आज के आर्टिकल में हम मत्स्यासन योगा करने का सही तरीका, फायदे और सावधानियाँ – Matsyasana yoga Steps in Hindi, Benefits And Precautions in Hindi : इसके बारें में विस्तृत चर्चा करने वाले है।
Matsyasana – Steps And Benefits in Hindi (मत्स्यासन करने का तरीका और फायदे)
दोस्तो आज की बहुत तेज़ गति से भागती जीवनचर्या में हम अपने स्वास्थ्य से दूर होते जा रहें है। हमारी परिवर्तनशील जीवन शैली के लिए योग एक जरुरी अंग बन चूका है। आजकल के दूषित बदलते खानपान के कारण हमारे शरीर में कई तरह की समस्याएं उत्पन होने लगी हैं। हमारा शरीर अब पहले की तरह नहीं रह गया है इसलिए हमें खुद को स्वस्थ रखने का सबसे आसान तरीका अगर ढूंढते है तो वह है-सुबह उठकर योगासन करना।
योग से हम शारीरिक और मानसिक दोनों रूप फिट बनाए रख सकतें हैं। योग से हमारा शरीर को मजबूत, लचीला और सुंदर बना रहता है। अगर हम रोजाना योग को करतें है, तो कई समस्याएं तनाव, टेंशन, डिप्रेशन एवं अनिद्रा इत्यादि समस्याएं जड़ से समाप्त हो सकती है। इससे हम स्वास्थ्य को तंदूरुस्त बनाए रख सकतें है।
आज के अर्टिकल में हम जानेगें की मत्स्यासन क्या है(Matsyasana kya hai), मत्स्यासन कैसे करते है(Matsyasana kaise karte hain) और मत्स्यासन के फायदे क्या होते है
मत्स्यासन योगा आसन क्या है – What is Matsyasana yoga (Fish Pose)
“मत्स्यासन” शब्द की उत्त्पत्ति दो शब्दों(मत्स्य+आसन) से मिलकर हुई है, इसमें ‘मत्स्य’ का अर्थ मछली और ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा से है।
इस मत्स्यासन योग की मुद्रा में शरीर मछली जैसा दिखाई देता है, इस कारण इस मुद्रा को मत्स्यासन(Matsyasana) कहा जाता है। यदि हम हिंदू पौराणिक कथाओं को देखें, तो एक कहानी मिलती है कि भगवान विष्णु ने ब्रह्मांड की रक्षा करने के लिए एक विशाल मछली का अवतार लिया जिसे मत्स्य कहा जाता है। अंग्रेजी में इसे Fish Pose(फिश पोज़)कहते है।
ध्यान देवें:
मत्स्यासन करने से पहले निम्न योग कर लेने चाहिए –
- सूर्य नमस्कार।
- चक्रासन।
- सर्वांगासन।
मत्स्यासन करने का सही तरीका – Steps of Matsyasana (Fish Pose) in Hindi
- इस प्रोसेस में बसे पहले अपनी योग चद्दर बिछाएंगे
- अब इस चद्दर पर दंडासन मुद्रा में बैठेंगे।
- इसके बाद,लंबा सांस लेते हुए दोनों पैरों को उठाकर पद्मासन मुद्रा में लाएंगे।
- अब बिल्कुल धीरे-धीरे पीठ को पीछे की ओर ले जाएंगे।
- इसके बाद हम जमीन पर कोहनी को टीकाकर अपने धड़ को कुछ सहारा देंगे ।
- अब गर्दन को लम्बा करते हुए सिर को जमीन की ओर झुकाएं।
- इसके बाद हम हाथों को ऊपर उठाएंगे और हाथों से अपने पैरो के अंगूठे को पकड़ेंगे।
- योग्यता अनुसार, इस मुद्रा में हम 1 से 2 मिनट तक रहेंगे।
- फिर धीरे-धीरे पैरों को वापस शुरूआती मुद्रा में लाएंगे ।
- इस योग के प्रारंभ में कम समय लें अर्थात कम से कम 20 सेकंड भी पर्याप्त है और इसके बाद धीरे-धीरे अभ्यास का समय बढ़ा सकतें है ।
मत्स्यासन के फायदे – Benefits of Matsyasana in Hindi
- इस योग से कब्ज की शिकायत को दूर होती है।
- यह अस्थमा एवं स्वाँस सम्बन्धी बीमारी को दूर करता है।
- मत्स्यासन हमारी कमर के दर्द से मुक्ति दिलाता है।
- महिलाओं में मासिक धर्म सम्बन्धी समस्याओं के लिए यह आसन उपयोगी है।
- मधुमेह रोगी की लिए मत्स्यासन लाभकारी है।
- मत्स्यासन मुद्रा से रक्त परिसंचरण(blood circulation) का प्रबंधन सही होता है।
- इस आसन से हमारे शरीर के वजन को नियंत्रित किया जा सकता है ।
- मत्स्यासन योग से थायरॉयड और पैराथायराइड ग्रंथियों(Thyroid and Parathyroid Glands) के रोग भी कम हुए है हैं।
- किवदंती के अनुसार मत्स्यासन योग “सभी रोगों का शत्रु” है।
- इस मुद्रा का नियमित अभ्यास- कब्ज, तनाव या डिप्रेशन, श्वसन संबंधी बीमारियों और चिंता को कम करने में मदद करता है।
- मछली या मत्स्य मुद्रा से ऑक्सीजन(Oxygen) का लेवल बढ़ता है और फेफड़ों(lungs) की पावर बढ़ जाती है।
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