के समक्ष पैरवी की थी और? आज मैं इस कारण जेल में हूं?

क्या भारत में किसी ताकतवर के खिलाफ न्यायालय में पैरवी करना इतना बड़ा गुनाह है…? असली बात तो यह थी कि CM व उसके सहयोगियों ने यह हमला मुझ पर नहीं किया था वरन् देश की न्यायपालिका पर किया था, ताकि कोई मजिस्ट्रेट या जज भविष्य में किसी ताक़तवर व्यक्ति के ख़िलाफ़ FIR दर्ज करने के आदेश नहीं दे और न ही कोई वकील किसी ताक़तवर के ख़िलाफ़ पैरवी कर सके…

मन में सवाल बहुत सारे थे लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं था… मुकदमा दर्ज कराने वाली पुलिस, अनुसंधान करने वाली पुलिस, गिरफ्तार करने वाली पुलिस, न्यायालय से पुलिस रिमांड प्राप्त करने वाली पुलिस…बैंक खाते, कार, ऑफिस, कंप्यूटर, मोबाईल और कागज जब्त करने वाली पुलिस… और पुलिस को अवैध आदेश देने वाला हमारा मुख्यमंत्री…न्यायालय से तो पुलिस केवल ठप्पा लगवाती रही…मेरी तरफ से सैंकड़ों वकील अपना वकालतनामा लगाकर खड़े होते लेकिन न्यायालय शायद कुछ समझ नहीं पा रहा था…फिर सोचा सच्चाई और ईमानदारी का रास्ता सरल तो कभी था ही नहीं इसलिए घबराना

कैसा…ईश्वर ने कुछ सोच समझकर ही इस पावन कार्य के लिए मुझे चुना होगा…

खैर मुझे अब तक बहुत कुछ समझ आ चुका था… मैं गिरफ्तारी के दूसरे दिन 28.04.2022 को न्यायालय के बाहर इन्कलाब जिंदाबाद जैसे देशभक्ति के कई नारे लगा चुका था…पुलिस ने मुझे उसके बाद पुलिस रिमांड के दौरान पूरी तरह जकड़कर रखा ताकि मैं दोबारा कहीं मीडिया के सामने नहीं बोल जाऊं….मैं बोलकर अपनी सच्चाई नागरिकों को नहीं बता पा रहा था लेकिन CM के कुछ चाटुकार मीडिया संस्थान चीख – चीखकर मेरे खिलाफ झूठ लिखते ही जा रहे थे…

पुलिस रिमांड के दौरान मुझसे मेरे परिजनों और वकीलों को मिलने नहीं दिया जाता था, न्यायालय आदेश लाए तो घंटों इंतजार के बाद मेरे एक – दो वकीलों और परिजनों को कुछ मिनट के लिए मिलाया जाता और वह भी वीडियो रिकॉर्डिंग के बीच…जबकि वकील और मेरे बीच होने वाली बात कानून के मुताबिक कोई सुन नहीं सकता था…कानून कैसा कानून! मेरे मामले में कानून की जमकर धज्जियां उड़ाई गई… न्यायालय को लिखित में यह सब बताया गया तो भी कुछ बदलाव नहीं हो पाया था…मैं जज के चेहरे की तरफ़ देखता लेकिन जज साहब मेरी तरफ़ नहीं देखते, लगता था कि जज साहब को सबकुछ पता था फिर भी न जाने क्यूँ…

गिरफ्तारी 27.04.2022 को हुई थी और 11 दिन पुलिस रिमांड की असहनीय यातना झेलने के बाद जेल पहुंचा था, जेल में भी यातना के पुख्ता बंदोबस्त कर दिए थे मुख्यमंत्रीजी ने…रात जैसे तैसे काटी क्योंकि दर्द के साथ थकान ने नींद की आगोश में डाल ही दिया था…जेल की पहली रात भी शुरू हो गई और अब तक एक देशभक्त को तोड़ने की सरकार की 11 दिन की नापाक कोशिश नाकामयाब रही थी…
इसके आगे की दास्ताँ फिर कभी…

जयहिंद – इन्कलाब जिंदाबाद
आपका अपना
गोवर्धन सिंह

एडवोकेट गोवर्धन सिंह के विचार – Thoughts of Advocate Govardhan Singh

घुटनों के बल जीने की बजाय, मैं खड़ा होकर मरना पसन्द करूँगा ।
ग़ुस्सा और क़ानून दोनों समझदार हैं, कमज़ोर को दबा लेते हैं और ताक़तवर से दब जाते हैं।
बहुत आसान होता है कोई उदाहरण पेश करना लेकिन… बहुत कठिन होता है खुद कोई उदाहरण बनना…।
उन आँखों का हँसना भी क्या, जिन आँखों में पानी न हो। वो जवानी, जवानी नहीं, जिसकी कोई कहानी न हो।।

अधिवक्ता गोवर्धन सिंह के सोशल मीडिया अकाउंट

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Address:- Advocate Goverdhan Singh & Associates, B/B-2, Navlakha Apartment, Bharat mata path, Jamna Lal Bajaj Marg, Near Civil Lines Railway Crossing, C Scheme, Jaipur- 302001

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