Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi : भगवान शिव की पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव को शांति, विनाश, योग, ध्यान, नृत्य, प्रलय और वैराग्य का देवता कहा जाता है। इसलिए इन्हें सृष्टि के संहारकर्ता और जगतपिता कहते हैं। स्पेशल शिव पूजन के लिए शिवरात्रि को अच्छा समय माना गया है जो हर मास की कृष्णपक्ष की चतुदर्शी को आती है। फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी महाशिवरात्रि आती है। शिव पूजा में उनकी चालीसा के जाप का विशेष महत्व है। अगर आप भोलेनाथ को मानते हो तो शिवरात्रि या सोमवार को भोलेनाथ की पूजा करते हैं।इस दिन आप शिव चालीसा का पाठ जरूर करें। इससे अच्छे फल की प्राप्ति होती है।
शिव चालीसा – Shiv Chalisa PDF Lyrics in Hindi
भगवान शंकर को भोलेनाथ भी कहते है ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान शंकर को प्रसन्न करना बहुत आसान है। शिवजी को उनके भोले स्वरूप के कारण ही भोलेनाथ कहा जाता है। भोलेनाथ की मन से की भक्ति भक्त को मनचाहा वरदान दिला सकती है। इसलिए शिव चालीसा का पाठ करना बेहद शुभकारी माना जाता है। इतना ही नहीं शिव जी की आराधना करने वाले जातक को मृत्य का भय भी नहीं सताता। शिव चालीसा का हिन्दू धर्म में खास महत्व है। शिव चालीसा का पाठ करने से हर बाधा दूर होती है।
॥ दोहा॥
जय गणेश गिरिजा सुवन,
मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम,
देहु अभय वरदान ॥
॥ चौपाई ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला ।
सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।
कानन कुण्डल नागफनी के ॥
अंग गौर शिर गंग बहाये ।
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
छवि को देखि नाग मन मोहे॥
मैना मातु की हवे दुलारी।
बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी।
करत सदा शत्रुन क्षयकारी ॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे।
सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ।
या छवि को कहि जात न काऊ॥
देवन जबहीं जाय पुकारा।
तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
किया उपद्रव तारक भारी।
देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
तुरत षडानन आप पठायउ।
लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
आप जलंधर असुर संहारा।
सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई।
सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
किया तपहिं भागीरथ भारी।
पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं।
सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
वेद नाम महिमा तव गाई।
अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला।
जरत सुरासुर भए विहाला॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई।
नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
सहस कमल में हो रहे धारी।
कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
एक कमल प्रभु राखेउ जोई।
कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भए प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी।
करत कृपा सब के घटवासी॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै।
भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो।
येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो।
संकट से मोहि आन उबारो॥
मात-पिता भ्राता सब होई।
संकट में पूछत नहिं कोई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी।
आय हरहु मम संकट भारी॥
धन निर्धन को देत सदा हीं।
जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी।
क्षमहु नाथ अब चूक हमारी॥
शंकर हो संकट के नाशन।
मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं।
शारद नारद शीश नवावैं॥
नमो नमो जय नमः शिवाय।
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
जो यह पाठ करे मन लाई।
ता पर होत है शम्भु सहाई॥
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी।
पाठ करे सो पावन हारी॥
पुत्र हीन कर इच्छा जोई।
निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे।
ध्यान पूर्वक होम करावे॥
त्रयोदशी व्रत करै हमेशा।
ताके तन नहीं रहै कलेशा॥
धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे।
शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
जन्म जन्म के पाप नसावे।
अन्त धाम शिवपुर में पावे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी।
जानि सकल दुःख हरहु हमारी ॥
शिव चालीसा का पाठ कैसे करें-
प्रातः उठ कर स्नान करके स्वच्छ कपड़े पहनें और फिर शिव चालीसा पढ़ने के लिए पवित्र मन से ईश्वर का ध्यान करें। उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा की तरफ मुंह करें। शिव के मूर्ति या फोटो के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं और 11 बार पाठ करें। पाठ करते समय शिवलिंग पर जल का पात्र रखें और प्रसाद रूप में मिश्री का भोग लगाएं। पूजा में चावल, कलावा, सफेद चंदन, धूप, पीले फूलों की माला और सफेद आक के 11 फूल रखें। इसके अलावा एक बैल पत्र भी शिवलिंग पर उल्टा करके रखें।
पाठ शुरू करने से पहले एक जल का कलश भी रखें। एक दिन में दो-तीन बार पाठ जरूर करें। ये पाठ लगातार 40 दिन तक करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएँ पूरी हो जाएगी। पाठ तेज आवाज में पढ़ें ताकि अन्य भक्तों को भी सुनाई दे। पाठ करने से बाद कलश के जल को घर में चारों तरफ छिड़क दें और प्रसाद को बच्चों में बांट दें।
ॐ नमः शिवाय का जाप करने से क्या होता है ?
मंत्र जाप एक ऐसा उपाय है जिससे सारी समस्याएँ दूर हो सकती है। शास्त्रों में मंत्रों को बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावकारी माना गया है। शिव पुराण में ॐ नमः शिवाय को ऐसा मंत्र बताया गया है जिससे बल से आप अपनी सारी मनोकामनाएँ पूरी कर सकते है। वैसे तो सभी मंत्र अपना प्रभाव रखते लेकिन ॐ नमः शिवाय मंत्रों का मंत्र अर्थात् महामंत्र है। केवल इस एक मंत्र का जाप करने से आप अपने जीवन में सफल हो सकते है।
शिव पुराण में बताया गया है कि इस मंत्र के महत्व का वर्णन सौ करोड़ वर्षों में भी संभव नहीं है। ॐ नमः शिवाय मंत्र का अर्थ है- आत्मा, घृणा, तृष्णा, स्वार्थ, लोभ, ईष्र्या, काम, क्रोध, मोह, मद और माया से रहित होकर प्रेम और आनंद से परिपूर्ण होकर परमात्मा का सानिध्य प्राप्त करें अर्थात् आत्मा से परमात्मा का मिलन हो सके।
इस मंत्र का जाप हमें प्रत्येक दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप प्रत्येक दिन लगभग 108 बार करना चाहिए। जाप करते समय अपना मुख उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें। यदि आप किसी पवित्र नदी के पास शिवलिंग की स्थापना और इस मंत्र का जप करेंगे तो उसका फल सबसे उत्तम होगा।
ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप हमेशा योग मुद्रा में बैठकर ही करना चाहिए। हिन्दू माह के सावन, माघ और भाद्रपद माह माह में इस मंत्र का जाप करना अत्यन्त शुभकारी माना जाता है।
ॐ नमः शिवाय मंत्र के फायदे
1. धन की प्राप्ति होती है
2. शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है
3. अगर संतान न हो तो संतान प्राप्ति के लिए भी यह मंत्र लाभकारी होता है।
शिव चालीसा पढ़ने का सही समय
शिव चालीसा आप कभी भी पढ़ सकते है। लेकिन जब भी शिव चालीसा पढ़ने बैठो, अपने मन को पवित्र रखें और अपना ध्यान एकाग्र करके महादेव का ध्यान करें। आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
नंदी का महत्व
जहाँ कहीं भी भगवान शिव की पूजा की जाती है वहां नंदी को भी याद किया जाता है। हर मंदिर में शिव मूर्ति के सामने ही उनके वाहन नंदी की मूर्ति स्थापित की जाती है। नंदी शिव के वाहन होने के साथ-साथ शिव के परम भक्त भी है। माना जाता है कि अपनी मनोकामना अगर नंदी के कान में कही जाए तो महादेव तक प्रार्थना जल्दी पहुंच जाती है। माना जाता है कि भगवान शिव ने नंदी को वरदान दिया था कि जो कोई भी व्यक्ति नंदी के कान में अपनी मनोकामना कहेगा उसकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
शिव चालीसा पढ़ने के फायदे
- डर से छुटकारा – शिव चालीसा का पाठ करने से डर से छुटकारा मिलता है। अगर आपको रात में या दिन में बुरे विचार मन में आते है तो आप शिव चालीसा की ’जय गणेश गिरीजा सुवन मंगल मूल सुजान, कहते अयोध्या दास तुम देउ अभय वरदान’ पंक्ति का जाप करें। इस पंक्ति को शाम को न पढ़ें बल्कि सुबह पढ़े। इस पंक्ति को आप 40 दिन तक पढ़ें। इससे आपको लाभ मिलेगा।
- निराशा से मुक्ति – अगर आप बहुत परेशान और दुखी है तो निराश न हों। शिव चालीसा की इस पंक्ति का जाप करें-
देवन जबहिं जाय पुकारा।
तबहिं दुख प्रभु आप निवारा।
इस पंक्ति को रात में 11 बार पढ़े और आपका काम पूरा होने के बाद गरीबों को मिठाई जरूर बांटे। - अभिष्ट कार्य पूरा करने के लिए भी सहायक है शिव – अगर आप की कोई इच्छा है तो शिव चालीसा की इस लाइन को पढें-
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा।
जीत के लंक विभीषण दीन्हा।।
इस पंक्ति को सांय काल में 13 बार पढ़ें और ऐसा लगातार 27 दिन तक करते रहें। - अच्छे वर की प्राप्ति- ऐसी मान्यता है कि शिवजी को प्रसन्न करना बहुत आसान है इसलिए कुंवारी लड़कियां शिव जी जैसा वर पान के लिए सोमवार को व्रत रखती है और नियमित तौर पर शिव चालीसा का पाठ करती है। अच्छा वर पाने के लिए शिव चालीसा की इन पंक्तियों का जाप करें-
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर।
भई प्रसन्न दिए इच्छित वर।।
इस लाइन का सुबह 54 बार पाठ करें। सोमवार को व्रत रखकर शिव चालीसा का पाठ करने से शिवजी प्रसन्न होते है और मनचाहा वरदान देते है। - गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी- अगर गर्भवती महिलाएँ शिव चालीसा का पाठ करती है तो बच्चे की सेहत अच्छी रहती है। महिला को किसी भी प्रकार का भय नहीं रहता है।
- अशुभ ग्रहों को करे दूर- ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति नियमित तौर पर शिवलिंग पर जल चढ़ाता है, उस व्यक्ति की कुंडली से अशुभ ग्रह दूर हो जाते है। सावन के महीने में ऐसा करना अत्यंत फलकारी माना जाता है।