राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण – ब्लादिमीर कोपेन

राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण : आज के आर्टिकल में हम राजस्थान की जलवायु में सबसे लोकप्रिय ब्लादिमीर कोपेन के जलवायु का वर्गीकरण (VLADIMIR KOPEN JALVAYU) के बारे में विस्तार से जानेंगे। इसी टॉपिक से सम्बन्धित प्रश्न हर परीक्षा में पूछा जाता है।

कोपेन के अनुसार राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण

दोस्तो हम पहले राजस्थान के मानसून से जुड़े कुछ तथ्य पढेंगे जो कि इसी टॉपिक से सम्बन्ध रखते है इसके बाद हम जलवायु वर्गीकरण को समझेंगे।

राजस्थान में अरबसागर और बंगाल की खाड़ी से उठने वाली मानसूनी हवाओं  के कारण वर्षा होती है राजस्थान में ज्यादा वर्षा गर्मियों में बंगाल की खाड़ी के मानसून से होती है ।

 

राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण – Rajasthan ki Jalvayu ka Vargikaran

डाॅ. व्लाडिमिर कोपेन ने वनस्पति के आधार पर विश्व को अनेक जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया है। इनके अनुसार वनस्पति के द्वारा ही किसी स्थान पर तापमान और वर्षा का प्रभाव ज्ञात किया जा सकता है। इन्होंने अपने वर्णन में सांकेतिक शब्दों का प्रयोग किया है।
कोपेन ने 1900 में राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण किया तथा इस वर्गीकरण का आधार वनस्पति रखा गया।

डाॅ. कोपेन के अनुसार राजस्थान में निम्नलिखित जलवायु प्रदेश पाये जाते है-

  • शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश (Bwhw)
  • अर्द्ध शुष्क या स्टेपी जलवायु प्रदेश (Bshw)
  • शुष्क शीत ऋतु जलवायु प्रदेश (Cwg)
  • उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश (Aw)

(1) शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश – Bwhw

शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश

  • इस जलवायु प्रदेश में राजस्थान के  श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर,अनूपगढ़, फलौदी, जोधपुर ग्रामीण, और जैसलमेर आते हैं। यहाँ भारतीय महान् मरुस्थल स्थित है।
  • कठोर शुष्क जलवायु, वनस्पति विहीन, बालुका स्तूपों से परिपूर्ण यह क्षेत्र आर्द्रता एवं पानी के लिए तरसता रहा है।
  • वर्तमान समय में जीवनदायिनी इन्दिरा गाँधी नहर एवं ’लाठी’ सीरीज के पानी ने इस क्षेत्र की कायापलट कर दी है।
  • यहाँ ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 350 सेल्शियस तथा शीत ऋतु में औसत तापमान 120 से 180 सेल्शियस रहता है।
  • इस प्रदेश में वर्षा पश्चिम में पाक सीमा के सहारे 10 सेण्टीमीटर एवं पूर्वी सीमा पर 20 सेण्टीमीटर अंकित की जाती है।
  • वर्षा ऋतु में कुछ घास यहाँ उग जाती है।
  • इस प्रदेश में वर्षा जल की तुलना में वाष्पीकरण अधिक होता है।

(2) अर्द्ध शुष्क या स्टेपी जलवायु प्रदेश – Bshw

अर्द्ध शुष्क या स्टेपी जलवायु प्रदेश

  • राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित जिले सीकर, चुरू, झुंझुनू, नागौर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण का पूर्वी भाग, डीडवाना- कुचामन, ब्यावर का कुछ भाग, पाली, बाड़मेर, बालोतरा, सांचोर और जालौर आदि इस जलवायु प्रदेश में आते हैं।
  • यहाँ सर्दी की ऋतु शुष्क होती है।
  • इसके साथ ही ग्रीष्म ऋतु में भी वर्षा अधिक नहीं होती है।
  • इस क्षेत्र में कांटेदार झाङियाँ तथा मुख्य रूप से स्टैपी प्रकार की वनस्पति (घास) पायी जाती है। कांटेदार झाङियाँ और घास यहाँ की प्रमुख विशेषता है।
  • इसमें वर्षा का औसत 20 से 40 सेमी है।
  • शीतकालीन औसत तापमान 320 से 350 व ग्रीष्मकाल में 500 सेल्शियस होता है।

(3) शुष्क शीत ऋतु जलवायु प्रदेश – Cwg

शुष्क शीत ऋतु जलवायु प्रदेश

 

  • इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत जयपुर, जयपुर ग्रामीण, गंगापुर सिटी, कोटपुतली – बहरोड़, खैरथल – तिजारा, केकड़ी,डीग, अलवर, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक, दौसा, अजमेर, ब्यावर, शाहपुरा, भीलवाडा, चित्तोड़गढ़, प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद और धौलपुर जिलों को शामिल किया जाता है।
  • इस प्रकार के प्रदेश राजस्थान में अरावली के दक्षिणी-पूर्वी तथा पूर्वी भाग में पाये जाते हैं। इसमें दक्षिणी राजस्थान सम्मिलित नहीं है।
  • यहाँ शीत ऋतु में पर्याप्त ठण्ड पङती है।
  • यह उष्ण शीतोष्ण प्रदेश है।
  • यहाँ वर्षा अधिकतर ग्रीष्म ऋतु में ही होती है।
  • शीत ऋतु में अपवादस्वरूप ही कुछ स्थानों पर वर्षा होती है।
  • यहाँ पश्चिमी राजस्थान की तरह ग्रीष्म ऋतु कठोर नहीं होती है। क्योंकि भूमि में पर्याप्त नमी, वन भूमि की अधिकता एवं साधारण से अच्छी वर्षा 50 से 100 सेण्टीमीटर होने के कारण यहाँ जल संसाधन पर्याप्त मिलते हैं।
  • प्राकृतिक वनस्पति के रूप में इस प्रदेश में नीम, बबूल, शीशम के पेङ अधिक संख्या में पाए जाते हैं।

(4) उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश – Aw

उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश

  • इस जलवायु प्रदेश में राजस्थान की दक्षिणी सीमा पर डूँगरपुर, बांसवाङा, माउंट आबू कोटा बारां उदयपुर,सलूम्बर  चित्तौङगढ़ का कुछ भाग तथा झालावाङ जिले  आते हैं।
  • इस जलवायु प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु में भीषण गर्मी पङती है तथा वर्षा भी अधिकतर ग्रीष्म ऋतु में होती है। शीत ऋतु शुष्क और ठण्डी होती है। सबसे ठण्डे महीने जनवरी में तापमान 180 सेल्शियस से ऊपर रहता है।
  • यहाँ गर्मी का औसत तापमान 300 से 340 सेल्शियस रहता है।
  • सर्दी का औसत तापमान 120 से 150 सेल्शियस रहता है।
  • जलवायु प्रदेश का राजस्थान में प्रतिनिधित्व वाला जिला बांसवाङा है। यह क्षेत्र वास्तव में शुष्क उष्णकटिबंधीय घास के मैदानों तथा सवाना तुल्य प्रदेश से बहुत कुछ समानता लिये हुये है। इस भू-भाग में मानसूनी पतझङ वाले वृक्ष पाये जाते हैं।
  • इस जलवायु का विस्तार दक्षिणी राजस्थान में है।
  • यहाँ मोटे तौर पर शुष्क मानसूनी एवं उष्णकटिबन्धीय आर्द्र किस्म की सवाना तुल्य जलवायु की विशेषता पाई जाती है।
  • राज्य के इसी जलवायु प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा 80 से 100 सेण्टीमीटर के आसपास होती है।
  • माउण्ट आबू में 150 सेमी. औसत वर्षा होती है। अतः यह प्रदेश राज्य में अधिक आर्द्र जलवायु वाला प्रदेश कहलाता है।

कोपेन के जलवायु वर्गीकरण से संबंधित महत्त्वपूर्ण प्रश्न

प्र. 1 डाॅ. व्लाडिमिर कोपेन ने किस आधार पर विश्व को अनेक जलवायु प्रदेशों में विभाजित किया है।
उत्तर – वनस्पति के आधार पर

प्र. 2 डाॅ. कोपेन के अनुसार राजस्थान को कितने जलवायु प्रदेश में बांटा गया है ?
उत्तर – राजस्थान को चार जलवायु प्रदेश में बांटा गया है –
(1) उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश
(2) अर्द्ध शुष्क या स्टेपी जलवायु प्रदेश
(3) शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश
(4) शुष्क शीत ऋतु जलवायु प्रदेश

प्र. 3 उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत कौन-कौनसे जिले आते है।
उत्तर – इस जलवायु प्रदेश में राजस्थान की दक्षिणी सीमा पर डूँगरपुर, बांसवाङा, माउंट आबू कोटा बारां उदयपुर,सलूम्बर  चित्तौङगढ़ का कुछ भाग तथा झालावाङ जिले आते हैं।

प्र. 4 उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश में गर्मी का औसत तापमान कितना रहता है ?
उत्तर – गर्मी का औसत तापमान – 300 से 340 सेल्शियस

प्र. 5 उष्णकटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश में सर्दी का औसत तापमान कितना रहता है ?
उत्तर – सर्दी का औसत तापमान – 120 से 150 सेल्शियस रहता है।

प्र. 6 अर्द्ध शुष्क या स्टेपी जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत कौन-कौनसे जिले आते है ?
उत्तर – राजस्थान के पश्चिमी भाग में स्थित जिले सीकर, चुरू, झुंझुनू, नागौर, जोधपुर, जोधपुर ग्रामीण का पूर्वी भाग, डीडवाना- कुचामन, ब्यावर का कुछ भाग, पाली, बाड़मेर, बालोतरा, सांचोर और जालौर आदि इस जलवायु प्रदेश में आते हैं।

प्र. 7 अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश में वर्षा का औसत तापमान कितना है ?
उत्तर – वर्षा का औसत 20 से 40 सेमी है।

प्र. 8 शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत कौन-कौनसे जिले आते है ?
उत्तर – इस जलवायु प्रदेश में राजस्थान के श्री गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर,अनूपगढ़, फलौदी, जोधपुर ग्रामीण, और जैसलमेर जिले आते हैं।

प्र. 9 शुष्क शीत ऋतु जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत कौन-कौनसे स्थान आते है ?
उत्तर – इस जलवायु प्रदेश के अन्तर्गत जयपुर, जयपुर ग्रामीण, गंगापुर सिटी, कोटपुतली – बहरोड़, खैरथल – तिजारा, केकड़ी,डीग, अलवर, भरतपुर, करौली, सवाईमाधोपुर, बूंदी, टोंक, दौसा, अजमेर, ब्यावर, शाहपुरा, भीलवाडा, चित्तोड़गढ़, प्रतापगढ़, सिरोही, राजसमंद और धौलपुर जिले शामिल किए गए है।

प्र. 10 शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश में ग्रीष्म ऋतु तथा शीत ऋतु का तापमान कितना रहता है ?
उत्तर – यहाँ ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 350 सेल्शियस तथा शीत ऋतु में औसत तापमान 120 से 180 सेल्शियस रहता है।

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.