आज के आर्टिकल में हम भारत के प्रधानमंत्री पद(Bharat ka Pradhanmantri Kaun Hai) के बारे में जानेंगे , इनसे जुड़े महत्त्वपूर्ण तथ्य भी पढेंगे।
भारत का प्रधानमंत्री कौन है – India ke Prime Minister Kaun Hai
भारत में प्रधानमंत्री के पद को सबसे ताकतवर माना जाता है। हालाँकि राष्ट्रपति क़ानूनी रूप से ताकतवर होता है, लेकिन वास्तविक रूप में भारत के प्रधानमंत्री का पद अधिक ताकतवर होता है, क्योंकि वह देश का मुखिया होता है।
अगर हम बात करें कि वर्तमान में भारत के प्रधानमंत्री कौन(Bharat ka Pradhanmantri Kaun Hai) है तो इसका सीधा सा उत्तर है –
➡️ नरेंद्र दामोदरदास मोदी
भारत के प्रधानमंत्री – Bharat Ka Pradhanmantri
नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात राज्य के मेहसाना जिले के एक छोटे टाउन वडनगर में हुआ। नरेंद्र मोदी का पूरा नाम ’नरेंद्र दामोदरदास मोदी’ था। नरेंद्र मोदी के पिता का नाम श्री दामोदर दास मूलचंद मोदी था तथा माता का नाम हीरा बेन था।
वर्तमान में नरेन्द्र मोदी गुजरात राज्य में रहते है। नरेंद्र मोदी के परिवार के हालात इतने अच्छे नहीं थे, उन्हें कई आर्थिक समस्याओं से जूझना पङा था। नरेंद्र मोदी के पिता एक सङक व्यापारी थे तथा उनकी माता गृहणी महिला थी। नरेंद्र मोदी को अपने बचपन में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पङा था। उन्होंने अपने भाइयों के साथ मिलकर रेलवे स्टेशन और बस टर्मिनल में चाय भी बेची थी।
नरेंद्र मोदी जी सन् 2001 में पहली बार विधानसभा चुनाव में लङे थे और उसमें उनको जीत मिली थी। उसकेे बाद वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने थे। मोदी जी ने 7 अक्टूबर 2001 को शपथ ग्रहण की थी। उसके बाद उनको कई जीतें मिली थी।
मोदी जी को जब कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई थी, तो उन्हें दोबारा (दूसरी बार) से गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
सन् 2007 में मोदी जी गुजरात विधानसभा चुनाव में पुनः जीत प्राप्त की थी और वे गुजरात के तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे।
नरेंद्र मोदी जी को सन् 2012 में चौथी बार गुजरात के विधानसभा चुनाव में जीत मिली थी।
मोदी जी सन् 2012 में चौथी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद जून में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने थे।
नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री पद – (Bharat ka Pradhanmantri Kaun Hai)
सन् 2014 में नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री (pradhan mantri) पद के लिए उम्मीदवार के रूप में खङे हुए थे, इस समय मोदी जी ने वाराणसी और वडोदरा दोनों सीटों पर जीत पा ली थी। मोदी जी ने इस चुनावी माहौल के दौरान 437 चुनावी रैलियां की थी। इन रैलियों के द्वारा उन्होंने कई सारे मुद्दे जनता के समक्ष रखे थे। इससे जनता काफी हद तक प्रभावित हुई थी और जनता ने बीजेपी को वोट दिये थे। जिससे सन् 2014 के आम चुनाव में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत के आधार पर 534 में से 282 सीटें प्राप्त की थी जिससे बीजेपी को जीत हासिल हुई थी।
सन् 2014 में नरेंद्र मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री बने थे। नरेंद्र मोदी जी ने 26 मई, 2014 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की और वे देश के 14 वें प्रधानमंत्री नियुक्त हुये थे।
वर्ष 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी बार चुनाव लङा था। इस समय बीजेपी को कुल 352 सीटें प्राप्त हुई थी। 30 मई 2019 को नरेन्द्र मोदी जी ने शपथ ग्रहण की थी और वे दूसरी बार भारत के प्रधानमंत्री बने थे।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति कौन करता है – Pradhanmantri ki Niyukti Kaun Karta Hai
प्रधानमंत्री विधायिका तथा कार्यपालिका दोनों का वास्तविक प्रधान होता है तथा मंत्रियों व राष्ट्रपति के बीच संवाद के लिए सेतु का कार्य करता है। संक्षेप में, प्रधानमंत्री राष्ट्रपति तथा मंत्रिमण्डल के मध्य एक कङी के रूप में कार्य करता है।
अम्बेडकर ने प्रधानमंत्री के बारे में कहा कि ’’प्रधानमंत्री सूर्य के समान है जिसके चारों ओर ग्रह परिक्रमा करते हैं तथा संविधान के सारे मार्ग प्रधानमंत्री की ओर उन्मुख होते हैं।’’
अनु. 74 के अनुसार, ’’राष्ट्रपति के कार्यों में सलाह एवं परामर्श देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी, जिसका प्रधान प्रधानमंत्री (Pradhanmantri) होगा। राष्ट्रपति, मंत्रिपरिषद के परामर्श के अनुसार कार्य करेगा।”
अनु. 75 के अनुसार, ’’लोकसभा में बहुमत दल के नेता को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त करता है तथा प्रधानमंत्री की सिफारिश पर अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
प्रधानमंत्री को इंग्लिश में क्या कहते हैं – Pradhanmantri Ko English Mein Kya Kahate Hain
➡️ प्रधानमंत्री को अंग्रेजी में Prime Minister कहते है।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति कैसे होती है – Pradhanmantri Ki Niyukti Kaise Hoti Hai
यदि लोकसभा में कोई दल स्पष्ट बहुमत प्राप्त नहीं कर पाता है तो राष्ट्रपति अपने विवेक से लोकसभा में सबसे बङे दल या गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री पद पर नियुक्त करता है। लेकिन प्रधानमंत्री को एक महीने के भीतर सदन में बहुमत (स्पष्ट) प्राप्त करना पङता है यदि प्रधानमंत्री ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे त्यागपत्र देना होता है। इस शक्ति का प्रयोग करते हुए सर्वप्रथम राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने चौधरी चरण सिंह को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
प्रधानमंत्री किसी भी सदन (राज्यसभा या लोकसभा) का हो सकता है और यदि नहीं होता तो छः माह में उसे किसी भी सदन की सदस्यता प्राप्त करनी होती है।
कुछ परिस्थितियों में राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री की नियुक्ति में अपने विवेक से कार्य करने का अवसर मिल सकता है। यथा-
- जब लोकसभा में किसी भी दल या दलीय गठबन्धन को स्पष्ट बहुमत प्राप्त न हो। ऐसी स्थिति में सबसे बङे दल या गठबंधन के नेता को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नियुक्त करता है। ज्ञातव्य है कि भारत में सर्वप्रथम 1979 में तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने चौधरी चरण सिंह को, इस प्रकार की विवेकीय शक्ति का प्रयोग करते हुए, प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
- अगर बहुमत वाले दल या दलीय गठबन्धन में कोई निश्चित नेता न हो या दो समान रूप से प्रभावशाली नेता हो।
- प्रधानमंत्री की अचानक मृत्यु हो जाये और उसका कोई स्पष्ट उत्तराधिकारी न हो, जैसा कि 1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के समय हुआ था।
- जब राष्ट्रपति लोकसभा भंग कर कुछ समय के लिए किसी को प्रधानमंत्री नियुक्त कर दें।
- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाने पर।
प्रधानमंत्री बनने की योग्यता क्या है – Prime Minister of India in Hindi
- वह भारत का नागरिक हो।
- 25 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुका है।
- किसी लाभ के पद पर न हो।
- वह संसद के किसी सदन का सदस्य हो।
- लोकसभा में बहुमत दल का नेता हो।
- दिवालिया/पागल न हो।
- अभ्यर्थी का नाम मतदाता सूची में हो।
minimum age of prime minister
प्रधानमंत्री को शपथ – Pradhan Mantri in Hindi
राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री बनाते हैं तथा राष्ट्रपति द्वारा ही प्रधानमंत्री को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलवाई जाती है।
प्रधानमंत्री की पदावधि – Pm of India
अनुच्छेद 75 (2) के तहत कहा गया है कि मंत्रीगण राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपना पद धारण करेंगे। यही उपबन्ध प्रधानमंत्री पर भी लागू होता है। अतः सैद्धान्तिक रूप से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त अपना पद धारण करता है। किन्तु व्यवहारिक रूप से वह तब तक अपने पद पर बना रह सकता है जब तक उसे लोकसभा का विश्वास प्राप्त हो।
दूसरे शब्दों में, यदि प्रधानमंत्री (Pradhanmantri) को लोकसभा में विश्वास प्राप्त हो तो राष्ट्रपति उसे बर्खास्त नहीं कर सकता है। सामान्यतया प्रधानमंत्री अपने पद ग्रहण की तिथि से लोकसभा के पुनः चुनाव के पश्चात् मंत्रिपरिषद् के गठन तक अपने पद पर बना रहता है, किन्तु वह इसके पहले भी राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर पदमुक्त हो सकता है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के पास हो जाने पर उसे अपना त्यागपत्र देना पङता है और यदि वह स्वयं त्यागपत्र न दे तो उसे राष्ट्रपति द्वारा पदच्युत किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री को सैलरी कौन देता है – Pradhanmantri ki Salary
संसद द्वारा प्रधानमंत्री को वेतन एवं भत्ते निर्धारित किये जाते है। ये वेतन एवं भत्ते प्रधानमंत्री को भारत की संचित निधि से प्राप्त होते है।
प्रधानमंत्री की सैलरी कितनी है – Pradhanmantri ki Salary Kitni Hai
भारत के प्रधानमंत्री का वेतन प्रतिमाह 2 लाख होता है। इसके अन्तर्गत 50,000 रुपये बेसिक सैलरी, व्यय भत्ता 3000 रुपये, निर्वाचन भत्ता 45,000 रुपये। प्रधानमंत्री को प्रतिदिन 2,000 रुपये रोजाना भत्ता मिलता है। प्रधानमंत्री को कुल मिलाकर 1,60,000 लाख वेतन प्राप्त होता है।
प्रधानमंत्री की शक्तियां और कार्य – Pradhan Mantri Ki Shaktiya
संविधान द्वारा समस्त कार्यपालिका शक्ति राष्ट्रपति में निहित की गयी है, जिसका प्रयोग वह ’मंत्रिपरिषद्’ की सहायता से करता है। मंत्रिपरिषद् का प्रधान प्रधानमंत्री होता है। अतः व्यावहारिक रूप से प्रधानमंत्री ही भारतीय शासन प्रणाली का सर्वोच्च कार्यकारी अधिकारी होता है। प्रधानमंत्री के अधिकार एवं कर्तव्य अधोलिखित है –
(1) मंत्रिमण्डल का निर्माण एवं विभागों का वितरण
पद प्राप्ति के पश्चात् मंत्रिपरिषद् का गठन करना प्रधानमंत्री का सबसे प्रमुख कार्य होता है। वह मंत्रिपरिषद में शामिल किये जाने वाले व्यक्तियों की सूची राष्ट्रपति को सौंपता है। राष्ट्रपति सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को मंत्री नियुक्त कर सकता है जिनकी सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा की गई हो।
मंत्रिपरिषद् के गठन के पश्चात् प्रधानमंत्री विभिन्न सदस्यों में विभागों का बंटवारा करता है। जिससे मंत्रिमण्डल का गठन होता है। मंत्रिमण्डल का गठन वह स्वविवेक से करता है। उसे मंत्रिमण्डल गठन के सम्बन्ध में पूर्ण विवेकाधिकार प्राप्त है। उसे विभागों में परिवर्तन का अधिकार होता है।
यद्यपि मंत्रिमण्डल के निर्माण में वह स्वतंत्र होता है। तथापि उसे यह देखना पङता है कि उसके मंत्रिमण्डल में सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो। इसके अतिरिक्त, उसे अपने दल के वरिष्ठ एवं अनुभवी सदस्यों को भी मंत्रिपरिषद में लेना पङता है। विभागों के वितरण में वह अपनी स्वतंत्रता का पूरा उपयोग करता है।
प्रधानमंत्री शासन के समस्त विभागों में समन्वय स्थापित करता है जिससे कि समस्त शासन एक इकाई के रूप में कार्य कर सके। इस उद्देश्य से उसके द्वारा विभिन्न विभागों को निर्देश दिये जा सकते हैं और मंत्रियों के विभागों तथा कार्यों में हस्तक्षेप किया जा सकता है।
(2) मंत्रियों की पदच्युति
वैसे तो संविधाानानुसार मंत्रिगण वैयक्तिक रूप से राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त पद पर बने रहते हैं, लेकिन फिर भी जब तक वे प्रधानमंत्री के विश्वासपात्र है, राष्ट्रपति उन्हें नहीं हटा सकते। यदि प्रधानमंत्री किसी मंत्री से संतुष्ट नहीं है, तो वह उसे त्यागपत्र देने को कह सकते है। यदि कोई मंत्री त्यागपत्र न दे, तो प्रधानमंत्री राष्ट्रपति द्वारा उसे पदच्युत करवा देता है।
जिसको निम्न उदाहरण से समझ सकते हैं–
नेहरू-लियाकत अली समझौते पर मतभेद के कारण श्यामाप्रसाद मुखर्जी को त्यागपत्र देना पङा था। मोरारजी देसाई को इंदिरा गांधी ने बर्खास्त कर दिया था। प्रधानमंत्री चाहे तो अपना त्यागपत्र देकर पूरे मंत्रिमण्डल को भंग करवा सकता है। कई बार मंत्रियों को प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए भी त्यागपत्र देना पङता है। 1963 में कृष्णामेनन (रक्षा मंत्री) को नेहरू की प्रतिष्ठा बचाने के लिए त्यागपत्र देना पङा था। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद् का प्रधान होता है अतः प्रधानमंत्री की मृत्यु, त्यागपत्र या पदच्युति के पश्चात् मंत्रिपरिषद् का विघटन हो जाता है।
प्रधानमंत्री के कार्य – Pradhanmantri Ke Karya
(3) मंत्रिमण्डल का नेता
प्रधानमंत्री मंत्रिमंडल का नेता होता है। वह मंत्रिमण्डल का सभापति होता है, बैठकों में होने वाले वाद-विवाद पर नियंत्रण रखता है तथा मंत्रिमंडल की बैठकों का रिकाॅर्ड भी रखता है, मंत्रियों को परामर्श देता है, उनका उत्साह बढ़ाता है। उन्हें चेतावनी देता है एवं मंत्रियों के कार्यों पर नियंत्रण भी रखता है। वह मंत्रिमंडल में एकता एवं सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना विकसित करता है।
(4) राष्ट्रपति तथा मंत्रिमण्डल के बीच की कङी
अनु. 78 के तहत प्रधानमंत्री को मंत्रिपरिषद एवं राष्ट्रपति के मध्य संवाद की एक कङी बनाया गया है। इसके अनुसार प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य है कि वह –
- संघ के कार्यकलाप के प्रशासन या विधान सम्बन्धी मंत्रिपरिषद के सभी विनिश्चय राष्ट्रपति को सूचित करे।
- संघीय कार्यकलाप के प्रशासन के सम्बन्ध में या विधान के सम्बन्ध में राष्ट्रपति द्वारा मांगी गयी जानकारी उसे दे।
- राष्ट्रपति द्वारा अपेक्षा किये जाने पर किसी ऐसे विषय को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचार के लिए रखे, जिस पर किसी मंत्री ने विनिश्चय कर दिया है किन्तु मंत्रिपरिषद ने विचार नहीं किया है।
(5) सरकार का मुखिया
सरकार का मुखिया होने के कारण प्रधानमंत्री (Prime Minister) राज्य प्रबंध चलाता है। शासन की सभी नीतियों की घोषणा मंत्रिमंडल की तरफ से वही करता है। बजट भी उसी की देख-रेख में तैयार होता है। इसके अतिरिक्त राष्ट्रपति द्वारा उच्च पदों पर (सर्वोच्च एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, राज्यपाल, महान्यायवादी, मुख्य निर्वाचन आयुक्त, संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य) जो नियुक्तियां की जाती है वह वास्तविक रूप में प्रधानमंत्री के परामर्श पर ही की जाती हैं।
(6) विदेशी नीति संबंधी कार्य
अन्तर्राष्ट्रीय क्षेत्र में भारतीय प्रधानमंत्री का स्थान अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है। चाहे विदेश विभाग प्रधानमंत्री के हाथ में न हो, फिर भी अन्तिम रूप से विदेश नीति का निर्धारण प्रधानमंत्री के द्वारा ही किया जाता है। वह महत्त्वपूर्ण अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में राष्ट्र के प्रतिनिधि के रूप में अन्तर्राष्ट्रीय समस्याओं पर विचार-विमर्श में भाग लेता है।
(7) आपातकालीन शक्तियां
विधान द्वारा राष्ट्रपति को आपातकालीन स्थिति से निबटने का जो अधिकार दिया गया है। 1962 में चीनी आक्रमण के समय एवं 1971 में पाकिस्तानी आक्रमण के समय राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह से ही आपात की उद्घोषणा की थी। राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद ने सिर्फ इंदिरा गांधी के कहने पर ही 1975 में राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की सलाह पर नौ राज्यों की विधान सभाओं को भंग कर दिया था। फिर इंदिरा गांधी ने भी 1980 में ऐसा ही किया।
(8) संसद का नेता
प्रधानमंत्री संसद का नेता होता है। प्रधानमंत्री प्रायः लोकसभा से बहुमत दल का नेता होता है एवं इसी कारण से उसे सदन का नेता भी माना जाता है। इसका अपवाद है जब प्रधानमंत्री राज्यसभा का सदस्य हो। जब संसद के सामने कोई समस्या खङी हो जाती है तो संसद प्रधानमंत्री की ओर आशा भरी निगाहों से देखती है और उसकी सलाह से ही कार्य करती है। प्रधानमंत्री की सलाह पर ही राष्ट्रपति संसद का अधिवेशन बुलाता है। संसद के कार्यक्रम भी प्रधानमंत्री की इच्छानुसार तय होते हैं।
(9) दल का नेता
प्रधानमंत्री अपने दल का सर्वमान्य नेता होता है। पार्टी का संगठन एवं उसकी नीतियों को निश्चित करना प्रधानमंत्री का ही काम है। उसी के नेतृत्व तले दल चुनाव लङता है।
(10) राष्ट्र का नेता
प्रधानमंत्री राष्ट्र का भी नेता होता है। जब राष्ट्र पर कोई संकट आता है तो पूरा राष्ट्र प्रधानमंत्री की ओर देखता है एवं जनता बङे ध्यान से उसके विचारों को सुनती है। जब वह किसी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कुछ बोलता है तब वह समस्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है वह राष्ट्र की तरफ से बोलता है।
(11) पदेन अध्यक्ष
प्रधानमंत्री योजना आयोग (अब नीति आयोग), राष्ट्रीय विकास परिषद, अन्तर्राज्यीय परिषद एवं राष्ट्रीय जल संसाधन परिषद का पदेन अध्यक्ष होता है।
(12) अन्य कार्य
- वह राष्ट्रपति को संसद का सत्र बुलाने एवं सत्रावसान करने सम्बन्धी परामर्श देता है।
- वह कभी भी राष्ट्रपति से लोकसभा को भंग करने की सिफारिश कर सकता है।
- सरकार की नीतिगत घोषणायें प्रधानमंत्री द्वारा ही सभा पटल पर की जाती है।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री – First Prime Minister of India
⇒ भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।
भारत के प्रधानमंत्री की सूची – India’s Prime Minister List
नाम | कार्यकाल |
1. जवाहरलाल नेहरू | 15 अगस्त, 1947-27 मई, 1964 |
2. गुलजारीलाल नंदा | 27 मई, 1964-9 जून, 1964 11 जनवरी, 1966-24 मार्च, 1977 |
3. लाल बहादुर शास्त्री | 9 जून, 1964-11 जनवरी, 1966 |
4. इन्दिरा गांधी | 24 जनवरी, 1966-24 मार्च, 1977 14 जनवरी, 1980-31 अक्टूबर, 1984 |
5. मोरारजी देसाई | 24 मार्च, 1977-28 जुलाई, 1979 |
6. चौधरी चरण सिंह | 28 जुलाई, 1979-14 जनवरी, 1980 |
7. राजीव गांधी | 31 अक्टूबर, 1984-2 दिसंबर, 1989 |
8. विश्वनाथ प्रताप सिंह | 2 दिसंबर, 1989-10 नवंबर, 1990 |
9. चन्द्रशेखर | 10 नवंबर, 1990-21 जून, 1991 |
10. पी.वी. नरसिम्हा राव | 21 जून, 1991-16 मई, 1996 |
11. अटल बिहारी वाजपेयी | 16 मई, 1996-1 जून, 1996 19 मार्च, 1998-10 अक्टूबर 1999 10 अक्टूबर, 1999-22 मई, 2004 |
12. एच.डी. देवगौङा | 1 जून, 1996-21 अप्रैल, 1997 |
13. इंद्रकुमार गुजराल | 21 अप्रैल, 1997-19 मार्च, 1998 |
17. डाॅ. मनमोहन सिंह | 22 मई, 2004-22 मई, 2009 22 मई, 2009-26 मई, 2014 |
18. नरेन्द्र मोदी | 26 मई, 2014-26 मई, 2019 |
19. नरेन्द्र मोदी | 26 मई, 2019 से वर्तमान समय तक |
प्रधानमंत्री से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न –
1. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के तहत प्रधानमंत्री पद की व्यवस्था की गई है ?
उत्तर – अनुच्छेद 74 में
2. संविधान के अनुसार संघीय मंत्रि-परिषद के मंत्री किसके प्रसादपर्यन्त अपना पद धारण करते हैं ?
उत्तर – राष्ट्रपति के प्रसाद पर्यन्त
3. संघीय परिषद् का अध्यक्ष कौन होता है ?
उत्तर – प्रधानमंत्री
4. स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ?
उत्तर – पंडित जवाहर लाल नेहरू
5. राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री की नियुक्ति भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अन्तर्गत आती है ?
उत्तर – अनुच्छेद 75
6. प्रधानमंत्री के वेतन एवं भत्तों का निर्धारण कौन करता है ?
उत्तर – संसद
7. भारत में कोई मंत्री जो मंत्रिपरिषद से त्यागपत्र देना चाहता है, वह अपना त्यागपत्र देता है?
उत्तर – राष्ट्रपति को
8. केंद्रीय मंत्री परिषद सामूहिक रूप से उत्तरदायी होती है ?
उत्तर – लोकसभा के प्रति
9. भारत में कार्यकारी प्रमुख किसे माना जाता है ?
उत्तर – प्रधानमंत्री को
10. भारत के प्रधानमंत्री का कार्यकाल कितना है ?
उत्तर – जब तक उसे लोकसभा के बहुमत का समर्थन प्राप्त हो।
11. प्रधानमंत्री का चुनाव कौन करता है ?
उत्तर – सांसद
12. भारत का प्रधानमंत्री होता है ?
उत्तर – नियुक्त
13. भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में प्रधानमंत्री के दायित्वों का उल्लेख किया गया है?
उत्तर – अनुच्छेद 78
14. भारत का प्रधानमंत्री बनने के लिए न्यूनतम आयु कितनी होनी चाहिए ?
उत्तर – 25 वर्ष
15. भारत का प्रधानमंत्री किस सदन का सदस्य होता है ?
उत्तर – लोकसभा का सदस्य
16. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कौन थे ?
उत्तर – पंडित जवाहरलाल नेहरू
17. भारत के 14 वें प्रधानमंत्री कौन थे ?
उत्तर – नरेंद्र मोदी
18. वर्तमान में (वर्ष 2021) भारत के प्रधानमंत्री कौन है ?
उत्तर – नरेन्द्र मोदी
19. प्रधानमंत्री पद से त्यागपत्र देने वाले प्रथम व्यक्ति कौन हैं ?
उत्तर – मोरारजी देसाई
20. स्वतंत्र भारत में जन्मे पहले प्रधानमंत्री कौन है ?
उत्तर – नरेंद्र मोदी
21. भारत के 14वें प्रधानमंत्री कौन थे ?
उत्तर – नरेन्द्र मोदी
22. नरेंद्र मोदी की सैलरी कितनी है ?
उत्तर – सन् 2021 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सैलरी 1.60 लाख रुपये है।
23. नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री कब बने ?
उत्तर – 26 मई 2014