गागरोण दुर्ग – Gagron Durg || पूरी जानकारी पढ़ें

आज की पोस्ट में हम राजस्थान के किलों में  गागरोण दुर्ग (Gagron Durg)की पूरी जानकारी पढेंगे ,इसमें हम महत्त्वपूर्ण तथ्य जानेंगे |

गागरोण दुर्ग – Gagron Durg

gagron ka kila

किले का नामगागरोण दुर्ग
राज्यराजस्थान
जिलाझालावाड़
निर्माताडोड राजा बीजलदेव
निर्माणकाल12वी सदी
शैलीजल दुर्ग
  • झालावाङ में अवस्थित, जलदुर्ग है।
  • निर्माण – 11वीं सदी में, इस समय डोडिया राजपूतों का अधिकार था। अतः इसका किसी डोडिया राजपूत ने निर्माण करवाया होगा। कालीसिंध व आहू नदियों (दोनों चम्बल की सहायक ) के संगम पर बना यह गढ जल परिधा से घिरा है।
  • घटना – 1423 में यहाँ का शासक अचलदास खींची था, उस समय मालवा के शासक हुशंगशाह ने गागरोण पर आक्रमण किया। इस युद्ध में अचलदास वीरतापूर्वक प्रतिरोध करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए। इसके बाद यहाँ साका हुआ।
  • इस युद्ध को कथानक बना शिवदास गाढण ने अपने ग्रथ अचलदास खींची री वचनिका में वर्णन किया है इस घटना के कारण ही यह दुर्ग प्रसिद्ध है।

गागरोण दुर्ग – Gagron Fort

  • चौहान कुल कल्पद्रुम के अनुसार खींची राजवंश के संस्थापक देवनसिंह ने इसका नाम 12वीं शती के उत्तरार्द्ध में गागरोण रखा था।
  • पौराणिक मान्यता के अनुसार इसका संबंध भगवान कृष्ण के पुरोहित गर्गाचारी से था जिनका यह निवास स्थान था। इतिहासकार प्राचीन ग्रंथों में उल्लिखित ’’गर्गराटपुर’’ के रूप में इसकी पहचान करते हैं।
  • गागरोण – नैणसी की ख्यात के अनुसार राव मुकुन्द सिंह ने दुर्ग में अनेक महल बनवाये थे।
  • दुर्ग के जालिमा कोट का निर्माण तत्कालीन कोटा रियासत के सेनापति जालिम सिंह झाला ने करवाया था।
  • गागरोण दुर्ग के भीतर शत्रु पर पत्थरों की वर्षा करने वाला विशाल यंत्र आज भी विद्यमान है।
  • दुर्ग के पीछे कालीसिंध नदी के तट पर एक पहाङी है जिसे गीध तराई कहते हैं। प्राचीन काल में राजनीतिक बंदियों को मृत्यु दण्ड यहीं दिया जाता था।
  • झालावाङ के समीप काली सिंध व आहू नदियों के जल से घिरा गागरोण के जल दुर्ग में जोहर कुण्ड, नक्कारखाना और औरंगजेब द्वारा निर्मित मीठेशाही की दरगाह है।
  • यह दुर्ग मुकन्दरा की पहाङी पर बना हुआ है। दुर्ग के प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्न हैं-
  • संत नरेश पीपाजी की छतरी जहाँ प्रतिवर्ष उनकी पुण्यतिथि पर मेला भरता है।
  • सूफी संत हमीदुद्दीन चिश्ती की समाधि जो मीठेशाह की दरगाह के नाम से प्रसिद्ध है।
  • कोटा के झाला जालिमसिंह द्वारा निर्मित विशाल परकोटा जालिमकोट।

गागरोण दुर्ग के प्रमुख साके – Gagron ka Kila

  • 1423 ई. में मांडू के सुल्तान होशंगाशाह व भोज के पुत्र अचलदास खींची के मध्य हुआ युद्ध जिसमें अचलदास वीरगति को प्राप्त हुआ व दुर्ग की ललनाओं ने जौहर किया। प्रसिद्ध कवि शिवदास गाडण ने अपनी काव्यकृति ’अचलदास खींची री वचनिका’ में इस युद्ध का विशद् वर्णन किया है।
  • सन् 1444 ई. में मांडू के सुल्तान महमूद खिलजी प्रथम व अचलदास खींची के पुत्र पाल्हणसी के मध्य हुआ युद्ध। विजयी सुल्तान ने दुर्ग का नाम मुस्तफाबाद रखा।

FAQ

1. गागरोन दुर्ग का निर्माण किसने करवाया?

उत्तर – डोड राजा बीजलदेव


2. मीठे शाह की दरगाह का निर्माण किसने करवाया?

उत्तर – औरंगजेब द्वारा


3. गागरोन दुर्ग के उपनाम बताओ

उत्तर – दक्षिणी पूर्वी सीमा का प्रहरी,धूलरगढ़ या डोडगढ़


4. गागरोन का किला कहां पर है

उत्तर – झालावाड़


5. संत पीपाजी की छतरी कहा स्थित है?

उत्तर – गागरोन दुर्ग (झालावाड़)


6. मीठेशाह की दरगाह कहां स्थित है?

उत्तर – गागरोन दुर्ग (झालावाड़)

 

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