आज के आर्टिकल में हम दक्षिण की गंगा गोदावरी नदी(Godavari River) के बारे में विस्तार से समझेंगे,इसके उद्गम स्थल ,सहायक नदियों और इससे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे।
गोदावरी नदी – Godavari Nadi
उद्गम | महाराष्ट्र में नासिक जिले (पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाङी से) |
स्थान | महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश |
प्रमुख शहर | नासिक, नागपुर, औरंगाबाद, राजमुंदरी, नांदेङ, पैठन, भद्राचलम, निजामाबाद, यनम। |
समापन | बंगाल की खाङी |
लंबाई | 1465 किमी. |
उपनाम | गौतमी, प्राचीन गंगा, सप्त गोदावरी, वृद्ध गंगा या प्राचीन गंगा |
गोदावरी नदी का उद्गम – Godavari Nadi ka Udgam Sthal
गोदावरी नदी की उत्पत्ति पश्चिमी घाट में त्रयंबक/त्रयंबकेश्वर पहाङी (ब्रह्मगिरी) से हुई है। त्रयंबक पहाङी महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले से निकलती है। यह 1,067 मीटर की ऊंचाई पर है। इसके आगे बहती हुई निजामाबाद के पास तेलंगाना में प्रवेश करती है। और फिर छत्तीसगढ़ से होती हुई आंध्रप्रदेश में बहती हुई राजहमुन्द्री शहर के समीप बंगाल की खाङी में गिर जाती है।
आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर बना बांध ऐनीकट बाँध है जो राजमुंदरी के निकट स्थित है।
गोदावरी नदी भारत के चार राज्यों महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आन्ध्रप्रदेश में बहती है।
गोदावरी नदी का फैलाव इस प्रकार है –
महाराष्ट्र में 48.6 प्रतिशत, आंध्रप्रदेश में 23.4 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में छत्तीसगढ़ में 10.9 प्रतिशत, कर्नाटक में 5.7 प्रतिशत और कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत है।
गोदावरी नदी पुंडुंचेरी (केन्द्र शासित प्रदेश) के गांव ’यनम’ से होकर गुजरती है। इसके अलावा जो धवलेश्वर डैम है, उसके आगे यह तीन शाखा में विभाजित हो जाती है, इसकी पूरब की शाखा को ’वशिष्ठ गोदावरी’ कहा जाता है तथा बीच के शाखा को ’वैष्णवी गोदावरी’ कहा जाता है। यह तीनों शाखाएँं ही मिलकर एक ’त्रिभुज क्षेत्र’ का निर्माण करती है। गोदावरी नदी भारत की सबसे पवित्र 7 नदियों में से एक है।
इस नदी पर एक बहुउद्देशीय परियोजना ’श्रीमसागर परियोजना, है, जो आंध्रप्रदेश के निजामाबाद जिले में है।
गोदावरी नदी भारत की दूसरी सबसे बङी नदी एवं प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बङी नदी है। गोदावरी नदी दक्षिण भारत की सबसे लम्बी नदी है। गोदावरी दक्षिण भारत की एक प्रमुख नदी है जिसे दक्षिण गंगा(Dakshin Bharat ki Ganga) के नाम से जाना जाता है।
गोदावरी नदी की लम्बाई – Godavari Nadi ki Lambai
इस नदी की लम्बाई 1465 किलोमीटर है। गोदावरी नदी अधिकतम लंबाई 995 किमी. है तथा चौड़ाई 583 किमी. है। गोदावरी नदी 73o24’ पूर्व देशांतर से 83o4’ पूर्व देशांतर है। इसके अलावा यह नदी 16o19’ उत्तरी अक्षांश से 22o34’ उत्तरी अक्षांश तक स्थित है। गोदावरी नदी भारत के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 9.5 प्रतिशत है।
गोदावरी नदी का नामकरण – Godavari Nadi Ka Namkaran
इस नदी का नामकरण तेलुगु भाषा के शब्द ’गोदा’ से हुआ है जिसका अर्थ ’मर्यादा’ होता है।
गोदावरी नदी के उपनाम – Godavari Nadi Ke Upnam
गौतमी –
गोदावरी नदी महर्षि गौतम की कथा से जुङी हुई है, इसी कारण इसे ’गौतमी’ कहा जाता है। कथा के अनुसार एक बार महर्षि गौतम ने घोर तपस्या की थी, जिससे भगवान रुद्र खुश हो गए थे और रुद्र देव ने एक बाल के प्रभाव से एक धारा को प्रवाहित किया था। इस जल के छूने मात्र से ही एक मृत गाय पुनजीर्वित हो गयी थी। इसलिए इसका नाम ’गोदावरी’ रखा गया था।
प्राचीन गंगा –
सप्त गोदावरी –
गोदावरी नदी की सात धाराएँ हैं – वसिष्ठा, कौशिकी, वृद्ध गौतमी, भारद्वाजी, आत्रेयी और तुल्या। यह सात भागों में बंटी हुई है, इसलिए इसे ’सप्त गोदावरी’ कहते हैं।
⇒ गोदावरी नदी का नक्शा – Godavari River Map
गोदावरी नदी की सहायक नदियाँ – Godavari Nadi ki Sahayak Nadiya
बायीं ओर की सहायक नदियाँ
- पूर्णा
- वेनगंगा
- वर्धा
- पेनगंगा
- इन्द्रावती
- साबरी।
दायीं ओर की सहायक नदियाँ
- मंजीरा
- प्रवरा
- मूला।
मंजीरा नदी (अहमदनगर) इसके दायीं किनारे पर मिलने वाली इसकी प्रमुख सहायक नदी है। पूर्णा नदी और इसकी सहायक नदियाँ इसमें आकर मिलती है। इन्द्रावती नदी महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के सोमनूर में गोदावरी नदी में मिलती है। बाणगंगा नदी, प्रवर नदी, सबरी नदी, पेंगंगा नदी, इसकी सहायक नदी है। प्राणहिता नदी गोदावरी की मुख्य सहायक नदी है।
इस नदी की जो सहायक नदियाँ हैं वह आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र आदि राज्यों में पानी की आपूर्ति करती है। गोदावरी नदी आंध्रप्रदेश में कृष्णा नदी के साथ मिलकर भारत के दूसरे सबसे बङे डेल्टा ’कृष्णा-गोदावरी डेल्टा’ का निर्माण करती हंै। इस डेल्टा को ’बहुधा केजी डेल्टा’ भी कहा जाता है।
गोदावरी नदी की गहराई – Godavari Nadi ki Gahrai
इस नदी की औसत गहराई 17 फीट है। इसकी अधिकतम गहराई 62 फीट है। यह एक सबसे बङी गहराई वाली नदी है।
गोदावरी नदी हिन्दुओं की पवित्र नदी है। क्योंकि इस नदी स्थल पर एक प्रमुख ’त्र्यंबकेश्वर मंदिर’ स्थित है, जो भगवान शिव का प्राचीन मंदिर है। गोदावरी नदी के तट पर नासिक में ’कुंभ मेला’ लगता है। गोदावरी नदी 2 धाराओं में विभाजित होती है जो आंध्रप्रदेश में राजमुंदरी के नीचे एक व्यापक नदी नहर सिंचाई प्रणाली प्रदान करने वाली एक बङी नदी के डेल्टा में फैल जाती है। गोदावरी नदी के डेल्टा को दक्षिण-पश्चिम में कृष्णा नदी के साथ भी जोङा जाता है, यह क्षेत्र भारत के चावल उगाने वाले क्षेत्रों में से एक है।
इस नदी का जलग्रहण क्षेत्र 312, 812 वर्ग किमी. है, जो भारत के क्षेत्रफल का लगभग दसवां हिस्सा है। इसके जलग्रहण क्षेत्र का 49 प्रतिशत भाग महाराष्ट्र, 20 प्रतिशत भाग मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में और शेष आंध्रप्रदेश, तेलंगाना में पङता है।
गोदावरी नदी बेसिन को 3 खंडों में विभाजित –
- ऊपरी (मंजीरा नदी के साथ संगम का स्रोत)
- मध्य (मंजीरा और प्राणहिता के संगम के बीच)
- निचला (प्राणहिता मुंह से संगम)।
यह कुल बेसिन क्षेत्र का 24.2 प्रतिशत हिस्सा है। नदियों का वार्षिक औसत जल प्रवाह लगभग 220 अरब घन मीटर है। इस नदी से लगभग 50 प्रतिशत पानी की उपलब्धता का दोहन किया जाता है।
‘गोदावरी जल विवाद न्यायाधिकरण’ का गठन अप्रैल, 1969 में किया गया था तथा न्यायाधिकरण ने जुलाई, 1980 में अपना निर्णय दिया।
इस गोदावरी नदी विवाद में महाराष्ट्र आंध्रप्रदेश, उङीसा, मध्यप्रदेश और कर्नाटक राज्य शामिल है।
गोदावरी नदी का अपवाह तंत्र – Godavari Nadi ka Apwah Tantra
गोदावरी नदी अपवाह तंत्र को 5 उप-अपवाह तंत्रों में क्रमशः विभक्त किया गया है।
- वेनगंगा उपतंत्र
- बाघ उपतंत्र
- बावनथङी उपतंत्र
- पेंच उपतंत्र
- कन्हान उपतंत्र।
गोदावरी नदी के बेसिन में वन्यजीव अभयारण्य
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान
- पापीकोंडा वन्यजीव
- पोचाराम वन और वन्यजीव अभयारण्य
- नवेगाव राष्ट्रीय उद्यान
- गौतला वन्यजीव अभयारण्य
- पैंगांग वन्यजीव अभयारण्य
- टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य
- इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान
- मंजीरा वन्यजीव अभयारण्य
- कावल वन्यजीव अभयारण्य
- बोर वन्यजीव अभयारण्य
- इटारनगरम वन्यजीव अभयारण्य
- किन्नरसानी वन्यजीव अभयारण्य
- प्राणहिता वन्यजीव अभयारण्य
- ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना।
गोदावरी नदी पर महत्त्वपूर्ण परियोजनाएँ –
- पोलावरम सिंचाई परियोजना आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी पर पोलावरम गाँव के पास स्थित है।
- कालेश्वरम सिंचाई परियोजना।
- गोदावरी नदी पर ’सदरमट एनीकट’ नामक दो सिंचाई परियोजना है, जो जल निकासी और सिंचाई के लिए उपयुक्त है।
- इंचमपल्ली परियोजना आंध्रप्रदेश में गोदावरी नदी तथा इंद्रावती के संगम के पास 12 किमी. अनुप्रवाह पर स्थित है।
- श्रीराम सागर परियोजना तेलंगाना के निजामाबाद जिले में पोचमपाद के पास गोदावरी नदी पर स्थित है। गोदावरी नदी पर स्थित ’श्रीराम सागर बांध’ सिंचाई के लिए उपयुक्त है।
- गोदावरी नदी के अन्य प्रमुख विकासों में घंटाघर बांध और जयकवाङी बांध, गंगापुर बांध है।
⇒ गोदावरी बेसिन में खनिज संपदाएं –
- नदी के ऊपरी हिस्से में डेक्कन पठार वाले भाग में एपिटोड, क्लोराइट, मैग्नेटाइट, बायोटाइट, जिरकाॅन, क्लोराइट आदि खनिज मिलते है।
- गोदावरी बेसिन के मध्य भाग में ग्रेनाइट पत्थर, क्कार्जाइट, फरलाइट एवं एम्फीबोल आदि पाये जाते है।
आज के आर्टिकल में हम दक्षिण की गंगा गोदावरी नदी(Godavari River) के बारे में विस्तार से पढ़ा ,हम आशा करतें है कि आपने गोदावरी नदी के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त की होगी अगर कोई भी जानकरी में संदेह हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें
FAQ
1. दक्षिण भारत की गंगा किसे कहा जाता है?
➡️ गोदावरी नदी को
2. गोदावरी नदी का उद्गम स्थल कहाँ है ?
➡️ महाराष्ट्र में नासिक जिले (पश्चिमी घाट में त्रयंबक पहाङी से)
3. पोलावरम सिंचाई परियोजना किस नदी पर है?
➡️ गोदावरी नदी पर
4. गोदावरी नदी की लम्बाई कितनी है?
➡️ 1465 किमी.
5. गोदावरी नदी कितने राज्यों में से गुजरती है?
➡️ महाराष्ट्र, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश
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