आज के आर्टिकल में हम वर्तमान युग की जरूरत E-Mail के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे ।
E-Mail – Electronic Mail
🔸 E-mail का पूर्ण रूप Electronic Mail है।
🔹 ई-मेल के माध्यम से कोई भी यूजर इंटरनेट का प्रयोग करके एक कम्प्यूटर सिस्टम से दूसरे कम्प्यूटर सिस्टम में इलेक्ट्रोनिक संदेश भेज सकता है।
🔸 ई-मेल के जनक/जन्मदाता रे टाॅमलिंसन है।
🔹 रे टाॅमलिसन ने सन् 1971 में पहली बार ई-मेल भेजा था।
🔸 विश्व में पहली फ्री ई-मेल सेवा 1996 में भारतीय युवक साबीर भाटिया ने Hotmailके नाम से शुरू किया।
🔹 ई-मेल भेजने वाले को Sender कहा जाता है।
🔸 ई-मेल प्राप्त करने वाले को Receiver कहा जाता है।
🔹 ई-मेल भेजने व प्राप्त करने के लिए Sender तथा Receiver के पास स्वयं का E-mail Address होना चाहिए।
🔸 ई-मेल एड्रेस का उदाहरण – abcd@gmail.com
🔹 उपरोक्त E-mail Address में abcd यूजरनेम है तथा @gmail.com डोमेन नेम है।
Email Full Form – Electronic Mail
🔸वर्ल्ड वाइड वेब पर ई-मेल से संबंधित अनेक ई-मेल सर्वर है जैसे – rediffmail.com, gmail.com, Hotmail.com, yahoo.com आदि।
🔹 ई-मेल भेजते समय “To” वाले टेक्स्ट बाॅक्स में ई-मेल प्राप्त करने वाले के एड्रेस को लिखा जाता है, “Subject” वाले बाॅक्स में ई-मेल से सम्बन्धित विषय लिखा जाता है।
🔸 यदि एक ही ई-मेल एक से अधिक व्यक्तियों को भेजना हो तो “CC” टेक्स्ट बाॅक्स में प्राप्त करने वाले यूजर्स के ई-मेल एड्रेस लिखा जाता है।
🔹 यहां “CC” से तात्पर्य कार्बन काॅपी (Carbon Copy) से है जिसके माध्यम से एक ही ई-मेल की काॅपी अनेक यूजर्स को एक साथ भेजी जा सकती है।
🔸 यदि “CC” के माध्यम से एक से अधिक यूजर्स को ई-मेल भेजा जाता है तो सभी प्राप्तकर्ताओं को पता चल जाता है कि उपरोक्त ई-मेल किन किन यूजर्स को भेजा गया। लेकिन उपरोक्त ई-मेल किन किन यूजर्स को भेजा गया इसकी गोपनीयता रखने के लिए “CC” के स्थान पर “BCC” ब्लाइंड कार्बन काॅपी (Blind Carbon Copy) का प्रयोग किया जाता है।
🔹 ई-मेल भेजते समय E-Mail के साथ किसी फाइल को जोङने के लिए ‘Attachments’ बटन का प्रयोग किया जाता है।
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