आज के आर्टिकल में हम वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास का सिद्धांत (Vygotsky Theory in Hindi) को विस्तार से आसानी से समझेंगे। इससे जुड़ें महत्त्वपूर्ण प्रश्न भी पढेंगे। आर्टिकल पढ़ कर नीचे दिए गए प्रश्नों को ध्यान से पढ़ लेवें ताकि आपका टॉपिक अच्छे से क्लियर हो जाए । हमारे इस आर्टिकल लिखने की सार्थकता तभी होगी जब आपको यह विषयवस्तु बिल्कुल क्लियर हो जाए।
Vygotsky Theory in hindi, zone of Proximal Development in hindi, वाइगोत्सकी थ्योरी ऑफ लर्निग सिद्धांत से सम्बंधित प्रश्न UPTET / REET / CTET / KVS / DSSB / HTET सभी एग्जाम में पूछे जाते हैं।
दोस्तो सामाजिक निर्माणवाद या रचनावाद सिद्धांत (Social Constructivism Theory, 1978) के जनक लेव सिमनोविच वाइगोत्स्की (Lev S. Vygotsky) हैं। पियाजे का सिद्धांत जिसमें संज्ञानात्मकता को महत्त्वपूर्ण मानते हैं ,इनके के विपरीत वाइगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अधिगम व विकास सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण की मध्यस्थता के साथ चलते हैं।
सामाजिक निर्माणवाद या रचनावाद सिद्धांत के जनक लेव वाइगोत्स्की हैं। पियाजे के सिद्धांत के विपरीत वाइगोत्स्की के सिद्धांत के अनुसार, अधिगम व विकास सांस्कृतिक और सामाजिक वातावरण की मध्यस्थता के साथ चलते हैं। सामाजिक अधिगम सिद्धांत को व्यवहारवाद और संज्ञानात्मक अधिगम सिद्धांतों का पुल कहा जाता है, क्योंकि यह ध्यान, स्मृति और प्रेरणा से संबंध रखता है। इस सामाजिक अधिगम सिद्धांत को वाइगोत्स्की के सामाजिक विकास सिद्धांत से संबंधित माना जाता है।
इस सामाजिक अधिगम सिद्धांत को वाइगोत्स्की (Vygotsky) के सामाजिक विकास सिद्धांत (Social Development Theory) के नाम से जाना जाता है।
वाइगोत्स्की को 1974 में एपीए (American Psychological Association) का अध्यक्ष चुना गया और 1980 में विशिष्ट वैज्ञानिक योगदान के लिए एपीए का पुरस्कार दिया गया।
वाइगोत्स्की का सामाजिक विकास सिद्धांत – Vygotsky Theory in Hindi
रूसी मनोवैज्ञानिक लेव सिमनोविच वाइगोत्स्की ने संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक अंतःक्रिया पर अधिक बल दिया और कहा कि समुदाय का सीखने में बहुत महत्त्व है। सामाजिक अधिगम (Social Learning) की प्रक्रिया विकास के पहले ही आरंभ हो जाती है।
व्यक्तिगत विकास को भी सामाजिक विकास के बिना नहीं समझा जा सकता। व्यक्ति की उच्च मानसिक प्रक्रिया (Higher Mental Process) की उत्पत्ति भी सामाजिक प्रक्रिया से होती है।
वाइगोत्स्की (1896-1934) ने अंतरीकरण के सिद्धांत तथा संभावित विकास क्षेत्र (जोन ऑफ प्राॅक्सिमल डेवेलपमेंट) के सिद्धांत दिए है। वाइगोत्स्की के अनुसार, अधिगम और विकास की पारस्परिक प्रक्रिया में बालक की सक्रिय भागीदारी होती है जिसमें भाषा का संज्ञान पर सीधा प्रभाव होता है। अधिगम और विकास अंतर्संबंधित प्रक्रियाएं हैं, जो छात्र के जीवन के पहले दिन से प्रारंभ हो जाती हैं।
लेव सिमनोविच वाइगोत्स्की के अनुसार,
विभिन्न बालकों के अलग-अलग विकास स्तर पर अधिगम की व्यवस्था समरूप तो हो सकती है किंतु एकरूप नहीं, क्योंकि सभी बच्चों का सामाजिक अनुभव अलग होता है। उनके अनुसार, अधिगम विकास को प्रेरित करता है।
उन्होंने मानव के सांस्कृतिक तथा जैव-सामाजिक विकास का सिद्धांत दिया । इसे सांस्कृतिक-ऐतिहासिक सिद्धांत के नाम से जाना जाता है। इस सिद्धांत के अनुसार, सामाजिक अंतःक्रिया ही बालक की सोच व व्यवहार में निरंतर बदलाव लाता है जो एक संस्कृति से दूसरे में भिन्न हो सकता है।
उनके अनुसार, किसी बालक का संज्ञानात्मक विकास उसके अन्य व्यक्तियों से अंतर्संबंधों पर निर्भर करता है। वाइगोत्स्की ने अपने सिद्धांत में संज्ञान और सामाजिक वातावरण का सम्मिश्रण किया। वाइगोत्स्की ने संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक अंतःक्रिया पर बल दिया। बालक अपने से बङे और ज्ञानी व्यक्तियों के संपर्क में आकर चिंतन और व्यवहार के संस्कृति अनुरूप तरीके सीखते हैं।
वाइगोत्स्की का सामाजिक-सांस्कृतिक दृष्टिकोण संज्ञानात्मक विकास का एक रोचक विश्लेषण करता है।
सामाजिक-सांस्कृतिक सिद्धांत के दो प्रमुख तत्त्व दिए गए हैं
(1) अंतरीकरण का सिद्धांत या व्यक्तिगत भाषा (Internalisation Theory & Individual Language) –
वाइगोत्स्की का मानना था कि विकास वातावरण में शुरू होता है, विशेषकर सामाजिक वातावरण में। इसमें इंसान बाहर होने वाले अवलोकन को अपने भीतर आत्मसात करके सीखता है। इसमें बालक अपने व्यवहार को नियंत्रित और निर्देशित करने के लिए स्वयं से बातचीत करता है। वाइगोत्स्की के अनुसार, भाषा समाज द्वारा दिया गया प्रमुख सांकेतिक उपकरण है, जो बालक के विकास में विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। बोला कैसे जाता है? यह अंतरीकरण का एक अच्छा उदाहरण है।
उदाहरण के तौर पर, छोटे बच्चे कक्षा में अपने शिक्षक की तरह कुर्सी पर बैठकर अन्य बच्चों को चुपचाप बैठकर पढ़ने और आपस में बात न करने के निर्देश देने का अभिनय करते हैं और उसी तरह व्यवहार करना सीखते हैं।
हिंदी भाषी क्षेत्र में बच्चे देखते हैं कि माता-पिता किस तरह विभिन्न ध्वनियों का उच्चारण करते हैं। बच्चे इन ध्वनियों को सीख लेते हैं और धीरे-धीरे बच्चे अपने माता-पिता की तरह हिंदी बोलना शुरू कर देते हैं। इस तरह बच्चे अपने माता-पिता की भाषा को आत्मसात कर लेते हैं।
अतः बाहर (वातावरण) सेे अंदर की ओर (बच्चे के आतंरिक स्व) की दिशा में होने वाले विकास को वाइगोत्स्की ने अंतरीकरण नाम दिया है।
(2) निकटतम विकास का क्षेत्र (Zone of Proximal Development or ZPD)-
समीपस्थ विकास का क्षेत्र ((ZPD) क्या है ?
वाइगोत्स्की ने शिक्षक के रूप में अनुभव के दौरान यह जाना है कि बालक अपने वास्तविक विकास स्तर से आगे जाकर समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, यदि उन्हें थोङा निर्देश मिल जाए। इस स्तर को वाइगोत्स्की ने संभावित विकास माना है।
आसान भाषा में यह समझें कि बालक के वास्तविक विकास स्तर और संभावित विकास स्तर के बीच के अंतर/क्षेत्र को वाइगोत्स्की ने निकटतम विकास का क्षेत्र (ZPD) कहा है।
वाइगोत्स्की कहते हैं कि बालक के स्वयं से समस्या समाधान की क्षमता द्वारा होने वाले वास्तविक विकास के स्तर और किसी बङे व्यक्ति के निर्देशन में होने वाले विकास के बीच का अंतर ही संभावित विकास के क्षेत्र को निर्धारित करता है।
यह संप्रत्यय दोस्तों के सहयोग से सीखने (Peer Learning) को बङों के निर्देशन में सीखने जितना ही महत्त्वपूर्ण मानता है। बच्चों को इस क्षेत्र में रहने का अवसर मिलने पर उनके व्यक्तिगत अधिगम स्तर में वृद्धि के साथ ही सीखने को लेकर अधिक प्रोत्साहन मिलेगा।
उदाहरणार्थ, पहली कक्षा के बच्चों ने भाषा के कालांश में शिक्षक की मदद से किसी शब्द की पहली आवाज को पहचानना सीखा और उसके बाद उन्होंने उन शब्दों की पहली आवाज को भी पहचानना सीख लिया, जो उनको सिखाए या बताए नहीं गए थे।
सामाजिक विकास सिद्धांत की विशेषताएँ (Features of of Cognitive Development Theory)
(1) वाइगोत्स्की के अनुसार, सीखने में शिक्षक के अलावा सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण का महत्त्वपूर्ण स्थान है।
(2) संस्कृति संज्ञानात्मक विकास को दिशा देती है। ज्ञान भी सामाजिक संदर्भ में होता है। विकास को सामाजिक संदर्भ से अलग नहीं किया जा सकता है।
(3) संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक कारक का बहुत महत्त्व है।
(4) सीखना विकास की ओर निर्देशित कर सकता है। सामाजिक वातावरण सीखने में सहायता करता है ।
(5) वाइगोत्स्की ने संज्ञानात्मक विकास के लिए भाषा पर बल दिया है। तर्क करना, चिंतन करना आदि सभी सांस्कृतिक कारकों को मदद करते हैं।
(6) वाइगोत्स्की के अनुसार, बच्चे ज्ञान का सृजन करते हैं।
(7) बच्चे की भाषा, दक्षताएं व अनुभव आदि व्यक्ति की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से प्रभावित होते हैं।
वाइगोत्सकी सामाजिक विकास के सिद्धांत महत्त्वपूर्ण प्रश्न –
(ब) समीपस्थ/निकटस्थ का क्षेत्र ✔️
(स) साम्यधारण
(द) संरक्षण
(ब) एक सामाजिक गतिविधि है ✔️
(स) एक व्यक्तिगत गतिविधि है
(द) एक निष्क्रिय गतिविधि है
(ब) पुरस्कार एवं दंड
(स) सामाजिक पारस्परिक क्रिया ✔️
(द) उद्दीपन-अनुक्रिया संबंध
(ब) स्कैफोल्डिंग (पाङ या ढांचा)
(स) आसन्न/समीपस्थ विकास क्षेत्र ✔️
(द) अंतः व्यक्तिनिष्ठिता
(ब) चार्ल्स डार्विन
(स) बीएफ स्किनर
(द) यूरी ब्रोंफेनब्रेनर
(ब) बच्चों को एक पालन-पोषण का परिवेश उपलब्ध कराने की भूमिका
(स) भाषा एवं चिंतन के बारे में उनके दृष्टिकोण ✔️
(द) ज्ञान के सक्रिय निर्माताओं के रूप में बच्चों की संकल्पना
(ब) पियाजे
(स) डीवी
(द) कोह्लबर्ग
(ब) निकटस्थ विकास का क्षेत्र, इस सिद्धांत का एक भाग है
(स) यह बालक के संज्ञानात्मक विकास में भाषा के महत्व की उपेक्षा करता है ✔️
(द) यह संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं संस्कृति की भूमिका पर बल देता है।
(ब) सामाजिक अन्तःक्रिया ✔️
(स) विद्यालयी समय
(द) पाठ्य-पुस्तकों
(ब) विकास-प्रक्रिया अधिगम-प्रक्रिया से पीछे रह जाती है ✔️
(स) विकास अधिगम का समानार्थक है
(द) अधिगम एवं विकास समांनातर प्रक्रियाएं हैं
वाइगोत्सकी सामाजिक विकास के सिद्धांत महत्त्वपूर्ण प्रश्न –
(ब) सामाजिक
(स) सांस्कृतिक
(द) जैविक ✔️
(ब) बच्चे के द्वारा स्वतंत्र रूप से किए जा सकने वाले तथा सहायता के साथ करने वाले कार्य के बीच अन्तर ✔️
(स) बच्चे को अपना सामथ्र्य प्राप्त करने के लिए उपलब्ध कराए गए सहयोग की मात्रा एवं प्रकृति
(द) बच्ची अपने आप क्या कर सकती है, जिसका आकलन नहीं किया जा सकता है
(ब) नैतिक
(स) शारीरिक
(द) सामाजिक ✔️
(ब) अन्य बच्चों द्वारा
(स) उन प्रौढ़ों द्वारा जो शिक्षक की भूमिका का निर्वहन करते हैं ✔️
(द) न ही अन्य बच्चों द्वारा और न ही अन्य प्रौढ़ों द्वारा जो शिक्षक की भूमिका का निर्वहन करते हैं
(ब) स्पष्ट करती है कि बच्चे अहं-केंद्रित होते हैं
(स) प्रदर्शित करती है कि बच्चे अपने आप से प्यार करते हैं
(द) स्पष्ट करती है कि बच्चे अपने ही कार्यों के निर्देशन के लिए भाषा का उपयोग करते हैं ✔️
(ब) पियाजे द्वारा
(स) स्किनर द्वारा
(द) वाइगोत्स्की द्वारा ✔️
(ब) उसके सामाजिक संदर्भ ✔️
(स) पुनर्बलन
(द) व्यवहार में मापने योग्य परिवर्तन से
(ब) बच्चे तब सीखते हैं जब उनके लिए आकर्षक पुरस्कार निर्धारित किए जाएं
(स) बच्चों के चिंतन को तब समझा जा सकता है जब प्रयोगशाला में पशुओं पर प्रयोग किए जाएं
(द) बच्चे जन्म से शैतान होते हैं और उन्हें दंड देकर नियंत्रित किया जाना चाहिए
(ब) वाइगोत्स्की ✔️
(स) एरिक्सन
(द) पियाजे
(ब) वाइगोत्स्की का ✔️
(स) कोह्लबर्ग का
(द) फ्रायड का
(ब) उद्दीपक-अनुक्रिया युग्मन
(स) संतुलन
(द) सामाजिक अन्योन्यक्रिया ✔️
बाण्डुरा का सामाजिक अधिगम सिद्धांत
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