आज के आर्टिकल में हम एक राजस्थान के चर्चित शख्सियत धर्मवीर जाखड़( Dharmveer Jakhar) के बारें में विस्तार से जानेंगे और यह भी जानेंगे कि लोग इन्हें क्यों मानते है मानवता का पुजारी।
धर्मवीर जाखड़ – मानवता का पुजारी
कहते है कि ईश्वर कभी -कभी अच्छे मनुष्यों को धरती पर भेजते है ,जो हमारे लिए एक प्रेरणा बन जाते है। आज हम एसे ही मानवता के पुजारी धर्मवीर जी जाखड के बारे में पढेंगे। आज की भागदौड की जिंदगी में हर कोई समय की शिकायत करते रहते है, कि बिजी बहुत है, लेकिन कुछ अच्छे इंसान समय का मैनेज इस प्रकार से करते है कि उन्हें कभी भी समय से शिकायत नही रहती। ऐसा वही कर पाते है जो जीवन का मूल्य समझते है।
नाम | धर्मवीर जाखड़ |
राष्ट्रीयता | भारत |
धर्म | हिन्दू |
शिक्षा | MA.,B.E.D |
पेशा | पुलिस कांस्टेबल |
वर्तमान में कार्यरत | चुरू |
समाजसेवा | शिक्षा से वंचित बच्चों को शिक्षा देना |
समाजसेवी संस्था | आपणी पाठशाला |
कौन है धर्मवीर जाखड़?
राजस्थान में एक ऐसा पुलिस वाला देवता है, जो बच्चों के लिए मिसाल बन गया है। इन्होने ऐसा काम किया है जिसे करना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ये है धर्मवीर जाखड़। वर्तमान में राजगढ़(चुरू) में पुलिस कांस्टेबल है। इन्होने झुग्गी -झोंपड़ी और भिक्षावृति वाले बच्चों की पढाई का जिम्मा अपने कंधों पर ले रखा है। हालाँकि इन्होंने बीएड भी की थी ताकि शिक्षक बन सके लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था । इन्हें पुलिस में नोकरी मिल गयी और जब वे गरीब और असहाय बच्चों को देखते तो उनका मन पसीज जाता और सोचते कि इनका भविष्य क्या होगा।
बच्चों का भविष्य बनाने के लिए इन्होनें 1 जनवरी 2016 को आपणी पाठशाला खोली। इसमें वे झुग्गी -झोंपड़ी और भिक्षावृति वाले बच्चों को रोजाना 2 घंटें निशुल्क पढ़ाते थे। चुरू जिले में कचरा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चों का आपणी पाठशाला में कारवाँ बढ़ता गया। बच्चे भी ख़ुशी – ख़ुशी पढ़ते है। आज से पहले सैकड़ों बच्चे यहाँ से शिक्षा प्राप्त कर चुके है।
कैसे ख़ास है आपणी पाठशाला?
इसकी स्थापना 1 जनवरी 2016 को चुरू में की गयी। इस पाठशाला का उद्देश्य चुरू जिले में कचरा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चों को शिक्षा देना है,जो पढाई से वंचित है। इस स्कूल में छात्रों को पढ़ाई के अलावा यूनिफॉर्म, किताबें, बैग और अन्य जरूरी चीजें भी बिल्कुल नि:शुल्क दी जाती हैं।
एक इंटरव्यू में जाखड़ जी ने बताया कि जब वे झुग्गी -झोंपड़ी वाले बच्चों से मिले तो उन्हें पता चला कि इनमें से कई ऐसे हैं जिनके ना तो अभिभावक हैं और ना ही दूसरे कोई रिश्तेदार। तब इन्होने संकल्प लिया कि कैसे भी करके इन बच्चों का भविष्य बनाना है।
अब इस स्कूल में आसपास के इलाके के गरीब परिवारों के बच्चे भी आते हैं। धर्मवीर जाखड के मित्र कर्मचारी भी बच्चों को पढ़ाने में उनकी मदद करते हैं। यहाँ का प्रशासन भी उनका सहयोग करता है। इसके अलावा आपणी पाठशाला नाम की देश -विदेश में भी चर्चा है ,इसलिए इस संस्था के लिए अब डोनेशन भी आने लगा है।डोनेशन का पूरा पैसा बच्चों की पढाई -लिखाई पर खर्च होता है।
पुलिसकर्मी और समाजसेवी लोग करते हैं सहयोग
हालाँकि शुरुआत में जाखड़ जी खुद बच्चों को 1-2 घंटे पढ़ाते थे। इसी पहल ने धीरे-धीरे एक स्कूल/संस्था का रूप ले लिया। महिला और पुरुष कांस्टेबल और दूसरे समाजसेवी इसमें उनकी मदद करते हैं।
स्कूल ड्रेस, किताबें, जूते और भोजन
आपणी पाठशाला के पास अपनी एक वैन है, जो बच्चों को झुग्गी से स्कूल तक लाने का काम करती है। इसके अलावा बच्चों को स्कूल ड्रेस, जूते, भोजन और किताबें नि:शुल्क दी जाती हैं। इस कार्य के लिए संस्था का सहयोग समाजसेवी लोग और संस्थाएं करती हैं।
हर महीने आता है 1.5 से 2 लाख का खर्च
इस संस्था को चलाने में हर महीने 1.5 से 2 लाख रुपये का खर्च आता है । इस संस्था को आर्थिक सहयोग समाजसेवी लोगो के दान और सोशल मीडिया कैंपेन से मिलता है। हमें भी इस निस्वार्थ भाव की सेवा के लिए सहयोग करना चाहिए।
नियमित लगती है कक्षा
आपणी पाठशाला में अब बच्चों का कारवां बढ़ चूका है। धर्मवीर जाखड़ के कुछ अच्छे दोस्त व कुछ महिला कॉस्टेबल नियमित रूप से बच्चों पढ़ाने में सहयोग करतें हैं। जो बच्चे प्रतिभाशाली होते है, उनका एडमिशन नजदीकी स्कूल में करवा दिया जाता है। जिन बच्चों को प्राइवेट स्कूल में दाखिला दिलाया जाता है, उनकी फीस आपणी पाठशाला संस्था ही पे करती है।
गरीब परिवारों की बेटियों की शादी में भी करते है सहयोग
बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ गरीब परिवारों की मदद करने के लिए सदा तैयार रहते हैं। गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के वक्त कांस्टेबल धर्मवीर जाखड़ की टीम भात भरती है। कपड़े, गिफ्ट व नकद राशि बेटियों को दी जाती है। अब तक धर्मवीर जाखड़ की टीम ने काफी परिवारों की बेटियों की शादी में बढ़ चढ़कर सहयोग किया है।
आपणी पाठशाला के लिए आप भी कर सकते है सहयोग
सम्मान:
धर्मवीर जाखड़ को झुग्गियों में रहने वाले एवं भिक्षावृत्ति में संलिप्त शिक्षा से वंचित बच्चों की शिक्षा के लिए चूरू में आपणी पाठशाला नामक स्कूल खोलकर उसे संचालित करने का नेक कार्य के लिए स्वामी केशवानन्द सम्मान जाट कीर्ति संस्थान, चुरू द्वारा 31.8.2017 को ग्रामीण किसान छात्रावास, रतनगढ में दिया गया।