राजस्थान के स्वतंत्रता सैनानी || Freedom Fighters in Hindi

Read: राजस्थान के स्वतंत्रता सैनानी ,आज के आर्टिकल में हम राजस्थान के प्रमुख स्वतंत्रता सैनानियों(Freedom Fighters in Hindi) के बारे में पढेंगे

राजस्थान के स्वतंत्रता सैनानी – Freedom Fighters in Hindi

हीरालाल शास्त्री -Hiralal Shastri

जन्म: 24 नवम्बर, 1889  जन्म स्थल: जोबनेर (जयपुर)

⇒ वनस्थली विद्यापीठ नामक महिला शिक्षण संस्थान के संस्थापक शास्त्रीजी भारतीय देशी राज्य लोक परिषद के प्रधानमंत्री तथा 30 मार्च 1949 को वृहत् राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री बने।

⇒ टोंक जिलें के निवाई तहसील के वनस्थली ग्राम में स्थित ‘जीवन कुटीर’ नामक संस्थान के संस्थापक शास्त्रीजी 1957-62 तक सवाईमाधोपुर से लोक सभा सदस्य (कांग्रेस) रहे तथा 28 दिसम्बर 1974 को स्वर्ग सिधार गये।

‘प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र’ नामक पुस्तक का लेखन किया।

भोगीलाल पण्डया – Bhogilal Pandya

जन्म: 15 मार्च 1904  जन्म स्थल: सिमलवाड़ा (डूँगरपुर)

उपनाम: ‘वागड़ के गाँधी’

‘वागड़ सेवा मंदिर’ नामक संस्था के संस्थापक भोगीलाल पण्डया ने सन् 1944 में डूँगरपुर प्रजामण्डल का गठन किया।

⇒ 1975 में भारत सरकार द्वारा ‘पदम-विभूषण’ से अलंकृत पण्डया 31 मार्च 1981 को पंचतत्त्व में विलीन हो गये।

अर्जुन लाल सेठी – Arjun Lal Sethi

जन्म: 9 सितम्बर 1880  जन्म स्थल: जयपुर

⇒ 1907 में जयपुर में वर्द्धमान विद्यालय की स्थापना की जिसमें क्रांतिकारी जोरावर सिंह बारहठ व प्रतापसिंह बारहठ

ने प्रशिक्षण प्राप्त कर क्रांति में शामिल हुए।

→ मेरठ हत्याकाण्ड के अभियुक्त शौकत उस्मानी और काकोरी केस के अभियुक्त अशफाकुल्ला को सेठी जी ने शरण दी।

⇒ सन् 1915 में निमाज महंत हत्याकाण्ड में शामिल होने के आरोप में 5 वर्ष के लिए वेल्लूर जेल भेज दिया।

→ 23 दिसम्बर 1941 में अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में सेठी जी की मृत्यु हो गई।

⇒ महेन्द्र कुमार, मदन पराजय, पाश्र्व यज्ञ आदि इनकी प्रमुख कृतियाँ हैं।

मोतीलाल तेजावत – Motilal Tejavat

जन्म: 16 मई 1887  जन्म स्थल: कोलीयार (उदयपुर)

‘आदिवासियों का मसीहा’ कहे जाने वाले स्वतंत्रता सेनानी मोतीलाल तेजावत ने 1920 में चित्तौड़गढ़ स्थित

‘मातृ कुण्डिया’ नामक स्थान पर ‘एकी’ नामक आन्दोलन प्रारम्भ किया जिसके माध्यम से सर्वप्रथम भीलों में

राजनैतिक जागृति पैदा हुई।

⇒ उदयपुर व चित्तौड़गढ़ से लोकसभा एवं राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष रहे तेजावत 6 दिसम्बर, 1963 को

स्वर्ग सिधार गये।

विजय सिंह पथिक – Vijay Singh Pathik

जन्म स्थल: बुलन्द शहर (उ.प्र.)

⇒ राजस्थान में किसान आन्दोलन के जनक व बिजौलिया किसान आन्दोलन के सफल संचालक विजय सिंह पथिक का

वास्तविक नाम भूपसिंह था।

⇒ राजस्थान सेवा संघ (1919) अजमेर एवं सेवा समिति (1915) के संस्थापक पाथिक ने वर्धा से ‘राजस्थान केसरी’ एवं

अजमेर से ‘नवीन राजस्थान’ और ‘तरूण राजस्थान’ नामक पत्रों को प्रकाशित किया।

सचीन्द्र सान्याल के सम्पर्क के बाद क्रांतिकारी जीवन अपनाने वाले पथिक सीताराम दास के आग्रह पर 1915 ई. में

बिजौलिया किसान आन्दोलन का नेतृत्व किया एवं ‘प्रताप’ नामक समाचार पत्र (कानपुर से प्रकाशित) के माध्यम से

इस आन्दोलन को पूरे देश में आग की तरह फैलाया।

गोकुल भाई भट्ट – Gokul Bhai Bhatt

जन्म: 25 जनवरी 1898  जन्म स्थल: हाथल (सिरोही)

‘जमनालाल बजाज’ पुरस्कार 1982 से सम्मानित भट्ट जी ने 1972 से 1981 तक मद्य निषेध के लिए अथक प्रयास

किया।

⇒ सन् 1948 ई. में राष्ट्रीय कांग्रेस अधिवेशन के स्वागताध्यक्ष भट्ट जी ने सिरोही राज्य में प्रजामण्डल की स्थापना की

एवं राजपूताना प्रांतीय देशी राज्य प्रजा परिषद के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया।

मोहनलाल सुखाड़िया – Mohanlal Sukhadia

जन्म: 31 जुलाई 1916  जन्म स्थल: नाथद्वारा (राजसमंद)

आधुनिक राजस्थान के निर्माता मोहनलाल सुखाड़िया 13 नवम्बर 1954 को राजस्थान के मुख्यमंत्री बने तथा 17 वर्ष

तक शासन करके राजस्थान में सर्वाधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने को गौरव प्राप्त किया।

⇒ इन्दुबाला के साथ अंतर्जातीय विवाह करके मेवाड़ के चरमराते सामाजिक जीवन में क्रांति लाई।

जमनालाल बजाज – Jamnalal Bajaj

जन्म: 4 नवम्बर 1889  जन्म स्थल: जयपुर (मूल निवासी सीकर)

⇒ गाँधी जी के पाँचवें पुत्र जमनालाल बजाज ने गाँधीजी के ‘नव जीवन’ साप्ताहिक हिन्दी संस्करण का समूचा वित्तीय

भार उठाया।

→ अंग्रेजों द्वारा दी गई ‘रायबहादुर’ नामक उपाधि को वापस लौटाकर सम्पूर्ण जीवन स्वाधीनता संग्राम को समर्पित

कर दिया।

⇒ 1938 में जयपुर प्रजामण्डल के अध्यक्ष बने जमनालाल बजाज ने राजस्थान सेवा संघ को पुनर्जीवित करने का महान

कार्य किया।

सागरमल गोपा – Sagarmal Gopa

जन्म: 3 नवम्बर 1900  जन्म स्थल: जैसलमेर

माहेश्वरी नवयुवक मण्डल एवं सर्वहितकारिणी वाचनालय नामक संस्था के संस्थापक सागरमल गोपा ने जैसलमेर की

जनता को महारावल जवाहर सिंह के तानाशाहीपूर्ण शासन के विरुद्ध जागृत किया।

⇒ सागरमल गोपा ने ‘आजादी के दीवाने’, ‘जैसलमेर में गुण्डाराज’ एवं ‘रघुनाथ सिंह का मुकदमा’ नामक पुस्तकों का लेखन

कार्य किया।

रामनारायण चोधरी – Ram Narayan Chowdhury

जन्म: 1896 ई.  जन्म स्थल: नीमका थाना (सीकर)

⇒ 1934 में गाँधीजी की दक्षिणी भारतीय हरिजन यात्रा के दौरान हिन्दी सचिव के रूप में चैधरी ने राजस्थान में

जनचेतना के

लिए ‘नया राजस्थान’ नामक पत्र का प्रकाशन किया।

‘तरूण राजस्थान’ के सम्पादक चैधरी ने 1932 में हरिजन सेवा संघ की राजस्थान शाखा का कार्यभार संभाला।

दामोदर दास राठी – Damodar Das Rathi

जन्म: 8 फरवरी 1884  जन्म स्थल: पोकरण (जैसलमेर)

⇒ दामोदरदास राठी एक महान उद्योगपति थे जिन्होंने ब्यावर में सनातन धर्म स्कूल एवं नव भारत विद्यालय की

स्थापना की।

→ राठी साहब क्रांतिकारियों को उनकी गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करते थे।

माणिक्यलाल वर्मा – Manikyalal Verma

जन्म: 4 दिसम्बर 1897  जन्म स्थल: बिजौलिया (भीलवाड़ा)

‘मेवाड़ का वर्तमान शासन’ नामक पुस्तक के प्रकाशक माणिक्यलाल वर्मा ने अक्टूबर 1938 में विजयदशमी के दिन

प्रजामण्डल पर लगी रोक हटाने के लिए हुए सत्याग्रह आन्दोलन का अजमेर में संचालन किया।

→ सन् 1941 में मेवाड़ प्रजामण्डल के पहले अधिवेशन की अध्यक्षता की।

⇒ 1948 में संयुक्त राजस्थान के प्रधानमंत्री व 1967 में राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे।

जयनारायण व्यास – Jaynarayan Vyas

जन्म: 18 फरवरी 1899  जन्म स्थल: जोधपुर

⇒ लोकनायक जयनारायण व्यास, 1927 में ‘तरूण राजस्थान’ के प्रधान सम्पादक, 1936 में ‘अखण्ड भारत’ (मुम्बई) के

प्रकाशक रहने के साथ-साथ ‘अग्निबाण’ नामक राजस्थानी पत्र के प्रकाशन का कार्य किया।

⇒ राजस्थान के प्रथम व्यक्ति जयनारायण व्यास जिन्होंने सामन्तशाही के विरुद्ध संघर्ष किया एवं जागीरदारी प्रथा समाप्त

करने की आवाज उठाई।

→ व्यास जी भारत सरकार के गृह सदस्य रेनीनाल्ड क्रैडोक की हत्या करने की योजना बनाई लेकिन क्रेडोक के समय पर नहीं

पहुँचने के कारण हत्या न हो सकी।

बलवन्त सिंह मेहता – Balvant Singh Mehta

जन्म: 8 फरवरी 1900  जन्म स्थल: उदयपुर

⇒ मेवाड़ के पुराने जनसेवक और सन् 1938 में प्रजामण्डल के पहले अध्यक्ष बलवंत सिंह मेहता ने 1943 ई. में उदयपुर में

‘वनवासी छात्रावास’ की स्थापना की।

⇒ मूल संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले राजस्थानी।

हरिभाऊ उपाध्याय – Haribhau Upadhyay

जन्म: 9 मार्च 1893  जन्म स्थल: भौरासा (ग्वालियर, म.प्र.)

⇒ हरिभाऊ उपाध्याय ने वाराणसी में रहकर ‘औदुम्बर’ नामक मासिक पत्रिका का सम्पादन किया।

→ 1916 से 1919 तक वे महावीर प्रसाद द्विवेदी के साथ ‘सरस्वती’ नामक पत्रिका का सम्पादन किया।

⇒ नमक सत्याग्रह के दौरान उपाध्याय को राजस्थान का प्रथम डिक्टेटर बनाया और उनके नेतृत्व में अजमेर में नमक

कानून का उल्लंघन किया गया।

→ हरिभाऊ उपाध्याय ने सस्ता साहित्य मण्डल एवं हटूण्डी में गाँधी आश्रम (1917) व महिला शिक्षा सदन (1947) की

स्थापना की।

⇒ 1952 में अजमेर राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बने एवं 1966 में पद्म श्री से सम्मानित हुए।

केसरीसिंह बारहठ – Kesari Singh Barhath

जन्म: 21 नवम्बर 1872  जन्म स्थल: शाहपुरा (भीलवाड़ा)

⇒ राष्ट्रीय भावना के प्रचारक केसरीसिंह बारहठ ने 1903 में मेवाड़ से दिल्ली जाते समय उन्हें ‘चेतावणी रा चूँगटिया’ नाम

से डिंगल भाषा के 16 सोरठे भेंट कर उन्हें अतीत की याद दिलाकर नीति परिवर्तन का आग्रह किया।

⇒ 1910 में स्थापित ‘वीर भारत सभा’ के माध्यम से राजपूत जागीरदारों में सामाजिक सुधार का प्रयास किया।

→क्रांतिकारी गतिविधियों के कारण कोटा की सेंट्रल जेल में 20 वर्ष का कारावास सहन करना पड़ा।

⇒ इसका पूरा परिवार स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों में संलग्न रहा।

प्रतापसिंह बारहठ – Pratapsingh Barhath

जन्म: 24 मई 1893  जन्म स्थल: देवपुरा (बारहठ जी का खेड़ा)

⇒ प्रतापसिंह बारहठ का प्रसिद्ध कथन, जो भारत सरकार के गुप्तचर विभाग के निदेशक चार्ल्स क्लीवलैण्ड को कहा था कि

‘‘तुम कहते हो कि मेरी माँ मेरे लिए दिन-रात रोती है और बहुत दुःखी है परन्तु मैं सैकड़ों माताओं के रोने का कारण नहीं बन सकता। अगर ऐसा हुआ तो यह मेरी मृत्यु होगी और मेरी माँ के लिए अमिट कलंक होगा मेरी माँ को रोने दो जिससे अन्य किसी की माँ को न रोना पड़े।”

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