दोस्तो आज की पोस्ट में भारतीय संविधान के अनुच्छेद(Indian Constitution Articles in Hindi) को विस्तार से समझाया गया है जो आपके लिए बहुमूल्य साबित होने वाले है।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद – Indian Constitution Articles in Hindi
संघ और उसका राज्य क्षेत्र सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-1 संघ का नाम और राज्य क्षेत्र। यह उपबन्धित करता है कि भारत अर्थात् इण्डिया राज्यों का संघ (Union of states) होगा।
- अनु.-2 नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना।
- अनु.-3 नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
(इसके अन्तर्गत संसद को साधारण बहुमत से विधेयक पास कर किसी नये राज्य का निर्माण और किसी वर्तमान राज्य के क्षेत्र, सीमा या नाम में परिवर्तन का अधिकार है।)
नागरिकता सम्बन्धित अनुच्छेद
अनुच्छेद | विवरण |
5 | संविधान के प्रारम्भ पर नागरिकता |
6 | पाकिस्तान से भारत को प्रवजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार। |
7 | पाकिस्तान को प्रवजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता का अधिकार। |
8 | भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार। |
9 | विदेशी राज्य की नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना। |
10 | नागरिकता के अधिकारों का बना रहना। |
11 | संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना। संसद ने इस अनु. द्वारा प्रदत्त शक्ति के प्रयोग में भारतीय नागरिकता अधिनियम 1955 बनाया है। |
मूल अधिकार सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-12 भाग तीन के प्रयोजनों के लिए ’राज्य’ शब्द को परिभाषित किया गया है।
- अनु.-13 मूल अधिकारों से असंगत या उनका अल्पीकरण करने वाली विधियों का शून्य होना।
समता का अधिकार
- अनु.-14 विधि के समक्ष समता तथा विधियों का समान संरक्षण।
- अनु.-15 धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध।
- अनु.-16 लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता।
- अन.-17 अस्पृश्यता का अन्त।
- अनु.-18 उपाधियों का अन्त।
स्वतन्त्रता का अधिकार
- अनु.-19 वाक-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण।
- अनु.-20 अपराधों के लिए दोषसिद्धि के सम्बन्ध में संरक्षण।
- अनु.-21 क बालकों (6 से 14 वर्ष) को शिक्षा का अधिकार। संविधान (86 वें संविधान संशोधन) अधिनियम, 2002, द्वारा अन्तः स्थापित।
- अनु.-22 कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण।
शोषण के विरुद्ध अधिकार
- अनु.-23 मानव के दुव्र्यापार और बलातूश्रम का प्रतिषेध।
- अनु.-24 कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध (14 वर्ष तक के बालकों पर लागू)।
धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार
- अनु.-25 अन्तः करण की और धर्म के अबाध रूप में मानने आचरण और प्रचार करने की स्वतंत्रता
- अनु.-26 धार्मिक कार्यों के प्रबन्ध की स्वंतत्रता।
- अनु.-27 किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिए करो के संदाय के बारे में स्वतंत्रता।
- अनु.-28 कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे में स्वतंत्रता।
संस्कृति और शिक्षा सम्बन्धी अधिकार
- अनु.-29 अन्पसंख्यक-वर्गाे के हितों का संरक्षण।
- अनु.-30 शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक-वर्गाें का अधिकार।
- अनु.-31 संपत्ति का अनिवार्य अर्जन (44 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1978 द्वारा निरसित)
संविधानिक उपचारों का अधिकार
- अनु.-32 भाग तीन द्वारा प्रदत्त अधिकारोें को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार। इस अनु. द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार को डाॅ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान की आत्मा कहा है।
- अनु.-33 भाग तीन द्वारा प्रदत्त अधिकारों का बलों आदि को लागू होने में उपान्तरण करने की संसद की शक्ति।
- अनु.-34 जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तब भाग तीन द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर निर्बन्धन।
- अनु.-35 भाग तीन के उपबन्धों को प्रभावी करने के लिए विधान। (अस्पृश्यता तथा बालतश्रम के लिए संसद ने इस अनु. के तहत दण्ड का प्रावधान किया है।)
राज्य की नीति के निदेशक तत्व सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-36 इसमें यह कहा गया है कि अनु.-12 में दी गयी ’राज्य’ शब्द की परिभाषा भाग चार अर्थात् नीति निर्देशक तत्वों के लिए भी लागू होगी।
- अनु.-37 भाग-4 में अन्तर्विष्ट तत्वों का लागू होना अर्थात् राज्य का यह कर्तव्य है कि वह इस भाग में अंतर्विष्ट तत्वों को, विधि बनाते समय लागू करे, किन्तु यह किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं है।
- अनु.-38 राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए सामाजिक व्यवस्था बनाएगा।
- अनु.-39 राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ नीति तत्व।
- अनु.-39 क, समान न्याय और निः शुल्क विधिक सहायता। (42 वें संविधान संशोधन अधि. 1976 द्वारा अन्तः स्थापित।)
- अनु.-40 ग्राम पंचायतों का संगठन।
- अनु.-41 कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार।
- अनु.-42 काम की न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबन्ध।
- अनु.-43 कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि।
- अनु.-43 क उद्योगों के प्रबन्ध में कर्मकारों का भाग लेना। (42 वें सं. संशो. अधिनियम द्वारा अन्तः स्थापित।)
- अनु.-43 ख-संविधान 97 वाँ संशोधन (2011) द्वारा अंतः स्थापित।
- अनु.-44 नागरिकों के लिए एक समान सिविल संहिता।
- अनु.-45 आरम्भिक शिशुत्व देख-रेख तथा 6 वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए निः शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबन्ध। (86 वें संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा प्रतिस्थापित)
- अनु.-46 अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ सम्बन्धी हितों की अभिवृद्धि।
- अनु.-47 पोषाहार स्तर और जीवन स्तर का ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य।
- अनु.-48 कृषि और पशु पालन का संगठन।
- अनु.-48 क, पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा। (42 वें सशोधन अभिनियम द्वारा अन्तः स्थापित)
- अनु.-49 राष्ट्रीय महत्व के संस्मारकों, स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण।
- अनु.-50 कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण।
- अनु.-51 अन्तर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि।
- अनु.-51 क मूल कर्तव्य । (स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश पर, 42 वें संविधान संशो. अधि. 1976 द्वारा अन्तः स्थापित।)
राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-52 भारत का राष्ट्रपति
- अनु.-53 संघ की कार्यपालिका शक्ति
- अनु.-54 राष्ट्रपति का निर्वाचन
- अनु.-55 राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
- अनु.-56 राष्ट्रपति की पदाविधि
- अनु.-57 पुनर्निवाचन के लिए पात्रता
- अनु.-58 राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए अर्हताएं
- अनु.-59 राष्ट्रपति के पद के लिए शर्ते; यथा- संसद या किसी राज्य के विधानमण्डल का सदस्य न होना तथा कोई लाभ का पद धारण न करना।
- अनु.-60 राष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनु.-61 राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
- अनु.-62 राष्ट्रपति के पद के रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्तिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन व्यक्ति की पदाविधि
- अनु.-63 भारत का उपराष्ट्रपति
- अनु.-64 उपराष्ट्रपति का राज्य सभा का पदेन सभापति होना।
- अनु.-65 राष्ट्रपति के पद में आकस्मिक रिक्ति के दौरान या उसकी अनुपस्थिति में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
- अनु.-66 उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
- अनु.-67 उपराष्ट्रपति की पदाविधि
- अनु.-68 उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदाविधि
- अनु.-69 उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान और शपथ का प्रारूप।
- अनु.-70 अन्य आकस्मिकाताओं में राष्ट्रपति के कृत्यों का निवहन
- अनु.-71 राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बन्धित या संसक्त विषय।
- अनु.-72 क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलम्बन, परिहार, लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
- अनु.-73 संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
मंत्रि-परिषद सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-74 राष्ट्रपति की सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि-परिषद
- अनु.-75 मंत्रियों के बारे में अन्य उपबन्ध
भारत का महान्यायवादी सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-76 भारत का महान्यायवादी
- अनु.-77 भारत सरकार के कार्य का संचालन। इसके अनुसार भारत सरकार की समस्त कार्यपालिका कार्यवाहियां राष्ट्रपति के नाम से की जायेंगी।
- अनु.-78 राष्ट्रपति को जानकारी देने आदि के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य ।
संसद सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-79 संसद का गठन
- अनु.-80 राज्यसभा की संरचना
- अनु.-81 लोकसभा की संरचना
- अनु.-82 प्रत्येक जनगणना के पश्चात राज्यों को लोकसभा में स्थानों का आवंटन व राज्यों का प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभजन का पुनः समायोजन
- अनु.-83 संसद के सदनों की अवधि
- अनु.-84 संसद की सदस्यता के लिए अर्हता
- अनु.-85 संसद के सत्र, सत्रावसान और विघटन
- अनु.-86 सदनों में अभिभाषण का और उनको संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार
- अनु.-87 राष्ट्रपति का विशेष अभिभाषण
- अनु.-88 सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के बोलने व भाग लेने (किन्तु मत न देनें) का अधिकार
संसद के अधिकार सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-89 राज्य सभा का सभापति और उपसभापति
- अनु.-93 लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
- अनु.-97 सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन भत्ते
सदस्यों की निरर्हताएं सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-102 सदस्यों के लिए निरर्हताएं
- अनु.-103 सदस्यों की निरर्हताओं से सम्बन्धित प्रश्नों विनिश्चय। यह विनिश्चय राष्ट्रपति, निर्वाचन आयोग की राय से करता है।
- अनु.-105 संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियाँ, विशेषाधिकार आदि।
विधायी प्रक्रिया सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-107 विधेयको के पुनः स्थापन और पारित किए जाने के सम्बन्ध में उपबन्ध
- अनु.-108 कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
- अनु.-109 धन विधेयकों के सम्बन्ध में विशेष प्रक्रिया
- अनु.-110 धन विधेयक की परिभाषा
- अनु.-111 विधेयकों पर राष्ट्रपति की अनुमति
वित्तीय विषयों के सम्बन्ध में प्रक्रिया सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-112 वार्षिक वित्तीय विवरण (बजट)
- अनु.-113 संसद में प्राक्कलनों (Estimates) के सम्बन्ध में प्रक्रिया
- अनु.-114 विनियोग विधेयक (Appropriation bills)
- अनु.-115 अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
- अनु.-116 लेखानुदान, प्रत्यानुदान और अपवादानुदान
- अनु.-117 वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबन्ध
- अनु.-120 संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा इनके अनुसार संसद के कार्य हिन्दी या अंग्रेजी में किया जायेगा।
- अनु.-121 संसद में चर्चा पर निबन्र्धन (उच्चतम न्यायालय या किसी उच्च न्यायालय के किसी न्यायाधीश के आचरण के बारे में)।
- अनु.-122 न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाहियों की जाँच न किया जाना
- अनु.-123 संसद के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राष्ट्रपति की शक्ति
संघ की न्यायपालिका सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-124 उच्चतम न्यायलय की स्थापना और गठन
- अनु.-125 न्यायधीशों के वेतन आदि
- अनु.-126 कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- अनु.-127 तदर्थ न्यायमूर्तियों की नियुक्ति
- अनु.-128 उच्चतम न्यायलय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
- अनु.-129 उच्चतम न्यायलय का अभिलेख न्यायलय होना
- अनु.-130 उच्चतम न्यायालय का स्थान
- अनु.-131 उच्चतम न्यायालय की आरम्भिक अधिकारिता
- अनु.-136 अपील के लिए उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
- अनु.-137 निर्णयों या आदेशों का उच्चतम न्यायालय द्वारा पुनर्विलोकन
- अनु.-138 उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
- अनु.-139 कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय को प्रदत्त किया जाना।
- अनु.-141 उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना
- अनु.-143 उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- अनु.-145 न्यायालय के नियम आदि
- अनु.-146 उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
भारत का नियंत्रक महालेखापरीक्षक सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-148 भारत का नियंत्रक महा लेखापरीक्षक
- अनु.-149 नियंत्रक महालेखापरीक्षक के कर्तव्य और शक्तियाँ
राज्यपाल सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-153 राज्यों के राज्यपाल
- अनु.-154 राज्य की कार्यपालिका शक्ति
- अनु.-155 राज्यपाल की नियुक्ति
- अनु.-156 राज्यपाल की पदाविधि
- अनु.-157 राज्यपाल नियुक्ति होने के लिए अर्हताएं
- अनु.-158 राज्यपाल के पद के लिए शर्ते
- अनु.-159 राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनु.-160 कुछ आकस्मिकताओं में राज्यपाल के कृत्यों का निर्वहन।
- अनु.-161 क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलंबन, परिहार या लघुकरण की राज्यपाल की शक्ति
- अनु.-162 राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
- अनु.-163 राज्यपाल को सहायता और सलाह देने के लिए मंत्रि परिषद
- अनु.-167 राज्यपाल को जानकारी देने आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य।
- अनु.-210 विधान मण्डलों में प्रयोग की जानेवाली भाषा
- अनु. 211 विधानमण्डल में चर्चा पर निबन्र्धन
- अनु.-210 विधान मण्डलों में प्रयोग की जाने वाली।
- अनु.-213 विधानमण्डल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्यापित करने की राज्यपाल की शक्ति
राज्यों के उच्च न्यायालय सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-214 राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
- अनु.-215 उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना।
- अनु.-216 उच्च न्यायालयों का गठन
- अनु.-217 उच्च न्यायालय के न्यायधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्तें
- अनु.-218 उच्चतम न्यायालय से सम्बन्धित कुछ उपबन्धों का उच्च न्यायालयों को लागू होना
- अनु.-219 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
- अनु.-220 स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात् विधि व्यवसाय पर निर्बंधन
- अनु.-221 न्यायाधीशों में वेतन आदि
- अनु.-222 किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अन्तरण।
- अनु.-223 कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
- अनु.-224 अपर और कार्यकारी न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनु.-224 क, उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवा-निवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
- अनु.-225 विद्यमान उच्च न्यायलयों की अधिकारिता
- अनु.-226 कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनु.-227 सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
- अनु.-228 कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध व विधायी सम्बन्ध सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-245 संसद द्वारा और राज्यों के विधान-मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार
- अनु.-246 संसद द्वारा और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विषय-वस्तु
- अनु.-247 कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबन्ध करने की संसद की शक्ति
- अनु.-248 अवशिष्ट विधायी शक्तियां
- अनु.-249 राज्य सूची में विषय के सम्बन्ध में राष्ट्रीय हित में विषय बनाने की संसद की शक्ति
- अनु.-250 यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन मेंं हो तो राज्य सूची में के विषय के सम्बन्ध में विधि बनाने की संसद की शक्ति
- अनु.-251 संसद द्वारा अनु. 249 और अनु. 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मण्डलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति।
- अनु.-252 दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना।
- अनु.-253 अन्तर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
- अनु.-254 संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान-मण्डलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति का प्रभाव
- अनु.-255 सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे मे अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय मानना।
- अनु.-268 संघ द्वारा उद्गृहीत किए जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संग्रहीत और विनियोजित किए जाने वाले शुल्क
- अनु.-268 क संघ द्वारा उद्गृहीत किये जाने वाले और संघ तथा राज्यों द्वारा संग्रहीत और विनियोजित किये जाने वाले सेवा कर
- अनु.-269 संघ द्वारा उद्गृहीत और संग्रहीत किन्तु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर
- अनु.-270 संघ द्वारा उद्गृहीत और संग्रहीत तथा संघ और राज्यों के बीच वितरित किए जाने वाले कर
- अनु.-271 कुछ शुल्कों और करों पर संघ के प्रयोजनों के लिए अधिभार
- अनु.-274 ऐसे कराधान पर, जिसमें राज्य हितबद्ध है, प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिए राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
- अनु.-275 कुछ राज्यों को संघ से अनुदान
- अनु.-276 वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर
- अनु.-279 ’’शुद्ध आगम’’ आदि की गणना
- अनु.-280 वित्त आयोग
- अनु.-281 वित्त आयोग की सिफारिशें
संपत्ति का अधिकार
- अनु.-300 क विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना।
संघ और राज्यों के अधीन सेवाएं
- अनु.-309 संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें
- अनु.-310 संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदाविधि
- अनु.-311 संघ या राज्य के अधीन सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना, पद से हटाया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना।
- अनु.-312 अखिल भारतीय सेवाएँ
लोक सेवा आयोग सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-315 संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग
- अनु.-316 सदस्यों की नियुक्ति और पदाविधि
- अनु.-317 लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना।
- अनु.-318 आयोग के सदस्यों और कर्मचारीवंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
- अनु.-319 आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के सम्बन्ध में प्रतिषेध
- अनु.-320 लोक सेवा आयोगों के कृत्य
- अनु.-321 लोक सेवा आयोगों पर कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
- अनु.-322 लोक सेवा आयोगों के व्यय
- अनु.-323 लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
निर्वाचन सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-324 निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
- अनु.-325 धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने के लिए अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक-नामावली में सम्मिलित किए जाने का दावा न किया जाना।
- अनु.-326 लोक सभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिए निर्वाचनों का वयस्क मताधिकार के आधार पर होना।
- अनु.-327 विधान-मंडलों के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति
- अनु.-328 किसी राज्य के विधान-मंडल के लिए निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधान-मंडल की शक्ति
- अनु.-329 निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्जन।
कुछ वर्गों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-330 लोक सभा मे अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- अनु.-331 लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- अनु.-332 राज्यों की विधान सभाओं में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
- अनु.-333 राज्यों की विधानसभाओं मे आंग्ल-भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
- अनु.-334 स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का 70 वर्ष के पश्चात् न रहना (95 वें संविधान संशोधन अधि. 2009 द्वारा संशोधित।)
- अनु.-335 सेवाओं और पदों के लिए अनुसूचित जातियों और अनूसूचित जनजातियों के दावे
- अनु.-336 कुछ सेवाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिए विशेष उपबन्ध
- अनु.-337 आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिए शैक्षिक अनुदान के लिए विशेष उपबन्ध
- अनु.-338 राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- अनु.-338 क राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग। 89 वें संविधान संशोधन अधि. 2003 द्वारा अन्तः स्थापित।
- अनु.-339 अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण
- अनु.-340 पिछङे वर्गाें की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
- अनु.-341 अनुसूचित जातियाँ
- अनु.-342 अनुसूचित जनजातियाँ
भाषा सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-343 संघ की राजभाषा
- अनु.-344 राजभाषा के सम्बन्ध में आयोग और संसद की समिति
- अनु.-345 राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
- अनु.-346 एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
- अनु.-347 किसी राज्य की जनसंख्या के किसी अनुभाग द्वारा बोली जाने वाली भाषा के संबंध में विशेष उपबंध
- अनु.-348 उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में और अधिनियमों, विधेयकों आदि के लिए प्रयोग की जाने वाली भाषा
- अनु.-349 भाषा से संबंधित कुछ विधियां अधिनियमित करने के लिए विशेष प्रक्रिया
- अनु.-350 व्यथा के निवारण के लिए अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
- अनु.-350 क प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधाएं
- अनु.-350 ख भाषाई अल्पसंख्यक वर्गों के लिए विशेष अधिकारी
- अनु.-351 हिन्दी भाषा के विकास के लिए निर्देश
आपात उपबन्ध सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-352 आपात की उद्घोषणा
- अनु.-353 आपात की उद्घोषणा का प्रभाव
- अनु.-354 जब आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन में है तब राजस्वों के वितरण सम्बन्धी उपबन्ध का लागू होना
- अनु.-355 बाह्य आक्रमण और आन्तरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
- अनु.-356 राज्यों में सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबन्ध
- अनु.-357 अनु.-356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग
- अनु.-358 आपात के दौरान अनु.-19 के उपबन्धों का निलंबन
- अनु.-359 आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलंबन
- अनु.-360 वित्तीय आपात के बारे में उपबन्ध
प्रकीर्ण
- अनु.-361 राष्ट्रपति, राज्यपालों और राजप्रमुखों का संरक्षण
- अनु.-361 क संसद और राज्यों के विधान-मंडलों की कार्यवाहियों के प्रकाशन का संरक्षण
- अनु.-365 संघ द्वारा दिए गए निदेशों का अनुपालन करने में या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
- अनु.-366 परिभाषाएँ
संविधान का संशोधन
अनु.-368 संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिए प्रक्रिया
अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष उपबन्ध सम्बन्धित अनुच्छेद
- अनु.-369 राज्य सूची के कुछ विषयों के सम्बन्ध में विधि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानों वे समवर्ती सूची के विषय हों।
- अनु.-370 जम्मू कश्मीर राज्य के सम्बन्ध मे अस्थायी उपबन्ध
- अनु.-371 महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 क नागालैण्ड राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 ख असम राज्य के सम्बन्ध मे विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 ग मणिपुर राज्य के सम्बन्ध उपबन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 घ आन्ध्र प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 ङ आन्ध्र प्रदेश में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
- अनु.-371 च सिक्किम राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 छ मिजोरम राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 ज अरुणांचल प्रदेश राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-371 झ गोवा राज्य के सम्बन्ध में विशेष उपबन्ध
- अनु.-372 विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन
- अनु.-372 क विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- अनु.-373 निवारक निरोध में रखे गए व्यक्तियों के सम्बन्ध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति
- अनु.-392 कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति
संक्षिप्त नाम, प्रारम्भ, हिन्दी में प्राधिकृत पाठ और निरसन
- अनु.-393 संक्षिप्त नाम- इस संविधान का संक्षिप्त नाम भारत का संविधान है।
- अनु.-394 यह अनु. संविधान के लागू होने के बारे में उपबन्ध करता है।
इसके अनुसार अनु.-5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 379, 380, 388, 391, 392, 393 तथा स्वयं 394 तुरन्त तथा शेष अनु. 26 जनवरी का 1950 को प्रवृत्त होंगे।
- अनु.-395 इसके द्वारा ’भारत स्वतंत्रता अधिनियम-1947 तथा भारत शासन अधिनियम-1935 को निरसित कर दिया गया।
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